पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. मध्यप्रदेश की राजनीति में आये सियासी भूचाल के बीच बुधवार को मध्यप्रदेश सरकार के 91 कांग्रेस व निर्दलीय विधायक जयपुर पहुंचे. विधायकों के जयपुर पहुंचने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका स्वागत किया. इस दौरान सीएम गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि बड़ी बेशर्मी से हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है. सीएम गहलोत के इस बयान पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने पलटवार करते हुए कहा कि जब बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया था, तब कहां गई थी सीएम गहलोत की शर्म? पूनियां ने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस ने जनता से झूठे वादे करके सत्ता प्राप्त की थी. उन वादों को पूरा नहीं करने के कारण कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में रोष है. इसी वजह से सिंधिया बीजेपी में आये है.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा में उनका स्वागत और अभिनंदन है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बारे में दिए गए बयान ” बड़ी बेशर्मी से हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है” पर पलटवार करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस ने जनता से झूठे वादे करके सत्ता प्राप्त की थी. सत्ता में आने के बाद उन वादों को पूरा नहीं करने के कारण जनता और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में रोष है. इसी कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया लंबे समय से मेनिफेस्टो को लागू करने की मांग कर रहे थे और उनके सड़कों पर उतरने की बात भी कही जा रही थी. जब उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई, तब उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया. इसमें भाजपा क्या कर सकती है?
पूनियां ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देने का वादा सरकार पूरा नहीं कर पा रही है. इसके साथ ही कई अन्य वादे भी पूरे नहीं करने के कारण जनता में कांग्रेस सरकार के प्रति रोष व्याप्त है. इसके साथ ही पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने छह महीने पहले बसपा के विधायकों को हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए कांग्रेस में शामिल किया था, जब उनकी शर्म कहां थी. राजस्थान में यह पहला वाकिया नहीं है, इससे पहले भी मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया था. जब दो बार ऐसा करने के बाद भी मुख्यमंत्री गहलोत को शर्म महसूस नहीं हुई, तो उन्हें इस तरह का बयान देने का कोई हक नहीं बनता. हॉर्स ट्रेडिंग का इतिहास तो कांग्रेस का रहा है.
पूनियां ने आगे कहा कि कांग्रेस और गहलोत अपनी सहूलियत से काम करते हैं. इनके हक में फैसला हो जाए तो संवैधानिक और देश हित में और खिलाफ हो जाए तो असंवैधानिक और देश के खिलाफ. मुख्यमंत्री गहलोत का यह बयान निराशा में दिया गया है, क्योंकि राजस्थान में भी कांग्रेस दो धड़ों में बंटी हुई है. इसके साथ ही पूनियां ने कहा कि कांग्रेस से लोगों का मोहभंग हो रहा है. कुछ दिनों में कांग्रेस मुस्लिम लीग जैसी होकर रह जाएगी. कांग्रेस राष्ट्र विरोधी नीतियों के प्रति अतिवादी समर्थन के चलते अप्रासंगिक हो रही है. कांग्रेस का विचार तुष्टीकरण, राष्ट्रवाद, पीएम मोदी के विरोध, दुनिया के सबसे बड़े संगठन आरएसएस के विरोध का विचार है. कांग्रेस की राजनीतिक, सैद्धान्तिक और व्यवहारिक तौर पर विदाई निश्चित है.