सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर सीएम गहलोत ने सभी मंत्रियों को दिया स्पेशल टास्क, जानें क्या है वजह

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि प्रभारी मंत्री सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक तक पहुंचाएं, ताकि दूरदराज देहात में बैठे व्यक्ति को भी सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिल सके

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Politalks.News/Rajasthan. 17 दिसंबर को कांग्रेस की गहलोत सरकार अपने दो साल का कार्यकाल पूरा कर रही है. इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सभी मंत्रियों को प्रदेश के सभी 33 जिलों में दौरा कराने का निर्देश दिया है. इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि ये मंत्री राज्य के सभी 33 जिलों में जाएं और जनता के सामने गहलोत सरकार के दो साल के कार्यों की उपलब्धियों का बखान कर सकें.

मंगलवार को शासन सचिवालय से जारी हुए आदेशों के मुताबिक, गहलोत केबिनेट के दो-दो मंत्रियों के कुल 11 ग्रुप बनाए गए हैं. प्रत्येक ग्रुप आने वाली 19 और 20 दिसम्बर को प्रदेश के 3-3 जिलों में दौरा करेगा. मंत्रियों की यह टीम वहां सम्बंधित कलेक्टर के साथ बैठक करके प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा भी करेगी. यही नहीं सभी मंत्री जिले में प्रेस कॉफ्रेंस भी करेंगे. जिसके माध्यम से जहां वे सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच पहुंचाने के अलावा राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही जिले में पिछले दो साल में क्या-क्या काम हुए, इसकी एक बुकलेट भी जारी की जाएगी, जिसमें सरकार की योजनाओं का उल्लेख होगा.

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किस मंत्री को कहां का मिला जिम्मा

  • बी.डी. कल्ला और गोविंद डोटासरा को बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़
  • शांति धारीवाल और प्रमोद जैन भाया को कोटा, बारां, झालावाड़
  • परसादी लाल और टीकाराम जूल को जयपुर, अलवर, दौसा
  • लालचंद कटारिया और रघु शर्मा को अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर
  • हरीश चौधरी और सुखराम विश्नोई को जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर
  • उदयलाल आंजना और प्रताप सिंह खाचरियावास को उदयपुर, राजसमंद चित्तौड़गढ़
  • शाले मोहम्मद अरबमहेंद्र चौधर को जोधपुर, पाली, सिरोही
  • महेश जोशी और अशोक चांदना को बूंदी, सवाई माधोपुर, टोंक
  • ममता भूपेश और भजनलाल जाटव को भरतपुर, धौलपुर, करौली
  • अर्जुन बामणिया और राजेंद्र यादव को डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़
  • भंवर सिंह भाटी को सुभाष गर्ग को चूरू, सीकर, झुंझुनूं

जानकारी के अनुसार मंत्रियों को जिलों के दौरे के दौरान पांच बिंदुओं को लेकर जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें जिला अधिकारियों के साथ बैठक, सरकार की फ्लेगशिप योजनाओं की समीक्षा, कोविड 19 की स्थिति की समीक्षा, जिला स्तर पर बुकलेट जारी करना और जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले दिनों 21 जिलों में हुए जिला परिषद और पंचायतों के चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद मौजूदा गहलोत सरकार बैकफुट पर आ गई है, क्योंकि परिणामों ने उस मिथ्य को तोड़ दिया जब ये कहा जाता था कि राज्य में जिस पार्टी की सरकार होती है शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले चुनावों में भी उसी पार्टी को बढ़त मिलती है.

चुनावों के नतीजों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हार के बाद सफाई देनी पड़ी थी, जिसमें उन्होने कहा था कि नतीजे हमारी आशा के अनुकूल नहीं रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पिछले 9 महीने में हमारी सरकार कोविड-19 की रोकथाम के लिए मेहनत कर रही है. हमारी प्राथमिकता लोगों का जीवन और आजीविका बचाना रहा. हमारा पूरा ध्यान कोरोना महामारी पर रहा, जिसके चलते हम अपनी योजनाओं और सरकार के कार्यों का अच्छे से प्रचार नहीं कर सके.

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जबकि पिछले 2 वर्ष के कार्यकाल के दौरान सरकार ने लोक कल्याणकारी योजनाओं से आम आदमी को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की है. जवाबदेही और संवेदनशील प्रशासन से आम आदमी को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि प्रभारी मंत्री सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक तक पहुंचाएं, ताकि दूरदराज देहात में बैठे व्यक्ति को भी सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिल सके.

आपको बता दें कि प्रदेश के 21 जिलों में हुए चुनावों में 4371 पंचायत समिति वार्डों में बीजेपी ने 1989 वार्ड जीते, जबकि कांग्रेस के खाते में 1850 वार्ड आए। वहीं जिला परिषद के 636 में से 353 वार्ड बीजेपी ने, जबकि कांग्रेस के खाते में 253 वार्ड ही आए थे.

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