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लोकसभा चुनाव में शर्मनाक व करारी हार के बाद चिंतन व मंथन में जुटी कांग्रेस अब नए सिरे से संगठन को प्लान करने में लगी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की इच्छा व कई प्रदेशाध्यक्ष द्वारा इस्तीफे भेजे जाने की कसमकश के बीच पार्टी ने एक और कड़ा फैसला किया है, जो कांग्रेस संगठन में किसी बड़े बदलाव की सुगबुगाहट है. पार्टी के इस फैसले के अनुसार अब अगले एक महीने तक कोई भी पार्टी प्रवक्ता किसी न्यूज चैनल्स की बहस या प्रोग्राम में हिस्सा नहीं लेगा, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसके लिए न्यूज चैनल्स को भी किसी प्रवक्ता को नहीं बुलाने के लिए कहा है.

कांग्रेस पार्टी इन दिनों बुरे दिनों से गुजर रही है. लगातार दूसरी बार की शिकस्त के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पद छोड़ने पर अड़े और कई नेताओं से हार को लेकर नाराजगी जता चुके हैं. हालांकि दिग्गज कांग्रेसी नेताओं द्वारा उनको मनाने की भी कोशिश हुई है. इसी बीच पार्टी ने मीडिया से दूरी बनाने का फैसला किया है. जिसके अनुसार अब अगले एक महीने तक को भी पार्टी प्रवक्ता न्यूज चैनल्स की किसी डिबेट में शामिल नहीं होगा. इससे संबधित जानकारी को राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए न्यूज चैनल्स को भी किसी प्रवक्ता को बुलाने से परहेज को कहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में न्यूज चैनल्स को कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वह एक महीने तक टीवी डिबेट के लिए पार्टी के प्रवक्ता को नहीं भेजेगी. सभी न्यूज चैनल /संपादकों से अनुरोध है कि वह कांग्रेस के प्रतिनिधियों को अपने शो में शामिल न करें. बता दें कि हाल ही में सपा ने न्यूज चैनल्स पर पार्टी का पक्ष रखने वाले पैनलिस्ट को हटा लिया था. अब कांग्रेस ने भी यही शुरुआत की है.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद 25 मई को आयोजित हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कई नेताओं ने इस बात को प्रमुखता से उठाया था कि पार्टी प्रवक्ताओं को न्यूज चैनल्स पर होने वाली डिबेट में न जाने दिया जाए. इसे पार्टी ने गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया है. वहीं सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नरेंद्र मोदी की नई सरकार पर शुरुआती एक महीने तक किसी भी टीका-टिप्पणी और आलोचना से बचना चाहती है और इसे ही ध्यान में रखकर पार्टी ने यह सख्ताई लागू की है.

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