अनिल चौहान की जीवनी | Anil Chauhana Biography in Hindi

anil chauhana biography in hindi
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Anil Chauhana Latest News – जनरल अनिल चौहान देश के दूसरे सीडीएस है. जनरल अनिल चौहान को चार दशकों के अपने लम्बे कार्यकाल में कई पदक मिल चुके है. जनरल चौहान को वर्ष 2011 में विशिष्ट सेवा पदक, वर्ष 2014 में सेना पदक, वर्ष 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक, वर्ष 2018 में उत्तम युद्ध सेवा पदक और वर्ष 2020 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है. जनरल अनिल चौहान से पहले देश के पहले आधिकारिक चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत थे. सीडीएस तीनो सेना प्रमुख होता है. इस लेख में हम आपको देश के दूसरे सीडीएस अनिल चौहान की जीवनी (Anil Chauhana Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

अनिल चौहान की जीवनी (Anil Chauhana Biography in Hindi)

पूरा नाम व्योमिका सिंह
उम्र 63 साल
जन्म तारीख 18 मई 1961
जन्म स्थान उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल
शिक्षा स्नातक
कॉलेज डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज
वर्तमान पद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
व्यवसाय भारतीय सेना
बैच
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम
माता का नाम
भाई-बहन
पत्नी का नाम अनुपमा
बच्चे एक बेटी (प्रज्ञा)
स्थाई पता
वर्तमान पता
फोन नंबर
ईमेल

अनिल चौहान का जन्म और परिवार (Anil Chauhana Birth & Family)

जनरल अनिल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ.  सीडीएस अनिल चौहान की शादी अनुपमा से हुई है, जो एक कलाकार है. उनकी एक बेटी है, जिनका नाम प्रज्ञा है.

अनिल चौहान धर्म से हिन्दू है और जाति से राजपूत है.

अनिल चौहान की शिक्षा (Anil Chauhana Education)

अनिल चौहान ने शुरूआती पढाई कोलकाता के फोर्ट विलियम में केंद्रीय विद्यालय से की थी. उसके बाद चौहान राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल हो गए. इसके बाद चौहान वर्ष 1980 में 68 वें कोर्स में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में शामिल हो गए. उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से भी स्नातक की डिग्री ली हैं

अनिल चौहान का करियर (Anil Chauhana Career)

पढाई के बाद सीडीएस अनिल चौहान को 13 जून 1981 को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से 11वीं गोरखा राइफल्स की 6वीं बटालियन में द्वितीय लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति मिली थी. सेना के एक मेजर जनरल के तौर पर अनिल चौहान ने पहली बार उत्तरी कमान के बारामुल्ला स्थित 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली. मेजर जनरल अनिल चौहान को वर्ष 2017 में लेफ्टिनेंट जनरल बनाया गया था. उस समय उन्हें दीमापुर स्थित 3 कोर का जनरल ऑफिसर कमांडिंग नियुक्त किया गया था. बाद में उन्हें जनवरी 2018 में सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) नियुक्त किया गया, जिसके दौरान उन्होंने दो प्रमुख सैन्य अभियानों की देखरेख की थी. पाकिस्तान के विरुद्ध 2019 का बालाकोट हवाई हमला और ऑपरेशन सनराइज. ऑपरेशन सनराइज एक संयुक्त भारत – म्यांमार आतंकवाद विरोधी अभियान था

भारतीय सेना में डीजीएमओ (Director General of Military Oprations) बड़ा ही महत्वपूर्ण पद होता है. आमतौर पर पडोसी देशो के बीच विवादों का निपटारा इन्ही स्तर पर हो जाया करती है. इस पद को सीनियर लेफ्टिनेंट संभालता है. डीजीएमओ थलसेना के प्रमुख को रिपोर्टिंग करता है और सेना के तीनो अंगो, थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल बनाता है. दूसरे शब्दों में जमीनी स्तर पर यही अधिकारी किसी ऑपरेशन को अंजाम देता है. युद्ध के समय या शांति मिशन में भी इनकी बड़ी भूमिका होती है. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के उप सेना प्रमुख में नियुक्ति के बाद जनरल अनिल चौहान को 1st सितंबर 2019 को पूर्वी कमान का प्रमुख बना दिया गया.

इसी के बाद जनरल अनिल चौहान 31st मई 2021 को रिटायर हो गए. सेना की नौकरी से रिटायर होने के बाद उन्होंने एनएसए अजित डोभाल के साथ काम किया और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) में एक सैन्य सलाहकार के पद पर बहाल किये गए.

जनरल अनिल चौहान- दूसरे ‘चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ’ के रूप में

जनरल अनिल चौहान को 28 सितंबर, 2022 को रक्षा मंत्रालय ने देश का नया ‘चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ’ चुन लिया. चूँकि इससे पहले बिपिन रावत इस पद पर थे पर 8 दिसंबर 2021 को एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई. इसी के बाद यह पद कुछ समय तक खाली रह गया क्योकि बिपिन रावत से पहले इस पद अस्तित्व नहीं था और इसी के कारण यह परिभाषित नहीं था कि इस पद के लिए पात्रता क्या होनी चाहिए. इसी के बाद कुछ समय के बाद अस्थायी रूप से इस पर तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को बहाल किया गया पर अप्रैल 2022 को वह भी रिटायर कर गए. इसके बाद फिर से यह पद रिक्त हो गया. इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने एक सुचना जारी करके इस पद के लिए पात्रता घोषित किया कि अब देश के ‘चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ’ के पद पर 62 वर्ष से कम आयु का कोई भी तीन सितारा अधिकारी जिनमे लेफ्टिनेंट जनरल, वाइस एडमिरल या एयर मार्शल होता है, को उपयुक्त माना जाएगा अब चाहे वे सेवा में हो अथवा रिटायर हो. फिर इसी के बाद अनिल चौहान को देश का दूसरा आधिकारिक चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर नियुक्त किये गए.

सीडीएस अनिल चौहान एक लेखक भी

सीडीएस अनिल चौहान सेना में होने के बावजूद एक लेखक भी है. उन्होंने दो पुस्तके भी लिखी है. आफ्टरमैथ ऑफ़ ए न्यूक्लियर अटैक – एन एनालिटिक डिटेलिंग द इफेक्ट्स ऑफ़ ए न्यूक्लियर फॉलआउट’ और हिस्ट्री ऑफ़ 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर.  उनकी पहली पुस्तक  2010 में प्रकाशित हुई थी जबकि दूसरी पुस्तक कमांडर रहते लिखी थी. उनकी दोनों ही पुस्तके सेना से संबंधित है.

इस लेख में हमने आपको तीनों सेना प्रमुख और CDS अनिल चौहान की जीवनी (Anil Chauhana Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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