‘नमस्ते ट्रंप’ से ज्यादा सुर्खियों में है ट्रंप की यह शक्तिशाली कार, भारत पहुंची ‘द बीस्ट’

एक आर्मी टैंक से भी ज्यादा खतरनाक तो हर तरह के हमलों को झेलने में सक्षम है ट्रंप की कार, बम या रासायनिक हमले भी हो जाएं बेअसर, बोइंग विमान डोर जैसे हैं कार के दरवाजे

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ भारत आ रहे हैं. ट्रंप दो दिन के दौरे पर 24 फरवरी को भारत आ रहे हैं. इस दौरान ट्रंप अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम में लाखों लोगों की भीड़ को संबोधित भी करेंगे. उनके भारत आने के कार्यक्रम को ‘नमस्ते ट्रंप’ नाम दिया गया है, जिसमें करीब 100 करोड़ रुपये खर्च की होने की जानकारी मिली है. लेकिन खास बात ये है कि उनके यहां आने से ज्यादा उनकी कार सुर्खियां बटौर रही है जिसे हाल में प्लेन द्वारा भारत लाया गया है. ट्रंप की ये कार किसी आर्मी टैंक से कम नहीं है. ये कार जितनी खूबसूरत है उतनी ही सुरक्षित भी. इस कार का नाम है आर्मर्ड लिमोजीन, जिसे ‘द बीस्ट’ (The Beast) भी कहा जाता है.

गौरतलब है कि भारत सरकार के साथ-साथ अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी CIA भी दुनिया के सबसे ताककवर राष्ट्र के राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर खासी चौंकनी है. CIA के 200 एजेंट पूरे लाव-लश्कर के साथ अहमदाबाद पहुंच चुके हैं. ये एजेंट ही ट्रंप की आतंरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे. व्यवस्थाएं ऐसी हैं कि उनके आगमन के दौरान अहमदाबाद को नो फ्लाइजोन तक घोषित कर दिया जाएगा. जब आसमान में ऐसी सुरक्षा है तो निश्चित तौर पर धरती पर तो बात ही कुछ और होगी. इसी सुरक्षा दृष्टि से ‘द बीस्ट’ को भी भारत लाया गया है. उनकी ये कार एक चलते फिरते आलीशान ऑफिस से कम नहीं, साथ ही दुश्मनों के लिए किसी हथगोले से भरे टैंक से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है. इस गाड़ी की खासियत ऐसी है कि कोई कितना भी इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर ले लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप का बाल भी बांका नहीं हो सकता.

बड़ी खबर: ‘नमस्ते ट्रंप’ के बहाने शिवसेना का पीएम मोदी पर बड़ा हमला, कहा- बदहाली छिपाने के लिए दीवार क्यों?

इस कार में ड्राइवर के लिए अलग केबिन है और वो खुद भी राष्ट्रपति की गतिविधियों को नहीं देख सकता. कार की केबिन में पूरा कम्यूनिकेशन और जीपीएस ट्रैंकिंग सेंटर लगा हुआ है जिससे गाड़ी के हर सेकेंड के मूवमेंट की खबर सुरक्षाकर्मी रखते हैं. इस कार का एक रिमोट कंट्रोल अमेरिका से भी संचालित होगा. सीआईए एजेंट यहां रहेंगे वो अलग. अगर इस कार पर किसी भी तरह का हमला होता भी है तो बुलेट प्रूफ बॉडी के अलावा कार के फ्रंट में आंसू गैस, ग्रेनेड लांचर और नाइट विजन कैमरे लगे हुए हैं. रासायनिक हमले से बचाव के लिए कार में एक पैनिक बटन लगा हुआ है जिसके दबाते ही केबिन में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाती है.

ट्रंप की कार

कार के अंदर राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए पंप एक्शन शॉटगन, तोप और ब्लेड बैग जैसी अत्याधुनिक सुरक्षा व्यस्था है. राष्ट्रपति की कार को सिर्फ सीक्रेट सर्विस के प्रशिक्षित कमांडो ड्राइवर चलाते है जो किसी भी परिस्थिति का सामना करने में ट्रेंड होते हैं. कार ड्राइवर को किसी भी आपातकाल में सुरक्षित निकलने की पूरी ट्रेनिंग पहले से मिली होती है. वो कार को 180 डिग्री तक किसी भी स्पीड में अचानक मोड़ने में सक्षम होता है.

इस कार के इंजन से लेकर बॉडी तक यह कार ऐसे धातुओं से बनाई गई है जिस पर बम, गोले, रॉकेट का भी कोई असर नहीं होगा. कार की विंडो पॉली कार्बोनेट की पांच परतों से बनी हुई है. ये इतनी मजबूत है किसी भी बंदूक से चलाई गई गोली को अंदर आने से रोक सकती है. इतनी मोटी है कि कार का ड्राइवर भी इसे सिर्फ 3 इंच तक ही खोल सकता है. कार के दरवाजे 8 इंच मोटे आर्मर-प्लेट से बनाए गए हैं जो किसी भी सीधे हमले को झेल सकते हैं. इनका वजन एक बोइंग विमान के केबिन के दरवाजे के वजन के बराबर है. जब यह दरवाजा बंद किया जाता है तो यह इस कदर सील हो जाता है कि रासायनिक गैस के हमले को भी अंदर जाने से रोक देता है.

ट्रंप की कार

कार की बॉडी को पांच इंच मोटी सैन्य साजो सामान में इस्तेमाल होने वाले स्टील, टाइटेनियम, एल्यूमीनियम और चीनी मिट्टी को मिलाकर बनाया गया है जो इसे आग और किसी भी प्रकार के हमले से सुरक्षा प्रदान करता है. कार का निचला हिस्सा रिइंफोर्स्ड स्टील प्लेट से बना है जो कार को बम और लैंड माइन्स से सुरक्षा प्रदान करता है. कुल मिलाकर बात ये है कि इस कार को विस्फोट से भी नहीं उड़ाया जा सकता.

यह भी पढ़ें: आखिर भाई की रिहाई के लिए आगे आईं सारा पायलट, सचिन पायलट की पत्नी और उमर अब्दुल्ला की बहन हैं सारा

इस कार को इस तरह डिजाइन किया गया है कि अगर कोई दुश्मन उसके फ्यूल टैंक को निशाना बना कर हमला करता तो आर्मर प्लेटेड फ्यूल टैंक होने के चलते वो नाकाम हो जाएगा. हमला करने के लिए कई अत्याधुनिक हथियार इसमें हैं जो अलग. अमेरिका के राष्ट्रपति कार की जिस पिछली सीट पर बैठते हैं, वहां एक सैटेलाइट फोन लगा होता है जिसके जरिए वो हर समय किसी भी परिस्थिति में अमेरिका के उप-राष्ट्रपति और पेंटागन मुख्यालय से जुड़े रहते हैं.

Google search engine