Wednesday, January 15, 2025
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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन, जानिए उनके बारे में 10 खास बातें

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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आज निधन हो गया. वे 81 साल की थीं. कांग्रेस की दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष शीला दीक्षित दीक्षित लंबे समय से बीमार चल रही थीं. आज सुबह उन्हें हार्ट अटैक के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में आज दोपहर 3:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनाकर उन्हें सत्ता से बेदखल किया. रविवार को दोपहर 12 बजे शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर कांग्रेस दफ्तर में रखा जाएगा, जहां कांग्रेस नेता सहित अन्य लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. उनके निधन पर दिल्ली में दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नितीन गड़करी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, अशोक गहलोत सहित अन्य नेताओं ने ट्वीट कर शीला दीक्षित के निधन पर शोक व्यक्त किया है. कल दोपहर 2:30 बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

बता दें, शीला दीक्षित देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री रहीं जिन्होंने लगातार तीन बार और 15 साल से अधिक दिल्ली की सत्ता संभाली. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक दिल्ली की सीएम रहीं. आइए जानते हैं उनके बारे में ऐसी ही कुछ खास बातें…

1. शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ. इन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली के कान्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से ली. बाद में स्नातक और कला स्नातकोत्तर की शिक्षा मिरांडा हाउस कालेज से ली. इनका विवाह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा पूर्व राज्यपाल व केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री रहे उमाशंकर दीक्षित के परिवार में हुआ. इनके पति स्व. विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य रहे थे. इनके एक पुत्र एवं एक पुत्री है.

2. शीला दीक्षित 1998 में पहली बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं. उनके नाम देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड रहा जिसने लगातार तीन बार​ किसी राज्य की सत्ता हासिल की. शीला दीक्षित 1998 से लेकर 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की सीएम रहीं. शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सांसद भी रहीं.

3. शीला दीक्षित दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने वाली राज्य की दूसरी महिला सीएम रहीं. उनसे पहले सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं लेकिन उनका कार्यकाल केवल 52 दिन (12 अक्टूबर, 1998-3 दिसम्बर, 1998)  का रहा.

4. शीला दीक्षित के नाम दिल्ली के फुलटाइम सीएम रहने का रिकॉर्ड भी रहा जो अब तक कायम है. उन्होंने लगातार तीन बार पूरे पांच साल अपना कार्यकाल पूरा किया. उनके पहले किसी भी दिल्ली मुख्यमंत्री का कार्यकाल ढाई साल से ज्यादा अधिक नहीं रहा. अरविंद केजरीवाल दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं जिन्होंने शीला दीक्षित के बाद पांच साल का कार्यकाल पूरा किया हो.

5. दिल्ली की वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष का दायित्व निभा रही शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रह चुकी थीं. मनमोहन सरकार में उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया. तत्कालीन गर्वनर निखिल कुमार के त्‍यागपत्र देने के बाद उनकी नियुक्ति इस पद पर की गई थी. यहां उनका कार्यकाल 11 मार्च, 2014 से 25 अगस्त, 2014 तक रहा.

6. शीला दीक्षित के सत्ता के गढ़ दिल्ली को वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ढहाया था. इससे पहले 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनाई थी. लेकिन इस दौरान केजरीवाल का कार्यकाल केवल 49 दिन का रहा. एक साल के राष्ट्रपति शासन काल के बाद जब फिर से चुनाव हुए तो केजरीवाल ने एक तरफा जीत हासिल करते हुए पूर्ण बहुमत सरकार बनाई.

7. हाल में हुए लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित को उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार उतारा गया. लेकिन यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्हें भाजपा प्रत्याशी और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बड़े अंतर से मात दी. यह महज इत्तेफाक रहा कि शीला दीक्षित लगातार दो बार दिल्ली की राजनीतिक पार्टी के मुखिया से चुनाव हारीं. हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवाड़ी ने उन्हें हराया. 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में उन्हें वर्तमान दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने मात दी थी.

8. शीला दीक्षित को राजनीति में प्रशासन व संसदीय कार्यों में महारथ हासिल थी. इन्होंने केंदीय सरकार में 1976 से 1979 तक मंत्री पद भी ग्रहण किया. इससे पहले वे संसदीय कार्यों की राज्य मंत्री रहीं और बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रहीं. लोकसभा चुनाव-2019 उनके राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका साबित होने वाला था. इस बार उनके नेतृत्व में कांग्रेस को प्रदेश की सभी सातों सीटों पर हार नसीब हुई.

9. एक महिला होने के साथ शीला दीक्षित एक समाजसेवी भी थीं. उन्होंने महिला उत्थन के लिये अथक प्रयास किये. इन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की महिला स्तर समिति में भारत का पांच वर्षों (1984-89) तक प्रतिनिधित्व किया. उत्तर प्रदेश में अपने 82 साथियों के साथ अगस्त, 1990 में 23 दिनों की जेल यात्रा भी की. वे इंदिरा गांधी स्मारक ट्रस्ट की सचिव भी थीं. ट्रस्ट शांति, निशस्त्रीकरण एवं विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार देता है. इस ट्रस्ट ने एक पर्यावरण केन्द्र भी खोला है.

10. शीला दीक्षित को आज भी दिल्ली में गुड गवर्नेस के नाम पर जाना जाता है. उनके कार्यकाल में दिल्ली में जमकर डवलपमेंट हुआ. दिल्ली की राजनीति में आप पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल का एकदम से उठकर सामने आना और सत्ता हथियाना एक करिश्में से कम नहीं था.

 

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