चमकी बुखार से प्रभावित बिहार के हरिवंशपुर गांव में वैशाली के सांसद पशुपति पारस और लालगंज विधायक राजकुमार साह को नेतागिरी चमकाना भारी पड़ गया. जनता ने दोनों को घेर लिया और जमकर खरी खोटी सुनाई. यही नहीं, स्थानीय विधायक और एलजेपी के नेता राजकुमार साह को स्थानीय लोगों ने बंधक भी बना लिया. मौके पर मौजूद लोगों की सांसद और विधायक से जमकर बहस भी हुई. इसके बाद विधायक राजकुमार साह पैसे देकर छूटे.
दरअसल, वैशाली से लोकजनशक्ति पार्टी के सांसद पशुपति पारस और लालगंज विधायक राजकुमार साह हरिवंशपुर गांव इसलिए गए थे, क्योंकि वहां ग्रामीणों ने उनके लापता होने के बैनर लगा रखे हैं. इनमें लिखा है, ‘बच्चे मर रहे हैं और सांसद/विधायक का अता-पता नहीं. स्थानीय सांसद पशुपति पारस को खोजने वाले वयक्ति को 11 हजार रुपये का इनाम.’ चमकी बुखार से अपने बच्चों को खो चुके परिजनों के के गुस्से को शांत करने के लिए सांसद वहां गए. दोनों ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5 हजार रुपये और दवाईयां बांटी.
सांसद पशुपति पारस और विधायक राजकुमार साह पैसे और दवाईयां बांटकर लौट ही रहे थे कि ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पैसे और दवाई बांटने में भेदभाव किया गया. बच्चों की मौत के मुकाबले कम लोगों को सहायता दी गई. लोगों के गुस्से को देखकर सांसद तो मौके से निकल लिए, लेकिन विधायक राजकुमार साह को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. ग्रामीणों ने उन्हें मृतक बच्चों के परिजनों को पैसे देने के बाद ही छोड़ा.
आपको बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों में बच्चों पर कहर बनकर टूटने वाली बीमारी ‘चमकी बुखार’ से पीड़ित बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. बच्चों की मौत का आंकड़ा 150 को पार कर चुका है. लगातार हो रही मौतों के बावजूद सरकार की सुस्ती से लोगों में भारी गुस्सा है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री जब मुजफ्फरनगर के अस्पताल का जायजा लेने गए थे तब भी लोगों ने उनका विरोध किया था. अस्पताल के बाहर ‘नीतीश कुमार वापस जाओ’ के नारे लगे थे.
सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए मुजफ्फरपुर के अस्पताल में बिहार कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पहुंचे. कांग्रेस नेता सरकार और सरकार की व्यवस्था को लेकर कोसने लगे. कांग्रेस पार्टी के नेताओं की वजह से मुजफ्फरपुर अस्पताल में आज हंगामा हुआ. इस हंगामे की वजह से मरीजों के परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के नेताओं ने मुजफ्फरपुर के अस्पताल में भीड़ जुटाकर बच्चों के इलाज में बाधा डाली.