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पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से तकरार और राहुल गांधी से मिलने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू की खामोशी कायम है. सिद्धू ने अभी तक ऊर्जा विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है. ऐसे में जानकार आकलन लगा रहे है कि सिद्धू की नजर अब बड़े पद पर है. उनकी ख्वाहिश अब पंजाब पीसीसी चीफ बनने की है. लेकिन सीएम की हरी झंडी मिले बिना सिद्धू की यह इच्छा पूरी होनी भी मुश्किल है. जानकार मानते हैं कि सिद्धू अपने स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करते. ऐसे में सिद्धू पीसीसी चीफ का पद हासिल कर करारा जवाब देने की फिराक में हैं.

कई तरह के लग रहे हैं कयास
सिद्धू और कैप्टन की खामोशी के चलते तीन तरह की चर्चाएं पंजाब और कांग्रेस गलियारों में हो रही है. पहली. सिद्धू ऊर्जा विभाग के अलावा कोई और बड़ा विभाग चाहते हैं जिससे की उनका कद और जलवा बना रहे. दूसरी. सिद्धू स्वाभिमानी व्यक्ति हैं और उनसे स्थानीय निकाय जैसा विभाग लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है.

ऐसे में वह कोई और मंत्री पद ग्रहण करने में अपना अपमान समझते हुए इसे ग्रहण ही नहीं करेंगे. चर्चा है कि या तो वह बिना पद के मंत्री रहेंगे या फिर मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. तीसरी चर्चा यह भी है कि अब सिद्धू पीसीसी चीफ बनने से नीचे कोई समझौता नहीं करेंगे.

जाखड़ दे चुके हैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा
गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव हारने के बाद सुनील जाखड़ प्रदेश के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं. उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि अब वह अध्यक्ष पद फिर से संभालने के इच्छुक नहीं हैं. हालांकि उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है. ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाने की चर्चा चल रही है.

इस चर्चा ने इसलिए भी जोर पकड़ा है क्योंकि पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद पंजाब में सेकेंड लाइन लीडरशिप तैयार करना चाहती है. अमरिंदर सिंह खुद इस कार्यकाल के बाद सियासत छोड़ने की बात कह चुके हैं. ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस का वह चेहरा बन सकते हैं.

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