Politalks.News/Bharat. अपनी बेबाकी के लिए जाने जाने वाले पूर्व जम्मू कश्मीर और वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को अपने बेबाक बयान से भारतीय जनता पार्टी को न सिर्फ बैचेन कर दिया बल्कि माना जा रहा है कि एक बड़ा झटका बीजेपी को जरूर लगा होगा. राज्यपाल मलिक ने न सिर्फ बीजेपी की नाक का बाल बने आंदोलनकारी किसानों का खुल कर समर्थन किया बल्कि किसानों को नाराज न करने की मोदी सरकार को नसीहत भी दे डाली. बता दें, राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को काफी समय बाद अपने होम टाउन उत्तर प्रदेश के बागपत आए थे, यहां वे एक स्थानीय इंटर कॉलेज में आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
बात को आगे बढ़ाएं उससे पहले हम आपको बता दें कि बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर सहारनपुर और आसपास क्षेत्र ऐसे हैंं, जहां किसानों के सहारे ही सभी राजनीतिक दलों की सत्ता मजबूत होती रही है. कोई भी पार्टी यहां किसानों को नाराज करना नहीं चाहती है. यही पश्चिम उत्तर प्रदेश का ‘जाटलैंड‘ क्षेत्र कृषि कानून को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है. बता दें, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी इसी क्षेत्र से आते हैं. अब बात करते हैं मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के उस बयान की जिससे भाजपा सरकार की ‘नींद’ जरूर उड़ गई होगी.
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राकेश टिकैत की गिरफ्तारी को रुकवाया था सत्यपाल मलिक ने
कार्यक्रम के दौरान मंच से सत्यपाल मलिक कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का खुलेआम पक्ष लेते हुए नजर आए. राज्यपाल ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को किसानों की बात मान लेनी चाहिए, इनको नाराज नहीं करना चाहिए.’ किसानों के समर्थन में अपनी राय रखते हुए मलिक ने कहा कि दिल्ली से किसान खाली हाथ न आ जाए यह भी केंद्र सरकार को ध्यान रखना होगा. इस दौरान सत्यपाल मलिक ने बड़ा बयान देते हुए सबको चौंका दिया, मलिक ने कहा कि पिछले महीने जब ‘राकेश टिकैत की दिल्ली बॉर्डर पर गिरफ्तारी होने वाली थी तब उन्होंने ही टिकैत की गिरफ्तारी को रुकवाया था.’
किसानों की समस्या का हल कराने के लिए जहां तक जाना पड़ेगा जाऊंगा
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि अब समय आ गया है केंद्र सरकार को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का कानून दे देना चाहिए. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं भी किसान परिवार से आता हूं तभी देशभर के किसानों की समस्याएं और तकलीफें भली-भांति जानता हूं. सरकार किसानों के साथ ज्यादती न करे और उनकी जायज मांगे मान ले. यही नहीं सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि, मुझे किसानों की समस्या का हल कराने के लिए जहां तक जाना पड़ेगा जाऊंगा. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद भाजपा के तमाम नेता राज्यपाल मलिक के बयान से जरूर असहज दिखाई दिए. बता दें, इससे पहले भी राज्यपाल मलिक किसानों के समर्थन में खड़े हो चुके हैं.
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केंद्र को किसानों की आवाज दबानी नहीं चाहिए बल्कि उनकी चिंता सुननी चाहिए: मलिक
दो महीने पहले जनवरी में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कृषि कानून पर किसानों का समर्थन करते हुए नजर आए थे. तब सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं को सुनने का आग्रह करते हुए कहा था कि, ‘सरकार को किसानों का आंदोलन दबाना नहीं चाहिए, दुनिया में किसी भी मुद्दे को दबाना कोई समाधान नहीं है. दबाने से यह कुछ समय के लिए नीचे चला जाता है, लेकिन फिर यह और भी बड़ी ताकत के साथ उभरता है.’ कृषि क्षेत्रों से लेकर सत्ता के गलियारों तक की अपनी यात्रा को याद करते हुए, मलिक ने कहा कि वह किसानों की चिंताओं को समझते हैं. मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की नाराजगी दूर कर जल्द समाधान निकालना चाहिए.
आपको बता दें, पश्चिम उत्तर प्रदेश के बागपत के रहनेेे वाले सत्यपाल मलिक को मोदी सरकार ने पहले बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया था. फिर भाजपा सरकार ने उन्हें वर्ष 2018 में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया. जम्मू-कश्मीर में उनके रहते हुए ही ‘अनुच्छेद 370’ को हटाया गया, जिसमें उनकी अहम भूमिका रही है. उसके बाद मलिक को गोवा का राज्यपाल बनाया गया. अभी पिछले वर्ष ही सत्यपाल मलिक को मेघालय का गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था.
यहां हम आपको बता दें कि सत्यपाल मलिक पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाटलैंड क्षेत्र के होने के नाते हमेशा किसानों के समर्थन में खड़े दिखाई दिए हैं. सबसे अहम सवाल यह है कि कोई भी राजनीतिक दल के नेता जब किसानों के गढ़ पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाटलैंड में जाएंगे तब उन्हें उनके समर्थन और हितों के पक्ष में ही बात करनी होगी, जैसा रविवार को मेघालय राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन के पक्ष में खड़े नजर आए.