Politalks.News/Bihar/Rajasthan. बिहार विधानसभा चुनाव के तीनों चरण संपन्न हो चुके हैं. कल मतगणना शुरु होगी और सभी नतीजे मंगलवार शाम तक सामने आ जाएंगे. एक्जिट पोल सर्वे के मुताबिक महागठबंधन को सत्ता हासिल होने जा रही है जिससे कांग्रेस भी उत्साहित है. लेकिन वहीं कर्नाटक, गुजरात और मध्यप्रदेश के पुराने अनुभव के बाद अब कांग्रेस को बिहार में भी सेंधमारी का डर सताने लगा है जिसके चलते बिहार कांग्रेस के जीतने वाले विधायकों की बाड़ाबंदी करने की तैयारी हो रही है. जीतने वाले सभी विधायकों को राजस्थान की राजधानी जयपुर लाने की योजना है. वहीं पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय की तैनाती बिहार में पक्की कर रखी है.
दरअसल, कांग्रेस को इस बात की आशंका है कि चुनाव परिणाम आने के बाद उसके विधायक बीजेपी या अन्य विरोधियों की राजनीति के शिकार हो सकते हैं. इसको लेकर फिडबैक सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक को है. सुरजेवाला और अविनाश पांडेय की बिहार तैनाती के साथ ही राजस्थान के करीब 15 नेताओं को इसकी कमान सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की नजर उन 10-15 नेताओं पर है, जो खास तौर से दूसरी पार्टियों से कांग्रेस में आए हैं. उनके पिछली पार्टी या फिर यू कहें बीजेपी या जदयू से फिर से हाथ मिलाने की आशंका के चलते कांग्रेस ऐसा कर रही है. कई राज्यों में बनी बनाई सरकार गिरने के कटु अनुभव का सामना कर चुकी कांग्रेस अब किसी भी रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है.
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सूत्रों से खबर आ रही है कि बिहार के 10 से 15 विधायकों को जीतने के बाद काउंटिंग सेंटर से ही उठा लेने की प्लानिंग हैं और इन सभी को बिहार से काफी दूर राजस्थान ले जाने की प्लानिंग है. बिहार में झारखंड के मंत्री पन्ना गुप्ता, राजस्थान को दो मंत्री राजेन्द्र यादव और रघु शर्मा, उत्तराखंड के हरिद्वार विधायक काजी निजामुद्दीन और पंजाब के एमएलए गुरजीत कोठरी बिहार पहुंच भी चुके हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजों के बाद कांग्रेस ही नहीं राजद भी अपनी पार्टी को एकजुट रखने में लगी हुई है.
गौरतलब है कि बिहार विस चुनावों में कांग्रेस ने 243 में से 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. एक अनुमान और सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस को 35 से 40 सीटें मिल रही है. वहीं राजद को 90 से 100 के बीच सीटों पर सफलता मिलती दिख रही है. अगर अनुमान सच होते हैं तो दोनों पार्टियां बहुमत के एकदम आसपास रहेंगी. पिछले एक साल में कर्नाटक, एमपी जैसे बड़े राज्यों में कांग्रेस सरकार के तख्तापलट के बाद कांग्रेस किसी भी वजह से कोई रिस्क उठाने के मूड में नहीं है. एक्जिट पोल के अनुसार महागठबंधन सरकार बनने के साथ ही तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनना तय है.
महागठबंधन की दूसरी बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस सरकार में आने के बाद गृह मंत्रालय और डिप्टी सीएम जैसे महत्वपूर्ण पद पर कब्जा जमाने की फिराक में है. ऐसे में किसी भी तरह का डैमेज नहीं चाहते. राजस्थान में आने वाले सभी बिहारी विधायकों की पूरी जानकारी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी होगी.