पायलट ने दिल्ली चुनाव प्रचार में कपिल मिश्रा पर साधा निशाना- ऐसे लोग भी चुनाव लड रहे हैं जो असंतुलित भाषा का प्रयोग करते हैं

राजस्थान जैसे बडे प्रदेश में हम लोग 21 से 101 हो सकते है, बीजेपी 165 से 72 पर आ सकती है तो दिल्ली के लोग तो कांग्रेस को अच्छी तरह से जानते हैं

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इन दिनों दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसी हुई है. पिछले तीन दिनों से पायलट ने दिल्ली में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए कई सभाएं की और मतदाताओं पर अपने प्रभावी भाषण की छाप छोड़ी. सचिन पायलट ने सोमवार को दिल्ली के मॉडल टॉउन विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी आकांशा ओला के समर्थन में चुनावी सभा का संबोधित किया. अपने सम्बोधन में पायलट ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव राष्ट्र का चुनाव हो गया है.

सचिन पायलट ने कहा, हमारे सामने जो दोनों दल चुनाव लड रहे हैं बीजेपी और आप वो सत्ता में हैं, एक केंद्र की सत्ता में है तो एक प्रदेश की सत्ता में है. दिल्ली में लगातार तीन बार जब कांग्रेस की सरकार शीला दीक्षित के नेतृत्व में बनी थी, उस समय शीला दीक्षित जी ने जो कार्य कुशलता के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन किया भूतो न भविष्यति है. पायलट ने आगे कहा, दिल्ली का इन्फ्रास्ट्रक्चर 1998 में कैसा था और आज कैसा है. हम सब लोग इस बात को याद करते है कि निवेश कैसे होता है, आपस में समन्वय कैसे होता है.

वहीं सचिन पायलट ने बीना नाम लिए पिछले दिनों मॉडल टॉउन से भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा द्वारा दिए गए विवादित बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे लोग भी चुनाव लड रहे है जो असंतुलित भाषा का प्रयोग करते हैं यह हमारी परंपरा नहीं रही है. राजनीति में लोग भाषण सबका सुन लेते है लेकिन वोट उसको देते हैं जो गले उतर जाता हैं.

वहीं आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि आप ने सत्ता में आने के बाद सब कुछ करने की कोशिश की. राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में भी गये लेकिन ले दे के समझ गये कि देश में हमें कोई सुनने वाला नहीं है. आज सवाल यह है कि प्रचार करने से इश्तेहार छपवाने से अगर हम वोट ले रहे है तो सवाल पूछने का अधिकार जनता के पास है. मेरे कुछ साथियों ने कहा कि पिछली बार कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, हम एक भी सीट नहीं जीत पाये थे. मैं बताना चाहता हूं कि राजस्थान में भी 6 साल पहले 200 में से 165 सीट पर बीजेपी थी. कांग्रेस उस चुनाव में 21 पर रह गई थी. राजस्थान जैसे बडे प्रदेश में हम लोग 21 से 101 हो सकते है, बीजेपी 165 से 72 पर आ सकती है तो दिल्ली के लोग तो कांग्रेस को अच्छी तरह से जानते हैं. एक-एक उम्मीदवार का आंकलन आप लोगों को करना है. कांग्रेस पार्टी के सभी उम्मीदवार सर्वश्रेष्ठ है.

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इससे पहले शनिवार को बादली विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी देवेंद्र यादव के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि दिल्ली का चुनाव कोई छोटा मोटा चुनाव नहीं है, पूरा देश इस चुनाव की ओर देख रहा है. यहां के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अनेकों प्रकार के इश्तिहार छपवाकर एक नया रिकार्ड बना दिया. दिल्ली में किसी भी क्षेत्र में कोई ऐसा काम नहीं हुआ जिसके बारे में ये लोग कह सकें कि जो वादा हमने किया उसके मुताबिक काम किया. पायलट ने आगे कहा केजरीवाल जी ने पहले 3 साल मोदी जी को कोसने में निकाल दिए. अन्ना हजारे को बैसाखी बनाके ये राजनीति में आये थे इस दौरान जिन जिन लोगों ने इनकी पार्टी को स्थापित करने में योगदान दिया उनकों सबको धीरे धीरे घर बैठा दिया. पिछले 5 सालो में दिल्ली में सिर्फ प्रचार प्रसार हुआ है धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. दिल्ली से देश में संदेश जाना चाहिए, इस विधानसभा चुनाव में आपकों भूल नहीं करनी है. इस चुनाव में सोच समझ कर अपना प्रत्याशी चुनना है.

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बता दें, दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजस्थान कांग्रेस के करीब 70 नेताओं ने पीसीसी चीफ व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निर्देश पर चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है. खुद पायलट भी दिल्ली में प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे है. इससे पहले पायलट ने रविवार को बादली विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी देवेंद्र यादव के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया था. पायलट की इन सभाओं में युवाओं का हुजुम उमडा और युवा सचिन पायलट को सुनने के लिए बेताब नजर आए.