भागवत की नसीहत- शादी के लिए धर्म ना बदलें हिंदु, संघ के कार्यक्रमों में आएं 50 फीसदी महिलाएं

DNA के बाद अब धर्मांतरण पर बोले भागवत- अपने छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए ना बदले धर्म, बच्चों को जवाब देने के लिए होना होगा शिक्षित, परिवार को रखना होगा ड्रग्स से दूर

भागवत की नसीहत- शादी के लिए धर्म ना बदलें हिंदु
भागवत की नसीहत- शादी के लिए धर्म ना बदलें हिंदु

Politalks.News/Uttarakhand. संघ प्रमुख मोहन भागवत इन दिनों अपने बयानों को लेकर काफी चर्चा में हैं. मोहन भागवत कभी तो हिंदू मुसलमान का DNA एक होने की बात कहते हैं तो कभी देश भर में किसी न किसी रूप में धर्मांतरण को लेकर भी सवाल उठाते रहे हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर राष्ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के संचालक मोहन भागवत ने धर्मांतरण को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा है  कि, ‘अपने छोटे-छोटे स्‍वार्थों के कारण और विवाह करने के मकसद से आज कल के लड़के-लड़कियां दूसरा धर्म अपना रहे हैं. इसीलिए हमें अपने बच्‍चों को अपने धर्म और पूजा के प्रति सम्‍मान व आदर भाव सिखाना चाहिए, ताकि वे दूसरे धर्म में ना जाएं’.

उत्तराखंड के हल्द्वानी में आयोजित एक कार्यक्रम ‘हिंदू जगे तो विश्व जगेगा’ के दौरान मोहन भागवत ने RSS कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को करते हुए कहा कि ‘इस देश में कैसे धर्मांतरण होता है? हमारे देश के लड़के, लड़कियां दूसरे धर्मों में कैसे चले जाते हैं? यह सबसे बड़ा सवाल है. छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण, विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन होता है. धर्मांतरण कराने वाले गलत हैं वो अलग बात है, लेकिन हमारे बच्चे क्या हम नहीं तैयार करते?’

यह भी पढ़े: अजय की जगह अतीक होता तो बुलडोजर चल गया होता, आशीष के अब्बाजान को बचा रहे योगी- ओवैसी

धर्मांतरण का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि ‘आज हमको अपने बच्चों को घर पर ही यह संस्कार देंने होंगे कि वह अपने स्वयं के प्रति गौरव, अपने धर्म के प्रति गौरव, अपनी पूजा के प्रति आदर करें’. भागवत ने आगे कहा कि, ‘अगर इन सबको लेकर कोई प्रश्न पूछा जाए तो उत्तर देना, इसे लेकर कंफ्यूज मत होना’. कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने भारतीय पारिवारिक मूल्यों और उन्हें कैसे बचाए रखना है इस बारे में विस्तार से बात की. उन्होंने यह मुद्दा भी उठाया कि, ‘कैसे RSS के अधिकतर आयोजनों में सिर्फ पुरुष ही दिखाई देते हैं’.

मोहन भागवत ने आगे कहा कि, ‘RSS का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज को एकजुट करना है, लेकिन जब हम कोई भी कार्यक्रम का आयोजन करते हैं उसमें हमें सिर्फ पुरुष ही दिखाई देते हैं’. भागवत ने कहा कि, ‘अगर हमें पूरे समाज को संगठित करना है तो इन कार्यक्रमों में कम से कम 50% महिलाओं को शामिल होना पड़ेगा’. भागवत ने यह भी कहा कि, ‘इस देश के हर भारतीय ने हमेशा अपनी दौलत दूसरों के साथ बांटी है’. आपको बता दें कि संघ से महिलाओं की दूरी को लेकर राहुल गांधी ने हालही में RSS पर निशाना साधा था. संघ प्रमुख के बयान को इससे जोड़कर देखा जा रहा है.

यह भी पढ़े: परीक्षाओं में धांधली के विरोध में युवा मोर्चा प्रदेशव्यापी हल्ला बोल, डोटासरा ने बताया नौटंकी

वहीं बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे की मुंबई क्रूज़ ड्रग्स केस में गिरफ़्तारी पर हर तरफ चर्चा और हंगामा मचा हुआ है. इस बारे में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, ‘दूसरे देश हमारे भारत की संस्कृति को पहुंचाने के लिए ड्रग्स जैसी मादक चीज़ें हमारे देश में भेज रहे हैं. हमारे लिए ड्रग्स से दूर रहना और अपने परिवार को इससे बचाना जरूरी है.

अगले साल की शुरुआत में 5 अहम राज्यों के चुनाव होने हैं और ऐसे समय में हिन्दुओं को एकजुट करने वाला मोहन भागवत का यह बयान काफी चर्चाओं में बना हुआ है. उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में वापसी चाहती है लेकिन सरकार में एक के बाद एक हुए मुख्यमंत्रियों के बदलाव एवं सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी चरम पर है. ऐसे में एक बार फिर मोहन भागवत बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव के तहत जमीन तैयार करने में जुटे हैं. उत्तराखंड के साथ साथ उत्तरप्रदेश, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव होने है. इससे पहले भी मोहन भागवत हिंदू और मुसलमानों के एक DNA होने की बात कह चुके हैं. उस वक़्त भी भागवत विपक्षी दलों के निशाने पर आये थे और अब धर्मांतरण को लेकर दिए गए बयान पर उन नेताओं की क्या प्रतिक्रिया होगी यह देखना दिलचस्प होगा.

Leave a Reply