टोंक के नगरफोर्ट में 29 मई को परासिया गांव निवासी ट्रैक्टर चालक हरभजन उर्फ भजन लाल की संदिग्ध मौत के मामले में अब नया मोड़ आ गया है. आज देवली-उनियारा से कांग्रेस विधायक हरीश मीना ने दो ट्वीट कर सरकार के साथ पुलिस महकमें में हडकंप मचा दिया. मीना ने दावा किया कि ट्रैक्टर चालक भजन लाल की मौत को हादसा बताने वाली पुलिस की पोल खुल गई है और मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट में उसकी हत्या करने का खुलासा हो गया है.
Post mortem report has proved that #Harbhajan was murdered by Tonk police. Guilty must be arrested, else evidence will be destroyed/witnesses will be pressured.Govt job to victims family, as promised, be provided, immediately. @ashokgehlot51
— Harish Chandra Meena (@HC_meenaMP) June 11, 2019
The involvement of Tonk police in illegal sand mining exposed in #Harbhajan murder. Need over haul of police officers. The state government must act to restore credibility and gain people's faith . .@RahulGandhi @ashokgehlot51 @SachinPilot
— Harish Chandra Meena (@HC_meenaMP) June 11, 2019
हरीश मीना ने सरकार से अपील की है कि वह उनियारा थानाधिकारी मनीष चारण और पांच अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करे. उन्हें गिरफ्तार करे, क्योंकि जांच में देरी होने से सबूतों को नष्ट किया जा रहा है और पीड़ित परिवार को धमकाया जा रहा है. आपको बता दें कि 29 मई को मौके पर पहुंचे कांग्रेस के विधायक हरीश मीना पहले 3 दिन धरने पर बैठे और फिर अगले तीन दिन आमरण अनशन किया. इस दौरान भीलवाड़ा के जहाजपुर से भाजपा विधायक गोपीचंद मीना भी धरने और अनशन पर बैठे.
पहले 3 जून को मंत्री रमेश मीना ने समझौता कर ज्यूस पिलाकर दोनों विधायकों का अनशन तुड़वाया, लेकिन अगले ही दिन उस समय बात बिगड़ गई जब विधायक हरीश मीना ने सरकार पर समझौता तोड़ने का आरोप लगाया. आखिर में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मौके पर जाकर मोर्चा संभाला और सभी शर्तों को मानते हुए खड़े रहकर पोस्टमार्टम करवाया. तब जाकर देर रात अंतिम संस्कार हुआ.
इस पूरे मामले की जांच अजमेर रेंज सीआईडी-सीबी के एएसपी ज्योतिस्वरूप कर रहे हैं. परिजनों ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि सीआईडी—सीबी के अधिकारी जांच के लिए नहीं आ रहे हैं, बल्कि बनेठा, नगरफोर्ट पुलिस थानों से थानाधिकारी और जवान आकर धमका रहे हैं. इसमें अब विधायक द्वारा लगाए गए आरोप और मेडिकल रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि कहीं न कहीं टोंक पुलिस अधीक्षक और जिला प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल रही है.
आपको यह भी बता दें कि पूरे मामले की परत-दर-परत पड़ताल ‘पॉलिटॉक्स’ ने की थी. जहां पुलिस ने पहले भजन लाल की मौत को हादसा बताया था. वहीं टोंक जिला कलेक्टर रामचंद्र ढेनवाल ने मुख्य सचिव को भेजी चिठ्ठी में इस मामले को मुठभेड़ बताया. जबकि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक की ओर गठित कर भेजे गए मेडिकल बोर्ड की चिठ्ठी में टोंक में गोलीकांड होने और उसमें मृतकों के शवों के पोस्टमार्टम करने के निर्देश थे.पॉलिटॉक्स के इस खुलासे के बाद पुलिस मुख्यालय ने एसपी चूनाराम जाट को फटकार लगाई और उनियारा थानाधिकारी मनीष चारण सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
इस मामले में विधायक हरीश मीना के फिर से मुखर होने से सरकार का सिरदर्द बढ़ गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उनके इस आरोप को बल मिला है कि भजन लाल की मौत हादसे में नहीं, बल्कि उसकी पुलिस ने बेरहमी से हत्या की है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर विधायक द्वारा आज किए गए ट्वीट को लेकर सरकार और पुलिस के आला अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं.