बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी पर बड़ा हमला करते हुए आज सुबह-सुबह ट्विटर पर लिखा, ‘गोवा और कश्मीर को देखने के बाद मुझे लगता है कि अगर हम एक ही पार्टी के रूप में बीजेपी के साथ रह गए तो देश का लोकतंत्र कमजोर हो जाएगा.’

सुब्रमण्यम स्वामी ने न सिर्फ अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए बल्कि विपक्ष की कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को एकजुट होने की सलाह देते हुए स्वामी ने कहा, – ”विपक्ष इटालियंस और संतान को पार्टी से हटने के लिए कहे. ममता इसके बाद एकजुट कांग्रेस की अध्यक्ष बनें. एनसीपी को भी कांग्रेस में विलय करना चाहिए.’

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले सुब्रमण्यम स्वामी का यह ट्वीट ऐसे समय आया है जब गोवा और कर्नाटक के में सियासी घमासान चरम पर है और विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है. गौरतलब है कि गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 15 विधायक में से 10 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने से उसके 5 विधायक ही बचे हैं. वहीं कर्नाटक में गठबंधन सरकार के 16 विधायकों के बागी रुक अख्तियार करने के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार पर संकट गहरा गया है.

कांग्रेस कर्नाटक और गोवा के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बीजेपी को लोकतंत्र पर खतरा बताते हुए हमला कर रही है. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने बीजेपी और उसके नेताओं पर संविधान की परवाह न करने का आरोप लगाया.

आजाद ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार सिर्फ धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और विपक्ष को खत्म करने के लिए ही सत्ता में आई है. आजाद ने कहा कि बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य एक राजनीतिक पार्टी है. यह कहीं से भी लोकतंत्र और संविधान के अनुरूप नहीं है.

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