असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) एक बार फिर से विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं. हिमंत बिस्वा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि हिंदू नहीं, बल्कि असम का एकमात्र समुदाय है, जो सांप्रदायिकता में लिप्त है. बिस्वा ने कहा कि इन्होंने बीजेपी के विकास कार्यों को नजर अंदाज करते हुए आम चुनावों में कांग्रेस को वोट दिया. सरमा ने दावा किया कि वे भले ही पीएम मोदी द्वारा दिए गए घरों में रह रहे हों, मोदी द्वारा प्रदान की गई बिजली और स्वच्छता सुविधाओं का लाभ उठा रहे हों, लेकिन जब वे वोट देने जाते हैं, तो वे कांग्रेस को वोट देते हैं.
एक समाचार ऐजेंसी के रिपोर्ट के अनुसार, सीएम बिस्वा बीजेपी के असम मुख्यालय में पार्टी और उसके सहयोगियों के विजयी उम्मीदवारों के अभिनंदन कार्यक्रम में बोल रहे थे. यहां उन्होंने बिना नाम लिए बांग्लादेश मूल के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सांप्रदायिकता में लिप्त होने का दावा किया. सीएम ने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों पर विचार किए बिना बांग्लादेश मूल के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट दिया. उन्होंने कहा कि असम का यह एकमात्र समुदाय है, जो सांप्रदायिकता में लिप्त है.
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असम सीएम ने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भले ही सड़कें न हों, बिजली न हो, लेकिन वे कांग्रेस को भारी वोट देते रहे हैं. इसके विपरीत भाजपा असमिया लोगों और आदिवासियों के लिए काम कर रही है. हिमंत बिस्पा ने आगे कहा कि करीमगंज को छोड़कर, अगर हम बहुसंख्यक बांग्लादेश मूल के लोगों वाले केंद्रों पर विचार करें, तो 99 फीसदी वोट कांग्रेस को गए हैं.
बीजेपी सरकार नहीं होगी तो हमले होंगे
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं होगी तो यहां पर हमले होते रहेंगे. बिस्वा ने कहा कि बांग्लादेश मूल का समुदाय कांग्रेस को वोट देगा, क्योंकि वे अगले 10 वर्षों में राज्य पर नियंत्रण चाहते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जब आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के बाद से भाजपा सरकार निष्क्रिय थी, तब समुदाय के सदस्यों ने बारपेटा के एक गांव में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया और कोकराझार में जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की. ऐसे में जब बीजेपी सरकार नहीं रहेगी तो ऐसे कितने हमले होंगे. इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है.
आम चुनाव में 14 में से 11 सीटें जीतीं
असम में लोकसभा की 14 सीटें हैं. इनमें से 11 सीटों पर एनडीए ने कब्जा जमाया है. बीजेपी-एजीपी-यूपीपीएल गठबंधन ने राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 11 पर जीत हासिल की है. कांग्रेस को शेष तीन सीटें मिलीं. असम में बीजेपी सत्ताधारी पार्टी है.