गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर राहुल गांधी का विरोध कर रहीं प्रियंका गांधी या समर्थन?- पूनियां

प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस की उड़ाई खिल्ली, सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रबंधन पर उठाए सवाल, पानी के बिलों पर मुख्यमंत्री के फोटो को बताया सरकार का विज्ञापन, कहा- 40 सालों के इतिहास में नहीं हुआ ऐसा

Satish Poonia Bjp (2)
Satish Poonia Bjp (2)

Politalks.news/Rajasthan. राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने राहुल गांधी की राजनीति और ज्ञान पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल गांधी को राजनीतिक ज्ञान के तौर पर, समझ के तौर पर और कितना समय लगेगा कि वो इन चीजों को ठीक से धरातल के तौर पर समझ पायें. साथ ही पूनियां ने प्रियंका गांधी के बयान के हवाले से कहा कि इस मामले पर प्रियंका गांधी इतनी विलम्ब से कैसे आई. प्रियंका ने हाल में कहा था कि यदि कांग्रेस का अध्यक्ष कोई गैर गांधी परिवार से होगा तो भी स्वीकार होगा. इस पर सतीश पूनियां ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रियंका के इस बयान से मैं समझ नहीं पाया कि वो अपने भाई राहुल गांधी का विरोध कर रही हैं या समर्थन. प्रेस वार्ता में सतीश पूनियां ने बिजली की बढ़ी हुई दरों, तेज बारिश और टिड्डी हमले में हुए खेती व अन्य नुकसान, कोरोना प्रबंधन पर भी सवाल उठाए.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने प्रेस वार्ता में गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बारे में एक पुस्तक के हवाले से पता चला है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि कोई कांग्रेस का अध्यक्ष गैर गांधी परिवार से होगा तो भी स्वीकार होगा. इतने सालों बाद उन्हें इस ज्ञान की प्राप्ति अभी कैसे हुई, मुझे लगता है कि इस मामले पर प्रियंका गांधी इतनी विलम्ब से आई हैं कि कांग्रेस द्वारा की गई गलती दुरूस्त हो नहीं सकतीं. जो गलती कांग्रेस के आलाकमान गांधी परिवार से हो चुकी वो इतिहास में दर्ज हो गई. वो कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेसी, गांधीवादी, गांधीजी के वंश से बनाये, नेहरूजी के वंश से बनाये और या गैर गांधीवादी बनाये, तो इससे मुझे लगता नहीं है कि कांग्रेस की जो नीति और नीयत के कारण उनको देश ने नकारा है. उससे उनको कोई फायदा नहीं होने वाला है, लेकिन प्रियंका के इस बयान से मैं समझ नहीं पाया कि वो भाई का विरोध कर रही हैं या समर्थन कर रही हैं.’

यह भी पढ़ें: अब राहुल गांधी मोदी सरकार से आमने-सामने ठोकेंगे ताल, सीधे मांगेंगे जवाब

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सतीश पूनियां ने कहा, ‘कांग्रेस के महान राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी इन दिनों वापस चर्चा में हैं. वे बीच-बीच में कुछ आविष्कार करते रहते हैं, देश को अच्छा दर्शन देते हैं और कहते हैं कि फेसबुक और व्हाट्सअप को भाजपा और आरएसएस ने प्रभावित किया हुआ है और इसके जरिए वो लोगों को फुसलाते हैं. मैंने देखा कि जब कांग्रेस चुनाव हारती है तो ईवीएम को दोष देते हैं, अदालत में मुकदमा हार जाये तो कोर्ट को दोष देते हैं और सोशल मीडिया पर पिछड़ते हैं तो फेसबुक और व्हाट्सअप को दोष देते हैं. हकीकत यह है कि देश की नई पीढ़ी कांग्रेस की हकीकत जान चुकी है.

कोरोना और टिड्डी हमले एवं नुकसान पर सरकार को घेरा

कोरोना की स्थितियों पर चर्चा करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार भीलवाड़ा माॅडल का जिक्र करते हैं, फिर कहते हैं प्रधानमंत्री जी ने हमारी तारीफ की है. हालांकि यह अलग बात है कि उन्होंने प्रधानमंत्री जी की कितनी बार तारीफ की, जिनके शानदार कोरोना प्रबन्धन की पूरी दुनिया और संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रशंसा की है. पूनियां ने कोरोना काल में सरकार के प्रबंधन को फेल बताते हुए कहा कि कोरोना के प्रबंधन में राज्य सरकार कमजोर थी, कमजोर है. हम उम्मीद करते है कि प्रदेश की जनता के हित में सरकार कोरोना प्रबंधन पर गंभीरता से ध्यान दे.

टिड्डी से फसलों को हुए नुकसान को लेकर राज्य सरकार को घेरते हुए पूनियां ने कहा कि, प्रदेश के लगभग 22 जिलों में 90 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में करीब 1100 करोड़ रुपये का किसानों को नुकसान हुआ है. पिछले साल भी 12 जिलों में टिड्डी हमले से फसलों का नुकसान हुआ था. पूनियां ने जल्द गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है.

पानी के बिल को विज्ञापन बनाकर इस्तेमाल कर रही सरकार

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए पूनियां ने कहा कि कोरोना काल में हुए नुकसान के कारण राजस्थान में तीन महीने का बिजली माफी एक बड़ा यक्ष प्रश्न है. राजस्थान की जनता में नीचे-नीचे एक आक्रोश है लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. बहुत सारी जगहों पर लोगों ने बिजली के बिलों के बहिष्कार की बात भी कही है, अनेक संगठनों ने इसमें प्रमुख तौर पर भारतीय किसान संघ ने इस आंदोलन को नीचे तक चलाया है. जनप्रतिनिधियों के तौर पर हमें भी जनता की ओर से अनेक संस्थाओं के लोग, संगठनों के लोग इस मामले में कई बार ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया.

यह भी पढ़ें: अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पहली बार पीसीसी पहुंचे सचिन पायलट ने दी डोटासरा को बधाई

सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में बिजली कम्पनियों ने विगत दिनों जब बिजली के दामों में बढ़ोतरी की थी, अब प्रदेशभर से मिल रही शिकायतों में 2 से 5 हजार रूपये तक बिजली के बिलों में अतिरिक्त पैसा उपभोक्ताओं को देना पड़ रहा है. फिक्स चार्ज के नाम पर उद्योगों से एक बड़ी राशि वसूली जा रही है. प्रदेश में वीसीआर के नाम पर एक बड़ा खेल खेला जा रहा है. अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए किसी भी तरीके से इसमें सरकार के स्तर पर भी राजनीतिक तौर पर भी किसानों को प्रताड़ित करने की कोशिश हो रही है.

पूनियां ने कहा कि प्रदेश में करीब 40 वर्षों के बाद में पानी के बिल का फाॅर्मेट बदला है जिस पर मुख्यमंत्री का फोटो है. ताज्जुब होता है कि पानी के बिल को भी विज्ञापन के रूप में सरकार इस्तेमाल कर रही है, जो बहुत ही हास्यास्पद है. पूनियां ने कहा कि ऐसा 30-40 सालों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ.

अन्नपूर्णा योजना का नाम बदलने में दो साल क्यों लिए

इंदिरा रसोई पर बोलते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि अच्छी बात है गरीबों को भोजन मिलना चाहिए, लेकिन इस बात का तो कोई तार्किक जवाब दें कि आपने अन्नपूर्णा का नाम बदलने के लिए पौने दो साल क्यों लगाए? पूनियां ने कहा कि इसका मतलब तो ये था कि यानि पौने दो साल से मुख्यमंत्री को गरीबों की और भूखों की परवाह ही नहीं थी. एकदम से ऐसा क्या उनको बुद्ध का ज्ञान प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि पौने दो साल तक इस योजना को ठण्डे बस्ते में क्यों रखा. पूनियां ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना और भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी बहुत सारी योजनाएं अभी लंबित हैं, उनके बारे में मुख्यमंत्री बोलते नहीं हैं. उन्होंने अन्नपूर्णा को इंदिरा कर दिया, मुझे नाम बदलने पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन नीयत पर ऐतराज है.

पूनियां ने पूछी अपराधों पर अंकुश लगाने की कार्य योजना

सतीश पूनियां ने कहा कि पिछले कई महीनों से बढ़ते अपराधों के कारण राजस्थान अपराधों की राजधानी बन गया है. मुख्यमंत्री जो खुद गृहमंत्री भी हैं, आज तक नहीं बोले हैं कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की कार्य योजना क्या है? पूनियां ने कहा कि सरकार इन घटनाओं को गंभीरता से नहीं ले रही है और ना ही अपने स्तर पर कांउंसिलिंग की कोई व्यवस्था की गई है.

पूनियां ने पाक विस्तापितों का जिक्र करते हुए कहा कि 11 पाक विस्थापित लोगों की दुखद मौत हुई लेकिन अफसोस हुआ कि मुख्यमंत्री जी उस खानदान की बची हुई एकमात्र महिला के घर तक भी नहीं पहुंचे. किसी एक मोहल्ले में सरकारी टेंट लगाकर वहां एक मिजाज कुर्सी करके आ गये. पूनियां ने करौली और चूरू की घटनाओं को चुनौती बताते हुए कहा कि सरकार की तरफ से कोई अधिकृत मनोबल बढ़ाने वाला या ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने वाला कोई बयान तक नहीं आया.

Leave a Reply