राज्यपाल ने कमलनाथ को दिया कल तक बहुमत साबित करने का अल्टीमेटम तो एयरपोर्ट से वापस लौटे बीजेपी विधायक

सियासी महासंग्राम में सम्भावित अनहोनी को विधानसभा स्पीकर ने टाला, शिवराज पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, राज्यपाल के सामने कराई विधायकों की परेड भी तो शाम होते-होते गवर्नर ने फिर फोड़ा बम, दिया कल तक फ्लोर टेस्ट कराने का अल्टिमेटम

Madhya Pradesh 2
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पॉलिटॉक्स न्यूज/मध्यप्रदेश. प्रदेश में अपने चरम पर पहुंचे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ को पुन: एक पत्र लिखकर मंगलवार यानी 17 मार्च तक सदन में शक्ति परीक्षण करवाने एवं बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दिए हैं. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है. वहीं राज्यपाल टंडन ने कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा, ”मेरे पत्र दिनांक 14 मार्च 2020 का उत्तर आपसे प्राप्त हुआ है, धन्यवाद. मुझे खेद है कि पत्र का भाव / भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है.”

पल-पल बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच मध्यप्रदेश की सियासी फिल्म सोमवार को अपने क्लाइमेक्स तक आते आते पहले से ज्यादा सस्पेंस थ्रिलर हो गई. राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखित में फ्लोर टेस्ट के आदेश देने के बाद माना यही जा रहा था कि शायद सरकार के गिरने या बचने का खेल आज खत्म हो जाएगा, लेकिन यहां मजा किरकिरा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने ये कहकर 26 मार्च तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी कि इस बारे में सदन में कोई पत्राचार नहीं हुआ.

उधर, विधानसभा की कायर्वाही स्थगित होने पर फ्लोर टेस्ट जल्द से जल्द कराने की मांग के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और याचिका दायर कर दी, जिसकी सुनवाई कल होगी. इसके साथ शिवराज सिंह ने अपने 106 विधायकों को लेकर राज्यपाल के समक्ष परेड भी करा दी. इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने भाजपा के पास बहुमत का दावा करते हुए राज्यपाल से कांग्रेस का शक्ति परीक्षण करवाने की मांग की. राज्यपाल से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ”कमलनाथ सरकार बहुमत खो कर अल्पमत में आ चुकी है और इसलिए राज्यपाल ने उसे आज 16 तारीख को ही राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिया था.” भाजपा ने इस अवसर पर उपस्थित 106 भाजपा विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित शपथपत्र भी राज्यपाल को सौंपा.

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शाम होते-होते राज्यपाल ने पूरे घटनाक्रम में तीखी मिर्ची का तड़का लगाते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ को मंगलवार तक बहुमत साबित करने का अल्टिमेटम दे दिया. राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा, ”मैंने अपने 14 मार्च 2020 के पत्र में आपसे विधानसभा में 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए निवेदन किया था. आज विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ, मैंने अपना अभिभाषण पढ़ा, परन्तु आपके द्वारा सदन का विश्वास मत प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई और इस संबंध में कोई सार्थक प्रयास भी नहीं किया गया और सदन की कार्यवाही दिनांक 26 मार्च 2020 तक स्थगित हो गई.”

राज्यपाल ने लिखा कि यह खेद की बात है कि आपने मेरे द्वारा दी गई समयावधि में अपना बहुमत सिद्ध करने के बजाय, यह पत्र लिखकर विश्वास मत प्राप्त करने एवं विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है/ आना-कानी की है, जिसका कोई भी औचित्य एवं आधार नहीं है. आपने अपने पत्र में शक्ति परीक्षण नहीं कराने के जो कारण दिए है, वे आधारहीन एवं अर्थहीन हैं. राज्यपाल लालजी टंडन ने अंत में पत्र में लिखा है, ”अत: मेरा आपसे पुन: निवेदन है कि आप संवैधानिक एवं लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए कल 17 मार्च 2020 तक मध्यप्रदेश विधानसभा में शक्ति करवाएं तथा अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है.”

इस बीच, बीजेपी विधायकों को वापस मानेसर स्थित होटल भेजे जाने का कार्यक्रम टाल दिया गया है. अब बीजेपी विधायक भोपाल के पास सीहोर में ठहरेंगे. इससे पहले खबर आई थी कि बीजेपी विधायक फिर दिल्ली के पास मानेसर स्थित होटल ग्रैंड में वापस भेजे जाएंगे.

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