राज्यसभा की हार को माकन ने हाईकोर्ट में चुनौती दे अपनी ही पार्टी नेताओं पर उठाए सवाल, तो मिला ये जवाब

राज्यसभा चुनाव में भाजपा-जजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत के खिलाफ कांग्रेस नेता अजय माकन ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का खटखटाया दरवाजा, अपनी ही पार्टी के नेता विजय बंसल और किरण चौधरी की भूमिका पर भी उठाए सवाल, चौधरी ने किया पलटवार- माकन कई चुनाव हार चुके हैं, मेरी सहानुभूति उनके साथ

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Politalks.News/Congress/AjayMaken. कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में हरियाणा से मिली हार को भुला नहीं पा रहे हैं. राज्यसभा चुनाव में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (भाजपा-जजपा) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत के खिलाफ कांग्रेस नेता अजय माकन ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. यही नहीं अजय माकन ने अपनी ही पार्टी के नेता विजय बंसल और किरण चौधरी की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं. माकन ने कहा कि कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में डाले गए एक वोट को खारिज कर दिया जाना चाहिए था, क्योंकि यह उस कॉलम में चिह्नित नहीं किया गया था, जहां वरीयता को दर्ज किया जाना चाहिए था. माकन ने आगे कहा कि चूंकि मत को वैध माना गया था और चुनाव परिणाम पर इसका असर पड़ा था, इसलिए उन्हें याचिका दायर करनी पड़ी.

मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस की किरण चौधरी के वोट को अवैध घोषित किए जाने की खबरों के बारे में सवाल पूछे जाने पर अजय माकन ने कहा कि, “यह स्पष्ट था कि जब किरण चौधरी वोट डालने के बाद बाहर आईं, तो उन्होंने खुद कहा था कि उन्होंने उम्मीदवार के नाम के आगे ‘टिक मार्क’ लगाया था. हमने बैलट नंबर देखा था, जिस पर टिक मार्क लगाया गया था और उसके सीरियल नंबर की जांच भी की थी और इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं कि खारिज किया गया वोट किरण चौधरी का था.’

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गलती किससे हुई और किसने जानबूझकर की: इसके साथ ही अजय माकन ने कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल को भी आड़े हाथों लिया है. माकन ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के अधिकृत मतदान एजेंट (विवेक बंसल) ने अंत तक कहा कि हमें एकल वरीयता के 30 मत मिले, जबकि केवल 29 मत एकल वरीयता के डाले गए. माकन ने कहा कि, ‘एक बात जो है, एक ही समय में किरण चौधरी की गलती और हमारी पार्टी के अधिकृत एजेंट की गलती सांख्यिकीय रूप से असंभव लगती है. इसलिए उन्हें यह बताना होगा कि गलती किससे हुई और किसने जानबूझकर की, क्योंकि दोनों एक ही समय में गलती नहीं कर सकते.’

मुझे नहीं चाहिए वफादारी का प्रमाण पत्र: वहीं इस पर कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘मैं समझ सकती हूं, माकन कई चुनाव हार चुके हैं, मेरी सहानुभूति उनके साथ है, लेकिन माकन का इस तरह किसी का नाम लेना बहुत अपरिपक्व कदम है. मैं 2004 में एक वोट से हार गई थी और यह अभी भी नहीं पता कि यह किसका वोट था. रही बात कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी कि तो उसका प्रमाण पत्र मुझे किसी से नहीं चाहिए, मेरी नेता सोनिया गांधी सब जानती हैं.’

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आपको बता दें कि, हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं और हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में अजय माकन की जीत के लिए यह संख्या पर्याप्त थी, लेकिन, पार्टी विधायक कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की, जबकि एक और मत अवैध करार दे दिया गया था जिसके कारण अजय माकन को एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ा था.

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