न सांसद – न विधायक फिर भी संसदीय दल की नेता बनीं ममता, दिल्ली में बढ़ाएंगी सियासी गर्मी

ममता बनर्जी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के लिए हैं उपयुक्त और उनके मार्गदर्शन और दिशानिर्देश में पार्टी होगी और मजबूत- डेरेक ओ ब्रायन, यह है एक स्पष्ट निर्णय, टीएमसी है एक महिला की पार्टी- बीजेपी

ममता दिल्ली में बढ़ाएंगी सियासी गर्मी
ममता दिल्ली में बढ़ाएंगी सियासी गर्मी

Politalks.news/Delhi. पश्चिम बंगाल चुनाव के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया नारा दीदी ओ दीदी अब दिल्ली में भी उनका पीछा नहीं छोड़ने वाला है. बंगाल चुनाव में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने वाली ममता बनर्जी अब दिल्ली से बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरेंगी. तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया है. हालांकि ममता बनर्जी फिलहाल ना तो विधायक है और ना ही सांसद. बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने एवं पार्टी के सांसदों द्वारा सदन में सत्ताधारी पार्टी खिलाफ उनके हाथ और मजबूत करने के लिए 25 जुलाई को दिल्ली जाने वाली है. ममता बनर्जी को अध्यक्ष बनाये जाने पर बीजेपी ने TMC को सिर्फ एक महिला की पार्टी बताया तो कांग्रेस ने कहा कि यह उनका निजी फैसला है.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ममता बनर्जी ही सिर्फ एक ऐसी नेता है जो दिल्ली में पीएम मोदी को टक्कर दे सकती है. इसी सिलसिले में कल उन्हें TMC संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया. ममता बनर्जी फिलहाल ना तो विधायक है और ना ही सांसद. आपको बता दें कि कोई भी दल अपने वरिष्ठ सांसद को पार्टी पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष चुनता है. हालांकि ये पार्टी का अंदरूनी मामला होता है, जिसका नियमों से कोई लेना-देना नहीं है.

यह भी पढ़े: अयोध्या से ‘ब्राह्मण शस्त्र’ के साथ बसपा ने किया यूपी मिशन-2022 का आगाज, मिश्र ने साधे कई निशाने

TMC से राज्य सभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि ममता बनर्जी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के लिए उपयुक्त हैं और उनके मार्गदर्शन और दिशानिर्देश में पार्टी और मजबूत होगी. दीदी 7 बार की सांसद रही हैं और उनके पास विजन है. ऐसे में उनके लीडरशिप में पार्टी और भी ज्यादा मजबूत होगी.

ममता बनर्जी को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जाना पहले से ही तय माना जा रहा है. क्योंकि पूर्व में ममता बनर्जी ने 22 जुलाई को अपने दिल्ली प्रवास की सूचना दी थी. इसे लेकर ममता बनर्जी ने कहा था कि प्रधानमंत्री से मिलने का वक़्त मिल गया है. मैं 2-3 दिन के लिए दिल्ली जाऊंगी. अगर राष्ट्रपति से वक्त मिला तो उनसे भी मुलाकात करूंगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे के दौरान विपक्ष के सभी दिग्गजों से मुलाकात करेगी और TMC सांसदों के साथ संसद भवन में बैठक कर संसद के आगे के सत्र पर चर्चा करेगी.

यह भी पढ़े: स्कूल खोलने के फैसले पर गहलोत सरकार का यू-टूर्न, अब 5 मंत्रियों की समिति करेगी तय कब खुलेंगे स्कूल

ममता बनर्जी के अलावा सोनिया गांधी भी बिना सांसद बने ससंदीय दल की अध्यक्ष बन चुकी है. वर्ष 1998 में जब उन्होंने पार्टी की कमान संभाली थी तब उन्हें ही संसदीय दल का अध्यक्ष भी बनाया गया था. ममता बनर्जी को पार्टी की और से संसदीय दल का नेता बनाये जाने के बाद बीजेपी की और से बयानबाजी शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, यह एक स्पष्ट निर्णय है. टीएमसी एक महिला की पार्टी है और वह ममता बनर्जी हैं.

वहीं ममता बनर्जी को संसदीय दल का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद लोकसभा में नेता विपक्ष एवं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आमतौर पर किसी पार्टी के संसदीय दल का नेता एक सांसद होता है. लेकिन कोई भी पार्टी कुछ भी कर सकती है, यह उनका फैसला है.

Leave a Reply