सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर ज्ञान देने वाली कांग्रेस जयपुर में बन रहे विधायकों के लग्जरी फ्लैट्स पर क्यों है चुप

कोरोना की दूसरी लहर के बीच 20 मई को हुई फ्लैट्स के निर्माण की शुरुआत, हर फ्लैट 3200 स्क्वायर फीट में बनाया जा रहा है, जिसमें 4 बेडरूम होंगे, इन 160 फ्लैट्स के निर्माण पर 266 करोड़ रुपए की आएगी लागत, यह कैसी राजनीति है? ये अलग बात है कि 11.5 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद करके गहलोत का "मिस-मैनेजमेंट मॉडल" पूरी दुनिया में छा रहा- पूनियां, फ्लैट के प्रोजेक्ट को गहलोत सरकार ने नहीं बल्कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने मंजूरी दी थी, इस प्रोजेक्ट पर गहलोत सरकार ने तो केवल काम शुरू किया है- डोटासरा

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर ज्ञान देने वाली कांग्रेस जयपुर में बन रहे विधायकों के लग्जरी फ्लैट्स पर क्यों है चुप
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर ज्ञान देने वाली कांग्रेस जयपुर में बन रहे विधायकों के लग्जरी फ्लैट्स पर क्यों है चुप

Politalks.News/Rajasthan-Delhi. कांग्रेस पार्टी जहां एक तरफ कोरोनाकाल में देश की राजधानी दिल्ली में जारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का विरोध कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार विधायकों के लिए आलीशान फ्लैट्स बनवा रही है. आपको बता दें, जयपुर के ज्योतिनगर में विधानसभा के पास 160 फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है. फ्लैट्स के निर्माण का जिम्मा राजस्थान हाउजिंग बोर्ड को दिया गया है, जिसने कंस्ट्रक्शन की शुरुआत कोरोना की दूसरी लहर के बीच 20 मई को की है. हर फ्लैट 3200 स्क्वायर फीट में बनाया जा रहा है, जिसमें 4 बेडरूम होंगे. इन 160 फ्लैट्स के निर्माण पर 266 करोड़ रुपए की लागत आएगी. वहीं अब प्रदेश भाजपा को गहलोत सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है. आपको बता दें, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में बन रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को मोदी सरकार ने मंजूरी दे रखी है, जिसका कांग्रेस मुखर होकर विरोध कर रही है.

गहलोत का “मिस-मैनेजमेंट मॉडल” पूरी दुनिया में छा रहा
विधानसभा के पास बने रहे विधायकों के लग्जरी फ्लैट्स के जारी निर्माण कार्य को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस पर तंज कसा है. पूनियां ने ट्वीट किया कि सेंट्रल विस्टा पर ज्ञान देने वाली कांग्रेस आज स्वयं 266 करोड़ खर्चकर अपने विधायकों के लिए आवास बनवा रही हैं, यह कैसी राजनीति है ? ये अलग बात है कि 11.5 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद करके गहलोत का “मिस-मैनेजमेंट मॉडल” पूरी दुनिया में छा रहा है.

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इसके अलावा सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट की लाखों किट खरीद अलग-अलग दरों पर करने व चिरंजीवी योजना से निजी अस्पतालों में लोगों को इलाज नहीं मिलने के मामले पर भी निशाना साधा. पूनियां ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल उपकरणों की खरीद में ‘आपदा में अवसर‘ जैसा कुछ नजर आ रहा है, आक्सीजन कंसंन्ट्रेटर और वेंटिलेटर के अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की अलग-अलग दरों पर खरीद संदेह पैदा कर रही है, वो भी उस समय जब लैब की टेस्टिंग क्षमता पर भार कम हुआ है. पूनियां ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता के हित में गंभीरता से ठोस कार्ययोजना बनाने की जरूरत है, जिससे इस योजना का लाभ निजी अस्पतालों में भी लाभार्थियों को मिल सके. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य की जनता को जवाब दें कि, क्या चिरंजीवी योजना सिर्फ नाम की ही योजना है, क्या आपने सिर्फ झूठी वाहवाही लूटने के लिये ही यह योजना चलाई है ?

विधायकों के फ्लैट प्रोजेक्ट को राजे सरकार ने दी थी मंजूरी
कोरोना काल में विधायकों के लिए बनाए जा रहे नए लग्जरी फ्लैट प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को साफ किया कि विधायकों के लिए बन रहे नए फ्लैट के प्रोजेक्ट को गहलोत सरकार ने नहीं बल्कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने मंजूरी दी थी, इस प्रोजेक्ट पर गहलोत सरकार ने तो केवल काम शुरू किया है. डोटासरा ने कहा कि वैसे भी विधानसभा के नियमों में ऐसा है कि मौजूदा विधायकों के रहने के लिए उन्हें जयपुर में आवास उपलब्ध कराया जाए, जब तक की वो विधायक रहे. डोटासरा ने कहा कि विधायकों के लिए बन रहे फ्लैट्स को दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जोड़कर नही देख सकते.

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वहीं विधायकों के फ्लैट्स के निर्माण कार्य से जुड़े हाउसिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि विधायकों के फ्लैट्स के निर्माण के काम की शुरुआत समय पर हुई है. प्रॉजेक्ट राजस्थान विधानसभा के ठीक सामने है और 160 फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है. सभी प्लैट में 3200 स्क्वायर फीट का स्पेस होगा और 4 बेडरूम होंगे तो अलग से पार्किंग स्पेस की व्यवस्था भी होगी. अधिकारी ने बताया कि जयपुर डेविलेपमेंट अथॉरिटी ने 176 फ्लैट्स का प्रस्ताव रखा था, लेकिन RHB ने 160 फ्लैट्स के निर्माण को मंजूरी दी गई. प्रॉजेक्ट को 30 महीनों मे पूरा किया जाना है.

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