politalks.news

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहली बार केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया एवं इंटरनेट नीति घोषित की है. इसके तहत कर्मचारी सरकारी उपकरण के माध्यम से सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. इनमें मोबाइल फोन और कंप्यूटर शामिल हैं. इसके साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि कोई भी कर्मचारी किसी ऐसे कंप्यूटर पर वर्गीकृत कार्य नहीं करेगा, जो इंटरनेट से जुड़ा हो. स्टैंडएलोन सिस्टम पर ही वर्गीकृत कार्य किए जा सकते हैं.

ये नियम सभी नियमित कर्मचारियों, संविदा कर्मचारियों, सलाहकारों, भागीदारों और प्रशासन की प्रक्रिया से अगर कोई तीसरे पक्ष का व्यक्ति जुड़ा हो तो उस पर भी लागू होंगे. सरकार से जुड़ी कोई भी सूचना सोशल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग साइट या किसी अन्य माध्यम पर बगैर अनुमति डालने पर पाबंदी रहेगी. ये दिशानिर्देश गृह मंत्रालय के साइबर एवं इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी विभाग ने तैयार किए हैं. यह विभाग साइबर अपराधों पर निगरानी रखता है. इसी के तहत नेशनल इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी पॉलिसी एंड गाइडलाइंस (एनआईएसपीजी) तैयार की गई है.

सूत्रों के मुताबिक रोजाना आम तौर पर सरकारी पोर्टल हैक करने के करीब 30 प्रयास होते हैं. ये प्रयास ज्यादातर विदेशी कंपनियां करती हैं. सरकारी आंकड़े और सूचनाएं चोरी होने से रोकने से रोकने के लिए यह नीति तैयार की गई है. इसके तहत सरकार की कोई भी वर्गीकृत सूचना गूगल ड्राइव, ड्रॉपबॉक्स, आईक्लाउड जैसे माध्यमों पर साझा नहीं की जाएगी. अगर किसी ने ऐसा किया या सरकारी आंकड़े चोरी हुए तो सख्त कार्रवाई होगी.

नीति आयोग के एक अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2020 तक देश में इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या 73 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जिनमें 75 फीसदी नए उपयोगकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों के होंगे. इसमें अनुमान लगाया गया है कि अगले दो साल में करीब 17.50 करोड़ लोग ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ जाएंगे. यात्रा के लिए ऑनलाइन भुगतान करीब 50 फीसदी तक बढ़ेगा और ईकॉमर्स से संबंधित ऑनलाइन लेनदेन 70 फीसदी बढ़ जाएगा. इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारियों के पास स्मार्टफोन होंगे और वे अनजाने ही मालवेयर इन्फेक्टेड वेबसाइटों के संपर्क में आ सकते हैं.

नई नीति में कर्मचारियों पर कार्यालय से बाहर बगैर अनुमति यूएसबी डिवाइस के जरिए किसी से बातचीत करने पर पाबंदी होगी. गृह मंत्रालय ने सरकार कर्मचारियों के लिए ईमेल क्म्युनिकेशन के नियम भी तय कर दिए हैं. इसके तहत वर्गीकृत सूचनाएं ईमेल पर जारी नहीं किए जाएंगी. किसी सरकारी ईमेल खाते से भेजी गई जानकारी सार्वजनिक वाईफाई कनेक्शनों के जरिए सार्वजनिक नहीं होगी. जो अधिकारी अपने घर से वाईफाई कनेक्शन का उपयोग करते हैं, उनके लिए अलग दिशानिर्देश जारी हो सकते हैं.

Leave a Reply