कभी BJP के खिलाफ नहीं बोला कुछ, रिटायरमेंट के बाद लिखूंगा एक किताब, CBI को बताऊंगा सच- मलिक

अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक हो रहे हैं सितम्बर में रिटायर, रिटायर होने के बाद मलिक ने सक्रिय राजनीति से अलग होने की कही बात तो वहीं किसान के साथ डटे रहने का भी किया एलान, एक मीडिया समूह को दिए अपने इंटरव्यू में किताब लिखने और पद छोड़ने के बाद CBI को सच बताने की कही है बात

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Politalks.News/SatyapalMalik. अपनी बेबाकी के लिए सुर्खियों में रहन वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व और वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर जबरदस्त सुर्खियों में हैं. केंद्र की मोदी सरकार को असहज करने वाले सत्यपाल मलिक आगामी 30 सितंबर को पद से रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में अपने पद से रिटायर होने वाले सत्यपाल मलिक ने शनिवार को एक निजी मीडिया चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कई बड़े बयान दिए. यहीं नहीं मलिक ने कहा कि, ‘अब मैं चुनावी राजनीति का हिस्सा नहीं बनूंगा लेकिन किसान आंदोलन से जुड़ा रहूंगा.’ इसके अलावा मलिक ने भविष्य में किताब लिखने की भी इच्छा जाहिर की है. सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में राज्यपाल रहते रिश्वत की पेशकश के आरोपों का सामना कर रहे सत्यपाल मलिक को पद जाते ही सीबीआई की पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है और इस बात को उन्होंने खुद भी स्वीकार किया है.

बीते शनिवार को दैनिक भास्कर में दिए अपने विशेष इंटरव्यू में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कई बड़े खुलासे किए एवं दिल से हर मुद्दे पर अपनी बात रखी. पॉलिटॉक्स की इस खबर में हम उस इंटरव्यू के कुछ ख़ास अंश आपके साथ शेयर कर रहे हैं…

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  • सवाल: आपका कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है. अब आगे क्या करेंगे?

मलिक: देखिए अब आगे चुनावी राजनीति में हिस्सा नहीं लूंगा, लेकिन आंदोलनों से जुड़ा रहूंगा और एक किताब लिखूंगा.

  • सवाल: भाजपा सरकार के 8 साल के दौरान आप पहले ऐसे राज्यपाल रहे, जिनका 4 बार तबादला किया गया. आप कैसा महसूस करते है?

मलिक: इसके बारे में अभी कुछ नहीं बोलूंगा. मैं रिटायरमेंट के बाद बोलूंगा.

  • सवाल: राज्यपाल रहते आपने केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की, BJP के खिलाफ बोलते रहे. किसान आंदोलन का समर्थन करते रहे, ऐसा क्यों?

मलिक: मैंने खिलाफ नहीं बोला, बात उनके पक्ष की थी, अगर उन्हें समझ में आ जाती. आखिरकार उन्हें वहीं करना पड़ा. अगर बात मान लिए होते तो किसान उनकी जय जयकार करते.

  • सवाल: जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए आपने आरोप लगाया था कि आपको रिश्वत की पेशकश की गई. उस आरोप पर CBI जांच करा रही है. आपको भी जांच से गुजरना होगा, आप क्या कहना चाहेंगे?

मलिक: मैं पद छोडूंगा, तब CBI को बताऊंगा सच.

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यह पहला मौका नहीं है जब मलिक अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में है. 7 जनवरी 2019, को जब सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तब उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा था कि, ‘जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था किसी भी अन्य राज्य से अच्छी है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लॉ एंड ऑर्डर की तुलना बिहार की राजधानी पटना से की. उन्होंने कहा है कि पटना में एक दिन में जितनी हत्याएं हो जाती हैं, उतनी हत्याएं कश्मीर में एक सप्ताह में होती हैं. वहीं केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों का भी सत्यपाल मलिक ने विरोध किया था. यहीं नहीं उन्होंने 17 मार्च 2021 को राजस्थान के झुंझुनूं में मलिक ने कहा था कि कुतिया भी मर जाती है तो उसके लिए हमारे नेताओं का शोक संदेश आता है. 250 किसान मर गए, कोई बोला तक नहीं, यह हृदयहीनता है. किसान अपना घर बार छोड़कर आए थे. हादसों में मरने वालों के लिए भी आप संवेदना भेजते हो.

वहीं अक्टूबर 2021 को झुंझनू में ही आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि, कश्मीर जाने के बाद मेरे सामने दो फाइलें (मंजूरी के लिए) लाई गईं. एक अंबानी और दूसरी RSS से संबंध रखने वाले व्यक्ति की थी, जो महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार में मंत्री थे. कहा गया कि इन दो फाइलों को मंजूरी देते हैं, तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपए मिलेंगे। उन्होंने सौदे को रद्द कर दिया. हालांकि, बाद में विवाद बढ़ने पर उन्होंने कहा कि इस मामले का RSS से कोई मतलब नहीं.

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