पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. निर्भया मामले में तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों की धड़कनें आज बढ़ती जा रही है क्योंकि उनकी फांसी में केवल कुछ ही घंटे शेष हैं. फांसी शुक्रवार को सुबह साढ़े पांच बजे दी जानी तय है. ऐसे में दोषियों के वकील एपी सिंह अंतिम दिन भी अलग-अलग कोर्ट में याचिका दायर कर फांसी टालने की पुरजोर कोशिशें और हथकंडे अपना रहे हैं. इसी बीच पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर निर्भया के परिजनों के समर्थक और गुनाहगारों के वकील एपी सिंह के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई है. दोषियों के वकील पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के गुनहगारों के डेथ वारंट पर रोक की अर्जी लगाने यहां पहुंचे थे.
दरअसल, वकील एपी सिंह जब पटियाला हाउस कोर्ट में जब दोषियों की अर्जी लगाने पहुंचे, तब वहां निर्भया के परिजनों के समर्थक भी मौजूद थे. बातों ही बातों में आक्रोशित हो दोनों पक्ष के समर्थक पुलिस की मौजूदगी में ही आपस में भिड गए. बाद में पुलिस ने बीच-बचाव किया और दोनों के समर्थकों को अलग किया.
निर्भया के चारों गुनहगारों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. फांसी को रोकने के लिए गुनहगारों के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. इस पर सुनवाई के दौरान एपी सिंह ने दलील दी कि सभी कोर्ट फिलहाल कोरोना के कारण बंद है और हमारी याचिकाएं अलग-अलग अदालतों में लंबित है. कड़कड़डुमा कोर्ट में एक दोषी की पिटाई और चोट से जुड़े मामले में कोर्ट ने अप्रैल में दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया हुआ है. इसके अलावा एक दोषी की याचिका हाई कोर्ट में है, जिसमें सतेन्द्र जैन के गलत तरीके से आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए दया याचिका पर दस्तखत करने का मामला है. इस दलीलों के बिनाह पर दोषियों के वकील ने डेथ वारंट निरस्त करने का अनुरोध किया.
एपी सिंह ने कोर्ट को ये भी बताया कि एक दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी उससे तलाक लेना चाहती है जिसकी सुनवाई 24 मार्च को होनी है. इंटरनेशनल कोर्ट में भी दया याचिका लगाई हुई है लेकिन कोरोना के चलते वहां कोर्ट बंद है. इस पर जज ने चुटकी लेते हुए कहा कि एपी सिंह साहब आपने तो अपनी सारी शक्तियां दिखा दी है. क्या मैं अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकता हूं. पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने कहा कि आप ही बता दें कि CRPC के किस प्रोविजन के तहत अब डेथ वारेंट पर रोक लगाई जा सकती है?
बता दें, बुधवार को दोषी पवन वर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट में घटना के समय नाबालिग होने की अर्जी दाखिल की थी. वहीं अक्षय ठाकुर ने सही तरीके से दया याचिका पेश न करने को लेकर याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए पवन वर्मा और अक्षय ठाकुर दोनों की याचिकाओं को खारिज कर दिया. एक अन्य दोषी मुकेश द्वारा लगाई एक याचिका में डीएनए और आयरन रॉड थ्योरी पर सवाल उठाया है. मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उसके साथ निष्पक्ष न्याय नहीं हुआ क्योंकि घटना के वक्त वो दिल्ली में नहीं बल्कि राजस्थान में था. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उसकी याचिका को सुनवाई करने के बाद रद्द कर दिया. पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक की याचिका को भी खारिज कर दिया है. ऐसे में दोषियों की कल सुबह साढ़े पांच बजे फांसी होना निश्चित है.