लोकसभा से आधार संशोधन बिल को ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई. इस मौके पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस के शासन में आधार निराधार था. हम ने उसे कानून बनाया. आधार के तहत लिया गया कोर डाटा पूरी तरह सुरक्षित है और इसी निजी कंपनियों के हाथों में नहीं दिया जाएगा. इस पर लाए गए अधीर रंजन चौधरी, एनके प्रेम चंद्रन और असदुद्दीन ओवैसी के संशोधन को सदन में खारिज कर दिया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई.
इससे पहले रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि भारत के डाटा की संभुवता की रक्षा किसी भी कीमत पर की जाएगी और इसके लिए हम जल्दी डाटा प्रोटेक्शन लॉ लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी निजी कंपनी का आधार का कोर डाटा हासिल करने की इजाजत नहीं है. अगर कोई ऐसा करता है तो उसके लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है. आधार के जरिए सरकार का करोड़ों रुपया बचा है और लोगों तक सरकारी सेवाएं आसानी से पहुंची हैं. उन्होंने कहा कि इसे लेकर पहली बार सुप्रीम कोर्ट में मामला आधार की कानूनी मान्यता को लेकर ही गया था.
कानून मंत्री ने कहा कि हम इस संशोधन के जरिए बच्चों को आधार से बाहर रहने का अधिकार दे रहे हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आपने जैसे टेलिग्राफ एक्ट में जो काम किया था इसे एक्ट से किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि टेलिफोन के मामले में आधार स्वैच्छिक है और कोई भी डाटा स्टोर नहीं किया जा सकता. साथ ही कोई एंटटी आधार के लिए आग्रह करती है तो उसे तीन प्रमुख शर्तों के साथ ही मंजूर दी जाएगी, वर्ना स्वैच्छिक रूप से ही दिया जाएगा. आधार न होने की वजह से किसी को सेवा का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता.
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी कोर बायोमेट्रिक जानकारी किसी के साथ किसी भी परिस्थिति में शेयर नहीं की जाएगी, यह प्रावधान बिल में शामिल है. आधार का पूरा डाटा सुरक्षित है. सिर्फ राष्ट्रीय हित में और कोर्ट के आदेश पर डाटा को निकाला जा सकता है. मंत्री होने के बावजूद मुझे भी कोर बयोमेट्रिक डाटा रिलीज करने की इजाजत नहीं है. अगर ऐसा करता हूं तो मुझे भी 3 साल की सजा हो सकती है.
लोकसभा में आधार बिल पर चर्चा करते हुए AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह सरकार जियो और जीनो दो में नहीं सिर्फ जियो-जियो-जियो में विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि यह बिल असंवैधानिक है. भले ही इस सदन से बिल को पारित करा लें लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आगे यह बिल टिक नहीं पाएगा. इस बिल के कई प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हैं. ओवैसी ने कहा कि सरकार प्राइवेट कंपनियों के इशारों पर नाच रही है और उसे निजता की सुरक्षा की कोई फिक्र नहीं है.