लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (OM Birla) अपने बेबाक बोल के लिए जाने जाते हैं. अब वह लोकसभा अध्यक्ष (Loksabha Speaker) बन गए हैं. हाल ही वह अपने गृह क्षेत्र कोटा पहुंचे तो जाहिर है कि वह वहां लोकसभा अध्यक्ष की ठसक के साथ नहीं रह सकते. बिड़ला ट्वीट भी करते हैं, जिनमें वह अपने विचार रखते हैं. बुधवार को उनके एक ट्वीट से विवाद पैदा हो गया. कई लोग बिड़ला के बारे में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. उन पर जातिवादी होने के आरोप लग रहे हैं.
ओम बिड़ला ने पिछले रविवार कोटा (Kota) में ब्राह्मण महासभा (Brahmin Mahasabha) के कार्यक्रम में भाग लिया था. उसके बाद उन्होंने ट्वीट किया था, समाज में ब्राह्मणों का ऊंचा स्थान है. यह उनके बलिदान और समर्पण का परिणाम है. यही कारण है कि समाज में ब्राह्मण हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका में रहे हैं.
समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है। यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है। pic.twitter.com/ZKcMYhhBt8
— Om Birla (@ombirlakota) September 8, 2019
इस ट्वीट के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिप्पल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए इस तरह की भाषा का उपयोग करना ठीक नहीं है. यह समाज में ऊंच-नीच आधारित जातिवाद की पैरवी करने जैसा है.
Om Birla : Speaker Lok Sabha said :
“ Brahmins are held in high regard by virtue of birth “
It is this mindset that caters to a caste ridden unequal India
We respect you Birlaji not because you are a Brahmin but because you are our Speaker in Lok Sabha
— Kapil Sibal (@KapilSibal) September 11, 2019
गैर राजनीतिक संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविस लिबर्टीज (PUCL) ने कहा कि कोटा में ब्राह्मण महासभा के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ओम बिड़ला ने जो ट्वीट किया है, वह ठीक नहीं है. हम इसकी शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से करेंगे. कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह लोकसभा अध्यक्ष को शोभा नहीं देता. इससे हिंदुत्व का असली चेहरा दिखाई देता है, जिसमें जातिवाद को महत्व दिया जा रहा है.
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) असदउद्दीन ओवौसी (Asaduddin Owaisi ) ने ट्वीट किया, माननीय महोदय, संविधान सभी के लिए न्याय, समानता और भाईचारे का वादा करता है. बाबा साहेब अंबेडकर ने भी कहा था कि आपसी भाईचारा होने से समाज में सिर्फ कुछ लोगों के वर्चस्व को समाप्त किया जा सकता है. हम ऐसे देश में नहीं रह सकते जहां एक जाति दूसरी जाति से श्रेष्ठ हो.
Sir with due respect,Constitution promises Justice,Equality & Fraternity to all. As Babasaheb said, unless there’s fraternity & respect towards fellow humans “liberty will produce the supremacy of the few over many”. We can’t live in an India where one caste is superior to others https://t.co/16HfQaSJIz
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 11, 2019
गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने बिड़ला के ट्वीट की निंदा करते हुए कहा कि जातिवाद को बढ़ावा देने वाला यह बयान न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि चापलूसी से भरा हुआ भी है. यह हमारे साथ मजाक है कि जातिवाद को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति ने लोकसभा अध्यक्ष पद संभाल रखा है. अपने बयान के लिए ओम बिड़ला को माफी मांगनी चाहिए.
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने भी ओम बिड़ला (OM Birla) का नाम लिए बगैर बयान की आलोचना की है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से जब बिड़ला के ट्वीट पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, जो भी प्रतिभा संपन्न और योग्य है, वह श्रेष्ठ है. पीयूसीएल का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष का बयान संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है, जिसमें कानून के सामने सभी को समान बताया गया है. बिड़ला को अपना बयान तत्काल वापस ले लेना चाहिए.
इन सभी के अलावा सोशल मीडिया के अन्य यूजर्स ने भी उनकी पोस्ट भी कमेंट किया. एक यूजर ने कहा कि मै खुद ब्राह्मण हूं लेकिन यह मानती हूं कि पैदा होते समय हर इंसान बराबर है.
ब्राह्मण जन्म से नहीं होते, कर्म से बना जाता है. ब्राह्मणों के लिए निर्धारित कर्म अगर कोई दलित भी करता है तो उसका स्थान भी ऊंचा और पूजनीय है. मै खुद ब्राह्मण हूं लेकिन यह मानती हूं कि पैदा होते समय हर इंसान बराबर है.https://t.co/w6Hd0EQwtv
— पश्यन्ती शुक्ला Pushyanti Shukla (@pashyantii) September 9, 2019
आज ब्राह्मणों की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है
कहते हुए बहुत दुख हो रहा है
परन्तु यही सत्य है
संविधान में कोई अछूत है तो वो ब्राहमण ही है— चौधराइन#जनसंख्या_नियंत्रण_कानून (@Kyunbtaun) September 8, 2019
बहुत-बहुत धन्यवाद सर 🙏🏻 जो सच होता है उसी को बोला जाता है
— Amrita Pandey (@Amrita_pandey1) September 10, 2019
संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति, न सिर्फ एक जातीय सभा में भाग लेते हैं बल्कि एक जाति विशेष का गुणगान भी कर रहे हैं- ये एक संघी ही कर सकता है। संसद में आप के आचरण को देख के बहुत आशा थी पर आपकी मानसिकता भी जातिवादी है।
— Rupesh (@rupesh_lti) September 9, 2019
जाति प्रमाण पत्र पर मलाई काटने वालों क्या आज के क़ानून में जाति बदलने की कोई व्यवस्था है मेरे पास कुछ ब्राह्मण शौचालय साफ़ करने वाले हैं उनको अनुसूचित घोषित करवा दो बस।वर्ण व्यवस्था किसने चलाया इसका पूरा ज्ञान ले लो फिर दोष देना ब्राह्मणों को।
— Arvind Shukla (@aks193) September 11, 2019