पॉलिटॉक्स न्यूज. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक को एप्रोच किया है. पीके हमेशा से ही सोशल मीडिया पर प्रचार को लेकर आगे रहे हैं. बीजेपी उनकी इस तरकीब को भली भांति जानती और समझती है. यही वजह है कि डिजिटल रणनीति के खिलाफ उतरते हुए बीजेपी ने ‘रीबूट कोलकाता’ वेबसाइट शुरु की है. इस वेबसाइट में कोलकाता के ज्वलंत मुद्दों का जिक्र है और इसके समाधान के लिए लोगों का सुझाव मांगा है. साथ ही, कोलकाता को पुनर्जीवित करने के लिए अभियान में खासकर युवा वर्ग से आगे आने का आह्वान किया गया है. सियासी गलियारों में चर्चा भी यही है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह दरअसल अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी का ही अभियान है. हालांकि बीजेपी इस बात से साफ इनकार कर रही है.
rebootKolkata.org वेबसाइट को कुम्हार टोली, पीली टैक्सी, ट्राम, हाथ रिक्शा आदि की तस्वीरों के साथ तैयार किया गया है जिसमें कोलकाता के नागरिकों की समस्याओं को दर्शाया गया है. सबसे गौर करने वाली बात ये है कि पूरी वेबसाइट पर कहीं किसी राजनीतिक संबंध की छाप नहीं है. वेबसाइट की कैच लाइन ‘लेट अस राइज अप, रेज आवर वॉयस एंड रिवाइटलाइज आवर सिटी आफ जॉय’ है. वेबसाइट में मूल रूप से आठ समस्याओं का उल्लेख किया गया है जिनमें सुरक्षा, बिजली, संस्कृति, रोजगार, अखंडता, बुनियादी ढांचा, जल और स्वच्छता शामिल हैं.
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वेबसाइट में युवा समुदाय को उनसे जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए नए विचारों के साथ आगे आने के लिए कहा गया है. इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 18 और 25 वर्ष की आयु के युवाओं को आमंत्रित किया गया है. दूसरी बात तो पहले से भी अधिक गौर करने लायक है, वो है प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वेबसाइट में मिस्ड कॉल के लिए दिया गया मोबाइल नंबर ‘9227092270’. दरअसल यह वही नंबर है जो पिछले साल हुए आम चुनावों में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए ‘नेशन विद नमो’ अभियान के लिए दिया गया था.
इससे तो यही लगता है कि ये बीजेपी का चुनावी प्रचार के दौरान पार्टी का अप्रत्यक्ष अभियान है. कुछ राजनीति जानकारों ने इस पर सहमति भी जताई है तो सरकार के एक सांसद ने इससे इनकार की. यहां तक की उन्होंने इस वेबसाइट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि खोजबीन के बाद पता चलेगा कि इस वेबसाइट के पीछे कौन है. लेकिन आखिरी समय तक पत्ते न दिखाने की कला बीजेपी की सभी जानते हैं. ऐसे में ये बीजेपी का प्रचार अभियान है, इसे सच माना जा सकता है.
वहीं बीजेपी के राज्य के आइटी सेल के प्रमुख उज्ज्वल पारेख ने भी पार्टी की ओर से इस तरह का किसी भी बेवसाइट चलाने की बात से इनकार किया. ‘नेशन विद नमो’ अभियान का फोन नंबर ‘रीबूट कोलकाता’ के फोन नंबर से कैसे मेल खाता है? सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि इस तरह के नंबर संबंधित एजेंसियों से किराए पर लिए जाते हैं. अभियान के समाप्त होने के साथ ही नंबर छोड़ दिया जाता है.
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खैर सच क्या है ये भी कुछ दिनों में पता चल ही जाएगा लेकिन ये बीजेपी का चुनावी कैंपेन है, इस बात को झुटलाने वाले कम ही लोग हैं. गौरतलब है कि जेपी नड्डा के पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने बंगाल चुनाव की बागड़ौर अपने हाथ में ली हुई है. इतना ही नहीं, इसके लिए अमित शाह बांग्ला भी सीख रहे हैं. साथ ही उनकी हर महीने में दो दिन कोलकाता सहित अन्य जिलों में रूकने का प्लान बनाया जा रहा है जो अगस्त से 7 दिन प्रति माह में बदल सकता है. शाह ने चुनावी समीकरण साधने के लिए अभी से बंगाल में रैलियां करना भी शुरु कर दिया है. वहीं प्रशांत किशोर भी दिल्ली चुनाव में जीत का ताज लेकर बंगाल पहुंचने में हैं. जिस तरह दिल्ली वि.स.में पीके की रणनीति का जादू चला है, उससे बंगाल सीएम ममता बनर्जी भी खासी उत्साहित हैं.