Politalks.News/Rajasthan. कोरोना की दूसरी लहर के साथ आई ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने पूरे देशवासियों की नींद उड़ा रखी है. लेकिन क्या वाकई यह विश्व्यापी बीमारी है या सिर्फ भारत में ही इसके मामले सामने आ रहे हैं. इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि दुनिया के किसी भी देश में ब्लैक फंगस नाम की बीमारी नहीं है. सीएम गहलोत ने कहा कि मैंने पूरी दुनिया में पता करवाया है, हमारे अलावा कहीं यह बीमारी नहीं है. केवल हमारे ही देश के 8-10 राज्यों में ब्लैक फंगस की बीमारी है. यह बीमारी हमारे यहां ही क्यों है, इस पर रिसर्च करके निचोड़ निकालना चाहिए. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हम इसके लिए प्रधानमंत्री को लिख रहे हैं कि वे ब्लैक फंगस पर रिसर्च करवाएं, इसकी तह तक जाना जरूरी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी के कारणों को को लेकर भी अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं. कई लोग कह रहे हैं कि स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से यह बीमारी हुई है. आपको बता दें, सीएम गहलोत शुक्रवार को पांच ऑक्सीजन प्लांट्स और मेडिकल सुविधाओं के वर्चुअल लोकार्पण शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार पहले रेमडिसिविर इंजेक्शन के राज्यों का आवंटन का जिम्मा केन्द्र सरकार ने अपने हाथों में लिया था वैसे ही अब ब्लैक फंगस के इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन का आवंटन भी केंद्र सरकार कर रही है. राज्यों को समय पर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. जिससे मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है. यदि समय रहते यह इंजेक्शन मरीज को मिल जाए तो जान बचाई जा सकती है. सीएम गहलोत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं, जिससे मरीजों का समय पर इलाज हो सकेगा और उनकी जान बचाई जा सकेगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में अब तक फ्री वैक्सीनेशन ही होता आया है. पहली बार देश में वैक्सीनेशन का पैसा लिया जा रहा है. 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के वैक्सीनेशन का काम राज्यों पर छोड़ते हुए वैक्सीन की अलग अलग रेट रखी हैं. ऐसा कभी नहीं हुआ कि वैक्सीन की राज्य, केंद्र और निजी अस्पतालों के लिए अलग अलग रेट हो. हम इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं, उम्मीद है केंद्र सरकार फ्री वैक्सीनेशन पर फैसला करेगी.