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मनी लांड्रिग मामले में रॉबर्ट वाड्रा को सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ी राहत दी है. वाड्रा ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि उन्हें विदेश जाने की अनुमति दी जाए. वे अपने इलाज को लेकर विदेश जाना चाहते हैं. सोमवार को कोर्ट ने वाड्रा को 6 सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति देकर बड़ी राहत दी है. रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी बड़ी आंत में ट्यूमर बताया है और उसी के इलाज को वे लंदन जाना चाह रहे थे. इससे पहले वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने भी विदेश जाने के लिए अपील कर चुके थे.

राबर्ट वाड्रा पर मनी लांड्रिग के एक मामले में सीबीआई जांच कर रही है. उनकी विदेश यात्रा को लेकर भी बैन लगा हुआ है. लेकिन सोमवार को सीबीआई कोर्ट ने उन्हें राहत प्रदान की है. वाड्रा ने बीते बुधवार को दिल्ली के राउस अवेन्यू कोर्ट में अपना एक मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवा कर मांग की थी कि उन्हें इलाज के लिए लंदन जाने की अनुमति दी जाए.

उन्होंने बताया था कि उनकी बड़ी आंत में ट्यूमर हैं और वे इसका इलाज करवाने के लिए लंदन जाना चाहते हैं. इस पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को इलाज के लिए छह हफ्ते के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी है. बुधवार को उन्होंने कोर्ट से अपना पासपोर्ट वापस करने के लिए भी कहा था. हालांकि कोर्ट ने वाड्रा की विदेश जाने के आवेदन पर तीन जून तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा ने लंदन जाकर अपना इलाज करवाने के लिए कोर्ट में दिल्ली के गंगाराम अस्पताल का एक मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवाया था. जिसमें उनकी बीमारी की जानकारी दी हुई थी कि उनकी बड़ी आंत में ट्यूमर है. वाड्रा के विदेश जाने की इजाजत वाली अपील पर सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनवाई की. इस दौरान वाड्रा के वकील ने उनकी ओर से अपने दावे प्रस्तुत किए.

विदेश यात्रा की अपील की सुनवाई के दौरान रॉबर्ट वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कोर्ट में यह दलील की कि वाड्रा मामले की जांच में हर समय पूरा सहयोग कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वे कोर्ट द्वारा कोई समन जारी होने से पहले ही लंदन से स्वदेश लौट आएंगे. तुलसी ने यह भी कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि रॉबर्ट वाड्रा जांच से भाग जाएंगे. लिहाजा उन्हें इलाज के लिए विदेश जाने की इजाजत प्रदान की जाए.

वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की. उन्होंने कहा कि वाड्रा द्वारा कोर्ट में दिए गए मेडिकल सर्टिफेकिट की तारिख पर सवाल उठाया. वकील ने अदालत को कहा कि सर्टिफिकेट 13 मई का है, वाड्रा द्वारा यह कोर्ट में आखिर पहले क्यों नहीं जमा करवाया गया. ईडी के वकील ने यह भी कहा कि सर्टिफिकेट में यह क्यों लिखा है कि उन्हें लंदन से आगे सलाह-मशविरा लेना चाहिए? वह कहीं और से भी यह ले सकते हैं.
इसके अलावा ईडी के वकील ने यह भी कहा कि ऐसा तो हरगिज नहीं है कि हमारे देश भारत में इस बीमारी का इलाज नहीं हो सके. फिर वाड्रा के मेडिकल सर्टिफेकिट में यह क्यों लिखा गया है कि कहां से उपचार ले सकते हैं. कोर्ट ने ये दलीलें खारिज करते हुए रॉबर्ट वाड्रा को विदेश जाकर इलाज करवाने के लिए 6 सप्ताह की अनुमति प्रदान कर दी है. बता दें कि कोर्ट ने एक अप्रैल को मनी लांड्रिग मामले में रॉबर्ट वाड्रा को अग्रिम जमान देते हुए कई अन्य शर्तें लागू कर बिना आदेश विदेश न जाने के निर्देश दिए थे.
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