PoliTalks.news/लद्दाख. गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के ठीक 18 दिन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह-लद्दाख सेना के बीच पहुंच गए. 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू में फॉरवर्ड लोकेशन पर सुबह 7 बजे पीएम मोदी जवानों से मिले और वहां हालातों का जायजा लिया. सेना का हौसला बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने 26 मिनट तक स्पीच दी और भारत माता की जय के नारे लगाए. अपने भाषण में पीएम मोदी ने बार बार चीन की ओर इशारा किया लेकिन नाम नहीं लिया. इस पर तंज कसते हुए कांग्रेस ने पूछा है कि आखिर चीन का नाम तक लेने से गुरेज़ क्यों है?
इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का लेह लद्दाख दौरा प्रस्तावित था लेकिन ऐन वक्त पर उसे रद्द कर दिया गया था. आज जैसे ही पीएम मोदी सेना के बीच पहुंचे, सेना में गजब का उत्साह देखने को मिला. यहां उन्होंने आईटीबीटी के साथ वायु सेना के जवानों से मुलाकात की और वरिष्ठ अधिकारियों से हालातों की जानकारी ली. पीएम मोदी लेह के अस्पताल में गलवान की हिंसक झड़प में घायल हुए जवानों से भी मिलने पहुंचे. बिपीन रावत और आर्मी चीफ नरवले भी उनके साथ रहे.
यह भी पढ़ें: ‘गरीब लोग के राउर भाषण ना चाहीं, राशन चाहीं’- PM मोदी के भोजपुरी ट्वीट पर राबड़ी का भोजपुरी जवाब
पीएम मोदी ने जवानों की हौसला अफजाई के लिए 26 मिनिट का भाषण भी दिया. भारत माता की जय के जयकारे के साथ उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कविता की दो पंक्तियां पढ़ीं ‘उनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल.’ उन्होंने इशारों इशारों में चीन का जिक्र करते हुए कहा कि विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया, इतिहास बताता है कि ऐसी ताकतें मिट गईं.
प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को संबोधित करते हुए कहा कि आपका ये हौसला, आपका शौर्य और आपका समर्पण अतुलनीय है. आपकी जीवटता भी दुनिया में किसी से भी कम नहीं है. इन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप भारत की मां की सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता. आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द खड़ी हैं. आपकी इच्छा शक्ति पर्वतों जैसी अटल है. आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं. मुझे ही नहीं पूरे देश को अटूट विश्वास है कि आप जब सरहद पर डटे हैं तो यही बात प्रत्येक देशवासी को देश के लिए दिन रात काम करने के लिए प्रेरित करती है. आपने और आपके साथियों ने जो वीरता दिखाई उनसे पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है.
यह भी पढ़ें: महामंथन का पूरा ‘अमृत’ मिल गया सिंधिया को, शिवराज ही नहीं पूरी भाजपा को पीना पड़ सकता है ‘विष’
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व युद्ध हो या विश्व शांति की बात, जब भी जरूरत पड़ी है विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम देखा भी है और महसूस भी किया है. हमने हमेशा मानवता और इंसानियत की रक्षा के लिए काम किया है. आज विश्व विस्तारवाद नहीं, विकासवाद के प्रति समर्पित है. विस्तारवाद ने ही मानवजाति का विनाश किया है. इतिहास बताता है कि ऐसा करने वाली ताकतें खत्म हो गईं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी लीडर के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं. पहली- हम सभी की भारत माता, दूसरी- वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम वो लोग हैं बांसुरीधारी की पूजा करते हैं, हम वो लोग हैं जो सुदर्शनधारी को आदर्श मानकर चलते हैं. जिस भारत के सपने को लेकर आप सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं, हम आपके सपनों का भारत बनाएंगे. इसमें 130 करोड़ देशवासी पीछे नहीं रहेंगे.
यह भी पढ़ें: ‘तू इधर उधर की बात न कर, ये बता कि क़ाफ़िला कैसे लुटा’- राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा सवाल
26 मिनिट के भाषण में एक बार भी चीन का नाम लेना फिर से एक बार कांग्रेस को अखरा. सबसे पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीटर पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, ‘लद्दाख वासी कह रहे हैं चीन ने हमारी जमीन ली और प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई आया ही नहीं. कोई तो झूठ बोल रहा है.’
Ladakhis say:
China took our land.PM says:
Nobody took our land.Obviously, someone is lying. pic.twitter.com/kWNQQhjlY7
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 3, 2020
इधर, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सोशल मीडिया पर एक ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से पूछा कि अब भी चीन का नाम लेने से गुरेज क्या हैं. आखिर चीन से आंख में आंख डाल कब बात होगी? ट्वीट में सुरजेवाला ने लिखा, ‘मन की बात में चीन का जिक्र नहीं, राष्ट्र के नाम संबोधन में भी और अब सेना संबोधन में भी चीन का जिक्र नहीं. आखिर मज़बूत भारत के प्रधानमंत्री इतने कमजोर क्यों हैं? आखिर चीन से आंख में आँख डाल कब बात होगी?’
28 मई, 2020 –
“मन की बात” में चीन का नाम नहीं।30 मई, 2020 –
“राष्ट्र के नाम” संदेश में चीन का नाम नहीं।3 जुलाई, 2020 –
“सैनिकों से बात” में चीन का नाम नहीं।मज़बूत भारत के प्रधानमंत्री इतने कमजोर क्यों?
चीन का नाम तक लेने से गुरेज़ क्यों?
चीन से आँख में आँख डाल कब बात होगी?— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 3, 2020