G.D. Bakshi Latest News – मेजर जनरल जीडी बख्शी एक भारतीय सेवानिवृत्त सेना अधिकारी हैं. जीडी बख्शी देश के जाने-माने व लोकप्रिय रक्षा विशेषज्ञ भी है. उन्हें टीवी डिबेट्स में अक्सर देखा जा सकता है. राष्ट्रवादी विचारधारा से भरे हुए बख्शी जब कर्कश आवाज में टीवी शो में दहाड़ते है तो दुश्मन व विरोधी के मुँह बंद हो जाया करते है. उन्हें देश की प्रायः सभी नेशनल चैनल्स पर देखा जा सकता है. इसी कारण लोग उन्हें पहचानते है. वह सेना के अनुभवी व वरिष्ठ अधिकारी भी रह चुके है. इस लेख में हम आपको जीडी बख्शी की जीवनी (G. D. Bakshi Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
जीडी बख्शी की जीवनी (G. D. Bakshi Biography in Hindi)
पूरा नाम | गगनदीप बख्शी |
उम्र | 75 साल |
जन्म तारीख | वर्ष 1950 |
जन्म स्थान | मध्य प्रदेश के जबलपुर |
शिक्षा | – |
कॉलेज | पुणे के खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी |
वर्तमान पद | पूर्व मेजर जनरल |
व्यवसाय | भारतीय सेवानिवृत्त सेना अधिकारी |
बैच | – |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | एसपी बख्शी |
माता का नाम | – |
भाई-बहन | – |
पति का नाम | – |
बच्चे | – |
स्थाई पता | – |
वर्तमान पता | – |
फोन नंबर | – |
ईमेल | – |
जीडी बख्शी का जन्म और परिवार (G. D. Bakshi Birth & Family)
जीडी बख्शी का जन्म वर्ष 1950 में मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था. जीडी बख्शी का पूरा नाम गगनदीप बख्शी है. उनके पिता एसपी बख्शी थे, जो जम्मू और कश्मीर राज्य बलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी थे.
जीडी बख्शी के एक बड़े भाई भी थे जिनका नाम कैप्टन सृष्टि रमन बख्शी था. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान एक माइन विस्फोट में वह शहीद हो गए थे. उस समय जीडी बख्शी 23 साल के थे. बताया जाता है कि उसी दुःखद घटना के बाद जीडी बख्शी ने सेना में जाने का मन बना लिया.
जीडी बख्शी की शिक्षा (G. D. Bakshi Education)
जीडी बख्शी ने जबलपुर के सेंट एलॉयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की. उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से आगे की पढाई की. बख्शी ने पुणे के खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से भी शिक्षा प्राप्त की थी.
जीडी बख्शी का एक सेना अधिकारी के तौर पर करियर (G. D. Bakshi Army Career)
मेजर जनरल जीडी बख्शी नवंबर 1971 में सेना में शामिल हुए थे. उन्हें आईएमए देहरादून से भारतीय सेना में कमीशन मिला था. उसी समय भारत और पाकिस्तान का युद्ध छिड़ गया और बख्शी को पूर्वी छोड़ यानी बांग्लादेश फ्रंट पर भेज दिया गया था. जीडी बख्शी ने पहले चीन फ्रंट पर और फिर इसके बाद बांग्लादेश की मुक्ति का समर्थन करने वाली मुक्ति वाहिनी सेना के साथ मिलकर काम किया और पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश बनाने में सहयोग किया. जब अस्सी के दशक के शुरुआत में पंजाब में उग्रवाद चरम पर था तब उन्हें पंजाब में ड्यूटी देने के लिए भेजा गया.
उस समय जीडी बख्शी कमांडिंग ऑफिसर हुआ करते थे. एक कमांडिंग ऑफिसर रहते हुए उन्होंने खालिस्तानी उग्रवादियों के विरुद्ध अपने साथ के सिख सैनिकों का नेतृत्व किया एवं यूनिट की एकता व स्थानीय लोगो का समर्थन प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. क्योकि उग्रवाद को समाप्त करने में स्थानीय लोगो के साथ मिलकर काम करना होता है.
मेजर जनरल जीडी बख्शी लम्बे समय तक आतंकवाद से त्रस्त क्षेत्र जम्मू कश्मीर में भी ड्यूटी दे चुके है. उन्होंने जम्मू – कश्मीर के राजौरी व पुंछ जिलों में विशेष आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान रोमियो फोर्स (राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा) की कमान संभाली थी और इस क्षेत्र में सशस्त्र उग्रवाद को दबाने में सफल रहे थे. जीडी बख्शी सैन्य संचालन महानिदेशालय में दो कार्यकाल तक रहे है. बख्शी उत्तरी कमान में पहले बीजीएस (आईडब्ल्यू) थे. मेजर जनरल जीडी बख्शी वर्ष 2008 में सेवानिवृत्त हो गए.
कई पदक से भी सम्मानित
मेजर जनरल जीडी बख्शी कई पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है. 1987 की सीमा झड़पों के दौरान कारगिल सेक्टर के द्रास में पड़ने वाले काकसर में एक बटालियन की कमान संभालने के लिए विशिष्ट सेवा पदक से उन्हें सम्मानित किया गया. इसके बाद आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान एक बटालियन की कमान संभालने में विशिष्ट सेवा के लिए सेना पदक से बख्शी को सम्मानित किया गया. जीडी बख्शी को सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक, विशेष सेवा पदक, सैन्य सेवा पदक, ऑपरेशन विजय मेडल, संग्राम पदक, उच्च ऊंचाई सेवा पदक, स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगांठ पदक, स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ पदक आदि मिल चुके है.
कई पुस्तके लिखी
मेजर जनरल जीडी बख्शी हिंदी और अंग्रेजी के अच्छे जानकार है. इसलिए उनकी किताबे दोनों ही भाषाओ में लिखी हुई मिलती है. जीडी बख्शी ने कई किताबें लिखी हैं. उनमें से कुछ हैं,
‘कल्कि तू कहां है, सरस्वती सभ्यता, वेदों के ज्ञान की पुनर्व्याख्या, बोस या गांधी: किसने दिलायी भारत को आज़ादी, स्वतंत्रता एक चील है, एक चौकी से कविताएँ, नेताजी एंड द आईएनए ए मिलिट्री असेसमेंट’ आदि.
इस लेख में हमने आपको जीडी बख्शी की जीवनी (G. D. Bakshi Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.