Politalks.News/Rajasthan. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक तथा नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा. सांसद हनुमान बेनीवाल ने हाल ही में भरतपुर सांसद रंजीता कोली पर हुए हमले के साथ प्रदेश के कई जिलों में घटित आपराधिक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, पुलिस थानों में दुष्कर्म, राजधानी में एम्बुलेंस में दुष्कर्म व भरतपुर में सरे आम हत्या करके वीडियो वायरल करने अरबगंगानगर में पुलिस कार्मिक से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर लेने सहित कई दर्जन घटनाओं ने राजस्थान को झकझोर करके रख दिया है.
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सांसद बेनीवाल ने कहा की प्रदेश में आमजन से लेकर जनता के चुने हुए प्रतिनिधि तक सुरक्षित नही हैं, क्योंकि राजस्थान की कानून व्यवस्था व इंटेलिजेंस पूर्ण रूप से पंगु बनके रह गया और कानून का इकबाल खत्म सा हो गया है. सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि सरकार कुम्भकर्णी नींद में है और राज्य का गृह मंत्रालय नाकाम नजर रहा है. बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीरता से संज्ञान लेने की जरूरत है क्योंकि जिस भरोसे के साथ राजस्थान की जनता ने कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई है उस भरोसे को कायम रखने सरकार विफल साबित हुई है.
भाजपा को लिया आड़े हाथ – सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राजस्थान में विगत 2 वर्षों में भाजपा सत्ता धारी दल की नाकामी व बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कोई बड़ा आंदोलन नही कर पाई और घरों में बैठकर केवल बयानबाजी करके समय निकाल रहे है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से की मांग – सांसद हनुमान बेनीवाल ने सीएम अशोक गहलोत से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा गंभीर आपराधिक घटनाओं पर उनको संज्ञान लेकर प्रकरण वार समीक्षा करके पृथक से वक्तव्य जनता के समक्ष देना चाहिए क्योंकि गृह मंत्रालय का जिम्मा भी उनके पास है. सांसद बेनीवाल ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कई आपराधिक घटनाओं में न्याय नहीं मिलने से पीड़ित पक्ष गलत रहा अपना लेता है. वहीं कई मामलों में सिस्टम में बैठे लोगों की मिलीभगत से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता. ऐसे में सरकार को गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के प्रकरणों को फास्ट ट्रैक अदालत में ले जाकर वह ऑफिसर केश स्कीम आदि के तहत निस्तारण करके पीड़ितों को त्वरित न्याय देने की प्रक्रिया अपनानी चाहिए.