समाज के पंच-पटेलों की सरकार से वार्ता क्या हुई बैंसला पिता-पुत्र के पेट में इतना दर्द क्यों?- हिम्मत सिंह गुर्जर

आंदोलन का विरोध कर रहे हिम्मत सिंह ने कर्नल किरोडी बैंसला और उनके पुत्र पर एक बार फिर बोला जोरदार हमला, गुमराह कर रहे बैंसला पिता-पुत्र, राजनैतिक पार्टियों से टिकटों की सौधेबाजी में लगा हुआ था उनका जमीर?,बीजेपी से MP का चुनाव लड़ना दलाली नहीं तो क्या?

हिम्मत सिंह गुर्जर
हिम्मत सिंह गुर्जर

Politalks.News/Rajasthan/Himmat Gurjar. भरतपुर-बयान के पीलूपुरा में जारी गुर्जर आरक्षण आंदोलन आज छठे दिन भी जारी है. दो धड़ों में बंटा गुर्जर समाज के हिम्मत सिंह गुर्जर गुट लगातार कर्नल किरोडी सिंह बैंसला गुट परआक्रामक रुख बनाए हुए है. आन्दोलन का विरोध कर रहा हिम्मत सिंह गुर्जर धड़ा लगातार बैंसला पिता-पुत्र की जोड़ी पर हमलावर है. शुक्रवार को सुबह सुबह ट्वीट्स करते हुए गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स करते हुए कर्नल किरोडी सिंह बैंसला और उनके पुत्र पर जोरदार हमला बोला है.

बैंसला पिता-पुत्र के पेट में इतना दर्द क्यों?

हिम्मत सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘राजस्थान सरकार से एक बार समाज के अन्य पंच-पटेलों की वार्ता क्या हुई तो इतना पेट में दर्द क्यों? जबकि कर्नल बैंसला पिछले 14 साल से सरकार से वार्ताओं पर वार्ता कर रहे हैं, पर आरक्षण का स्थाई समाधान आज तक नहीं हुआ, इसमें किसका दोष है? अपनी राजनीति के लिए गुर्जर समाज को पार्टियों के दर पर गिरवी कर रखा है?’

गुमराह कर रहे बैंसला पिता-पुत्र

गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘रीट भर्ती-18 में कर्नल किरोडी बैंसला व उनके पुत्र एमबीसी युवाओं को गुमराह करके 5% आरक्षण दो साल बाद माँग रहे हैं, जबकि 12 फरवरी 2019 को रीट भर्ती प्रथम लेवल में नियुक्ति शुरू हुई परंतु आरक्षण नहीं दिया, उस दौरान मलारना रेलवे ट्रैक जाम कर बैठे थे, समझौता 16 फ़रवरी 2019 हुआ था, अब दोष किसका है?

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राजनैतिक पार्टियों से टिकटों की सौधेबाजी में लगा हुआ था जमीर?

अपने तीसरे ट्वीट में बैंसला पिता-पुत्र पर हमला बोलते हुए हिम्मत सिंह ने लिखा कि, ‘रीट भर्ती सहित अन्य प्रक्रियाधीन भर्तियों में दो साल बाद एमबीसी का 5% आरक्षण का लाभ दिलवाने का कर्नल बैंसला व उनके पुत्र का आज ज़मीर जाग गया, मलारना रेलवे जाम आन्दोलन के दौरान इनकी माँग क्यों नहीं की? क्योंकि उनका ज़मीर राजनैतिक पार्टियों से टिकटों की सौधेबाजी में लगा हुआ था?’

बीजेपी से MP का चुनाव लड़ना दलाली नहीं तो क्या?

आंदोलन विरोधी हिम्मत सिंह ने किरोडी सिंह बैंसला पर जोरदार हमला बोलते हुए लिखा कि, ‘जिस भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में वर्ष-2007 व 2008 गुर्जरों पर बर्बरता पूर्ण गोलीकांड हुआ, अत्याचार हुआ, 72 गुर्जरों को मौत दे दी गई हो, उन गुर्जर शहीदों की राख भी ठंडी नहीं होने दी और कर्नल बैंसला ने उसी भाजपा पार्टी से सांसद का चुनाव लड़ लिया था क्या ये दलाली की श्रेणी में नहीं आता?

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बता दें, एमबीसी आरक्षण सहित अन्य मांगों को मनवाने पर अड़े गुर्जर समाज के कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला धड़े का आन्दोलन रेलवे ट्रेक पर जारी है. इस बीच सरकार ने भी अब हाथ खड़े करते हुए दो टूक कह दिया है कि गुर्जर समाज की मानने योग्य सभी मांगे मान ली गई हैं. सरकार ने गतिरोध के बिन्दुओं पर आन्दोलन छोड़ वार्ता करने की अपील भी की है.

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