Politalks.News/Jaipur. असम विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद खरीद-फरोख्त के डर के चलते जयपुर शिफ्ट किए गए असम कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी आज अचानक वापस असम के लिए रवाना हो गए. अचानक हुए इस घटनाक्रम को लेकर सियासी गलियारों में भी चर्चाएं खूब है, हालांकि सूत्रों की माने तो जयपुर और प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते असम कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी अपने आपको यहां सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे जिसके चलते उन्होंने वापस असम जाने का फैसला ले लिया.
‘मेहमानों’ ने सीएम गहलोत से की मुलाकात
जयपुर से असम रवानगी से पहले पहले आज सुबह 9 बजे होटल फेयरमाउंट में बाड़ाबंदी में रह रहे असम कांग्रेस प्रत्याशियों को लेने के लिए एक बस होटल पहुंची, कड़ी सुरक्षा के बीच प्रत्याशियों की बस को मुख्यमंत्री आवास लाया गया, जहां असम कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस दौरान प्रत्याशियों से उनका हालचाल जाना. इस दौरान मुख्य सचेतक महेश जोशी और विधायक रफीक खान भी मौजूद रहे.
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इससे पहले 2 मई तक था जयपुर में रुकने कार्यक्रम
दऱअसल असम कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों का पहले 2 मई तक जयपुर में रुकने का कार्यक्रम था.असम कांग्रेस गठबंधन के 25 प्रत्याशियों को कूकस स्थित होटल फेयरमाउंट में बाड़ाबंदी में रखा गया था. तकरीबन 1 सप्ताह तक जयपुर में रुकने के बाद आज उनकी असम वापसी हो गई है.
मेहमानों ने किया ‘अजमेर-पुष्कर’ दर्शन
बाड़ाबंदी के दौरान ही कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों ने अजमेर दरगाह में जियारत करने के साथ ही पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर में दर्शन भी किए. साथ ही आमेर किले और हाथी गांव में का भ्रमण भी किया. जयपुर शिफ्ट किए गए असम कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों में अधिकांश प्रत्याशी बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के सदस्य थे.
क्यों किया गया था प्रत्याशियों को जयपुर शिफ्ट
कांग्रेस और AIUDF का अपने विधायक प्रत्याशियों को असम से निकाल कर राजस्थान शिफ्ट करने के पीछे बड़ी वजह थी. दरअसल देश का इतिहास रहा है कि केंद्र की सत्ता में रहने वाली पार्टी कोई ना कोई तिकड़म भिड़ा कर सरकार बना लेती है. यानि की विपक्षी पार्टियों के विधायकों को तोड़ लेती है. कांग्रेस और AIUDF उसी वजह से डरे हुए हैं और रिजल्ट से पहले ही अपने विधायक प्रत्याशियों को एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था, गोवा, पुडुचेरी, कर्नाटक से सबक लेकर कांग्रेस इसीलिए इस बार असम में कोई चान्स नहीं लेना चाहती, क्योंकि उसे पता है कि अगर सब कुछ सही रहा तो उसकी स्थिति असम में इस बार सरकार बनाने की हो सकती है. दरअसल असम में सीएए के मुद्दे को उठा कर और AIUDF जैसे दल को अपने साथ कर के कांग्रेस ने वहां अपनी स्थिति पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत कर ली है.
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कुछ प्रत्याशियों को किया गया था छत्तीसगढ़ शिफ्ट
कांग्रेस गठबंधन के 9 प्रत्याशियों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया गया था. मतदान संपन्न होने के बाद बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के नौ उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया गया था. बीपीएफ (BPF) ने इस बार असम में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है. छत्तीसगढ़ में इनको नवा रायपुर के एक रिसॉर्ट में ठहराने का फैसला कर लिया है, जिसके बाद नौ उम्मीदवार छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं.