उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वैंकैया नायडू ने अंग्रेजी में अपने दो वर्षों के कार्यकाल के अनुभवों पर आधारित एक किताब लिखी हैं जिसका शीर्षक है- लिसनिंग, लर्निंग, लीडिंग. चेन्नई में इस किताब का लोकार्पण हुआ. समारोह में गृहमंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे. किताब में नायडू ने दावा किया है कि उनकी विचारधारा निरंतर भारत के रूपांतरण की प्रक्रिया से जुड़ी हुई है.
नायडू के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने 330 प्रमुख सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लिया. राज्यसभा में 123 बैठकों की अध्यक्षता की और 19 देशों की यात्राएं की. एक साल में 365 दिन होते हैं. दो साल में इतनी गतिविधियां सक्रियता की मिसाल है. इनमें कई कार्यक्रम और समारोह ऐसे होंगे, जिनमें एक दिन से ज्यादा समय लगा होगा. 19 देशों की यात्राओं में कम से कम एक महीने का समय तो लगा ही होगा. इससे लगता है कि उप राष्ट्रपति बिलकुल भी फुरसत में नहीं रहते हैं.
नायडू की किताब 257 पेज की है, जिसमें 232 तस्वीरें हैं. एक अध्याय राज्यसभा की गतिविधियों को समर्पित है. नायडू ने राज्यसभा में शिकायतों और प्रश्नों को ऑनलाइन दर्ज करवाने की परिपाटी शुरू की थी. किताब में उनके इस ई-नोटिस अभियान की सफलता की विस्तार से चर्चा है. हाल ही संपन्न हुए राज्यसभा सत्र के दौरान सदन को सांसदों की तरफ से 9000 से ज्यादा नोटिस ऑनलाइन मिले. इनमें से करीब 60 फीसदी कार्यवाही में शामिल किए गए.