जम्मू-कश्मीर में आगे 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन जारी रखने पर सहमति बन गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कल हुई मंत्रीमंडल की एक बैठक में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल की रिपोर्ट में दी गई राज्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी के आधार पर संविधान के अनुच्छेद-356 (4) के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 3 जुलाई, 2019 से छह महीने के लिए बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.
बता दें, राष्ट्रपति शासन की वर्तमान अवधि 2 जुलाई को समाप्त हो रही है. यहां के राज्यपाल की सिफारिश पर 3 जुलाई, 2019 से राज्य में राष्ट्रपति शासन की अवधि आगे छह महीने के लिए बढ़ाई रही है. मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्तावित को स्वीकृति दिए जाने के बाद संसद के आगामी सत्र में दोनों सदनों में इसकी मंजूरी का प्रस्ताव पेश किया जाएगा.
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भारत के राष्ट्रपति की सहमति से 20 जून, 2018 को जम्मू और कश्मीर के संविधान की धारा 92 के अंतर्गत राज्य के सरकारी और विधायी कार्यभार संभालने की घोषणा की और कुछ आकस्मिक तथा परिणामकारी प्रावधान किए थे. प्रारंभ में राज्य विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित रखी गई और राज्यपाल द्वारा 21 नवंबर को विधानसभा भंग कर दी गई. मलिक द्वारा जारी घोषणा के 6 महीनों बाद 19 दिसम्बर को निरस्त हो गई.
जम्मू और कश्मीर के संविधान की धारा 92 के अंतर्गत ऐसी घोषणा को आगे छह महीने के लिए जारी रखने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में राज्यपाल की सिफारिश पर तथा राज्य की वर्तमान स्थिति पर विचार करके राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की घोषणा की थी. अब इसे बढ़ाकर 3 जनवरी तक कर दिया गया है.