पॉलिटॉक्स न्यूज़. राजस्थान विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ. हल्की फुल्की तीखी नोंक झोंक से शुरू हुआ यह पूरा मामला देखते ही देखते विपक्ष के धरने में तब्दील हो गया. विधेयक पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल की नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया पर की गयी टिप्पणी पर बीजेपी विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा और नारेबाजी की. विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही स्पीकर सीपी जोशी ने कृषि उपज मंडी विधेयक 2020 व जन आधार प्राधिकरण संशोधन बिल 2020 पारित करवाये. हंगामा बढता देख बिल पारित होते ही सदन को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
दरअसल, राजस्थान कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पर सदन में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा की फसल खराबे पर किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिला. हमारे समय सरकार किसानों की बात सुनती थी, उस समय चलते सदन में 2 दिन की छुट्टी रखी गयी थी और सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों का दौरा करने के लिए कहा गया था. फसल खराबे पर स्पेशल गिरदावरी करवाकर हमारी सरकार ने किसानों को मुआवजा दिया था.
इस पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारिवाल ने जवाब देते हुए कहा कि कटारिया जी आप किसानों के लिए झूठे आंसू बहा रहे हो. आप जब आपदा राहत मंत्री थे तब हाड़ौती में 75 किसानों ने आत्महत्या की थी. तब आपने कहा था कि कोई लटक के मर जाए तो मैं क्या कर सकता हूँ. धारीवाल की इस बात पर गुलाबचंद कटारिया सहित पूरे विपक्ष ने कडा एतराज जताया और नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. कटारिया ने कहा कि मैंने ऐसा कब कहा, विधानसभा का रिकॉर्ड लाइए या तो आप सदन छोड़ देना या मैं छोड़ दूंगा. लेकिन धारीवाल अपनी बात पर अड़े रहे. उत्तेजित बीजेपी विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद सदन में गतिरोध बढता चला गया.
बीजेपी विधायकों के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही स्पीकर सीपी जोशी ने कृषि उपज मंडी विधेयक 2020 व जन आधार प्राधिकरण संशोधन बिल 2020 पारित करवाये और उसके तत्काल बाद ही सदन की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद बीजेपी व सहयोगी दलों के विधायक वेल में आकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. बीजेपी विधायकों ने गतिरोध खत्म होने तक धरना देने और बुधवार को विधानसभा में किसी को नहीं बोलने देने का ऐलान भी किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा 20 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट के दौरान सीएम को बजट भाषण नहीं पढने देने का ऐलान भी बीजेपी विधायकों द्वारा किया गया.
बीजेपी विधायकों के वेल में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने और इस तरह की घोषणा करने पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के कक्ष में सियासी हलचल बढी. सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष में हुए गतिरोध को तोडने के लिए चर्चा का दौर शुरू हुआ. इस चर्चा के दौरान मुख्य सचेतक महेश शर्मा व उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड, विधायक किरण माहेश्वरी व ज्ञानचंद पारख मौजूद रहे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी धरना दे रहे बीजेपी विधायकों के पास पहुंचे और विधायकों से बात की. लगभग एक घंटे की स्पीकर जोशी व विधायकों की बातचीत के बाद गतिरोध खत्म हुआ और धरना समाप्त हुआ.
विपक्ष के विधायकों का धरना समाप्त करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले मुख्य सचेतक महेश शर्मा ने धरना समाप्ती के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि हमारा मन साफ है, हम खुले मन से बातचीत करना चाहते हैं, किसने क्या कहा क्या नहीं इसमें पढ़ना बेकार है. सभी सदस्यों को आपस में मिलजुल कर सदन चलाना चाहिए.
वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मैंने अपना विषय रखा. लेकिन बातों ही बातों में संसदीय मंत्री ने जिस प्रकार से बात को घुमाया और जिसका कोई आधार नहीं था. ऐसी गलत बात सुनने का मेरा भी कोई स्वभाव नहीं है. मैंने इस पर कहा था कि अगर रिकॉर्ड में इस तरह की कोई बात हो तो मैं सदन छोडकर चला जाउंगा. मेरी वाणी में कठोरता है पर मैं कभी असत्य नहीं बोलता हूं. कहीं गलती हो भी जाती है तो मैं गलती को स्वीकार करने में अच्छा समझता हूं. संसदीय कार्य मंत्री जैसा व्यक्ति इस प्रकार की बातों को ऐसे बोल रहे थे जैसे सडक पर बोल रहे हों, अच्छा नहीं लगता.
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धरना समाप्ति की घोषणा करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पत्रकारों को बताया कि अध्यक्ष सीपी जोशी ने हमें आश्वस्त किया है कि अगर कोई अभद्र टिप्पणीं हुई है तो उस पर कार्रवाई होगी और उसे रद्द कर दिया जायेगा. जिसके बाद हमने धरना वापस लेने का निर्णय लिया है. बुधवार से हम फिर से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे.
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