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राजस्थान: 11 बजे तक 29.67 प्रतिशत मतदान, 13 सीटों पर तय होगी हार-जीत

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लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में राजस्थान की 13 सीटों पर वोटिंग जारी है. चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सुबह 11 बजे तक 29.67 प्रतिशत मतदान हुआ है. सबसे ज्यादा मतदान 33.27 प्रतिशत बाड़मेर में हुआ है जबकि जोधपुर सीट पर 30.61 फीसदी मतदाता वोट डाल चुके हैं और बांसवाड़ा में 31.86 प्रतिशत मतदान हुआ है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में वोट डाला. इस दौरान उनके साथ बेटा वैभव गहलोत, बहू, बेटी, पत्नी और पोती भी मौजूद रहीं. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे झालावाड़ में मतदान किया. इस दौरान बेटा दुष्यंत सिंह व बहू साथ थे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में वोट डाला. इस दौरान उनका परिवार साथ रहा.

झालावाड़, अजमेर और जैसलमेर के कई गांवों से मतदान के बहिष्कार की सूचना आ रही है.  जालौर और टोंक सहित कई जगह ईवीएम खराबी के चलते देरी से मतदान शुरू हुआ. जालोर के रानीवाड़ा में फर्जी मतदान को लेकर लाठी—भाटा जंग की जानकारी सामने आ रही है. आपको बता दें कि आज राजस्थान की 13 सीटों पर मतदान हो रहा है. आइए जानते हैं इन सीटों के सियासी समीकरणों के बारे में—

जोधपुर:
जोधपुर संसदीय सीट इस बार प्रदेश के साथ-साथ देश की हॉट सीटों में शुमार है. यहां से कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को प्रत्याशी बनाया है. जहां वैभव का मुकाबला केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से है. जोधपुर के चुनावी नतीजे दोनों प्रत्याशियों का भविष्य तय करेंगे. वैभव के साथ इस सीट पर उनके पिता अशोक गहलोत की भी प्रतिष्ठा दांव पर है. गहलोत जोधपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं. वो अभी वर्तमान में जोधपुर लोकसभा क्षेत्र की सरदारपुरा विधानसभा सीट से विधायक हैं.

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बाड़मेर-जैसलमेर:
बाड़मेर-जैसलमेर में इस बार मुकाबला रोचक व दिलचस्प है. यहां कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है. मानवेंद्र पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह जसोल के पुत्र हैं. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने सिंह परिवार का टिकट काटकर कांग्रेस से बीजेपी में आए कर्नल सोनाराम को दिया था. जिससे बागी होकर जसवंत सिंह ने बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन वो सोनाराम से चुनाव हार गये थे. इसी विधानसभा चुनाव से पूर्व मानवेंद्र सिंह ने कांग्रेस ज्वॉइन की थी. इस बार कांग्रेस ने मानवेन्द्र सिंह पर दांव खेला है. वही बीजेपी ने बायतु के पूर्व विधायक कैलाश चौधरी को प्रत्याशी बनाया.

अजमेर:
अजमेर लोकसभा सीट पर भी इसी चरण मे मतदान होना है. यहां से कांग्रेस ने युवा और नए चेहरे रिजु झुनझुनवाला पर दांव खेला है. वहीं बीजेपी ने किशनगढ़ के पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सांवरलाल जाट ने कांग्रेस के सचिन पायलट को शिकस्त दी थी. साल 2018 में सांवरलाल जाट के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के रघु शर्मा ने बीजेपी के रामस्वरूप लांबा को मात दी थी.

टोंक-सवाई माधोपुर:
इसके अलावा टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है. यहां बीजेपी के वर्तमान सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया और कांग्रेस प्रत्याशी नमोनारायण मीणा के बीच टक्कर है. नमोमारायण मीणा इस सीट से 2004 और 2009 में सांसद रह चुके हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें दौसा से प्रत्याशी बनाया था. जहां उनको करारी हार का सामना करना पड़ा था. वहीं कांग्रेस ने टोंक-सवाई माधोपुर से क्रिकेटर मोहम्म्द अजहरुद्दीन को टिकट दिया था.

पाली:
पाली लोकसभा सीट पर मुकाबला साल 2014 के उम्मीदवारों के बीच है. बीजेपी ने वर्तमान सांसद पीपी चौधरी को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ को प्रत्याशी बनाया गया है. बद्री जाखड़ साल 2009 में पाली से सांसद चुने गए थे. वहीं, साल 2014 में कांग्रेस ने यहां से बद्रीराम जाखड़ का टिकट काटकर उनकी बहन मुन्नी देवी गोदारा को प्रत्याशी बनाया था.

झालावाड़-बारां:
झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह को चुनावी समर में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी से कांग्रेस में आए प्रमोद शर्मा पर दांव खेला है. इस सीट पर पहले प्रमोद जैन भाया का दावा मजबूत था लेकिन पार्टी ने प्रमोद शर्मा पर ही दांव खेलना उचित समझा. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि प्रमोद शर्मा दुष्यंत के सामने कितनी चुनौती पेश कर पाते है.

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जालोर:
जालोर में मुकाबला कांग्रेस के रतन देवासी और बीजेपी के वर्तमान सांसद देवजी पटेल के बीच है. रतन देवासी हाल ही में रानीवाडा सीट से विधानसभा का चुनाव हार गये थे. पार्टी ने उन पर फिर से विश्वास जताया है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से उदयलाल आंजना को मैदान में उतारा गया था. वहीं, निर्दलीय बूटा सिंह ने भी लगभग पौने दो लाख मत हासिल किए थे.

उदयपुर:
उदयपुर सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है. इसी विधानसभा चुनावों में आदिवासी इलाकों में उभरकर आई पार्टी बीटीपी ने इस बार मुकाबला त्रिकोणीय बनाया हुआ है. जहां बीजेपी के वर्तमान सांसद अर्जुनलाल मीणा, कांग्रेस के रघुवीर मीणा और भारतीय ट्राइबल पार्टी के बिरधीलाल छानवाल के बीच मुकाबला है. कांग्रेस के लिए बीते विधानसभा चुनाव के नतीजे अच्छे नही रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी रघुवीर मीणा स्वयं उदयपुर ग्रामीण से चुनाव हार गये थे.

बांसवाड़ा-डूंगरपुर:
बांसवाड़ा- डूंगरपुर में भी मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है. यहां एक बड़ी शक्ति बनकर उभरी बीटीपी दोनों पार्टियों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. हाल ही के विधानसभा चुनाव में बीटीपी ने प्रदेश की दो सीटों पर कब्जा किया था. वहीं अन्य सीटों पर भी उसका प्रदर्शन अच्छा रहा था. बीटीपी ने लोकसभा चुनाव में कांतिलाल रोत को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा पर दांव खेला है. वहीं बीजेपी ने वर्तमान सांसद मानशंकर निनामा का टिकट काटकर कनकमल कटारा को प्रत्याशी बनाया है.

चितौड़गढ़:
चितौड़गढ़ से बीजेपी ने वर्तमान सांसद सीपी जोशी पर पुन: विश्वास जताया है. उनका मुकाबला राजसमंद के पूर्व सांसद गोपाल सिंह ईड़वा से होगा. गोपाल साल 2009 में राजसमंद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहूंचे थे. लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के सामंने अपना क्षेत्र नहीं बचा पाए थे. पार्टी ने इस बार उनको नए क्षेत्र चितौडगढ़ से प्रत्याशी बनाया है. उनको यहां बीजेपी के सीपी जोशी की चुनौती को पार करना होगा.

राजसमंद:
राजसमंद संसदीय सीट पर बीजेपी के सांसद हरिओम सिंह राठौड ने बीमारी के कारण चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान पहले ही किया था. जिसके बाद पार्टी यहां से किसी जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में. काफी जद्दोजहद के बाद जयपुर राजघराने की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी को प्रत्याशी बनाया है. दीया साल 2013 में सवाई माधोपुर विधानसभा से विधायक रह चुकी हैं. यहां दीया का मुकाबला कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर से है. देवकी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के करीबी है और वे साल 2013 में भीलवाडा की नाथद्वारा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके है.

भीलवाड़ा:
भीलवाड़ा में मुकाबला कांग्रेस के रामपाल शर्मा और बीजेपी के सुभाष बहेड़िया के बीच है. रामपाल शर्मा भी सीपी जोशी के नजदीकी माने जाते हैं. उनके टिकट में अहम भूमिका सीपी जोशी की ही रही है. सीपी जोशी साल 2009 में इस क्षेत्र से सांसद रह चुके है. 2014 के चुनाव में यहां कांग्रेस ने हिंडोली विधायक अशोक चांदना को प्रत्याशी बनाया था.

कोटा:
कोटा सीट पर मुकाबला बीजेपी के ओम बिड़ला और कांग्रेस के रामनारायण मीणा के बीच है. ओम बिड़ला पर पार्टी ने पुन: भरोसा दिखाते हुए उन्हें चुनावी समर में उतारा है. रामनारायण मीणा वर्तमान में पीपल्दा सीट से विधायक है. वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बिड़ला ने कांग्रेस के इज्यराज सिंह को हराया था लेकिन वो विधानसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी में आ गए थे. उनकी पत्नी इस समय कोटा की लाड़पुरा सीट से विधायक है.

लोकसभा चुनाव 2019 : जानिए चौथे चरण के मतदान की पांच अहम बातें

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लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है. 17वीं लोकसभा चुनाव के इस दौर में देश के नौ राज्यों की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इससे पहले हुए तीन चरणों में 302 सीटों पर मतदान हो चुके हैं. 23 मई को चुनावी परिणाम जारी किए जाने हैं. चौथे चरण के बाद देश की 543 लोकसभा सीटों में से 373 सीटों पर चुनाव समाप्त हो जाएंगे. अगले तीन चरणों में 12 राज्यों की 170 सीटों पर मतदान होंगे. आइए जानते हैं लोकसभा चुनाव के इस चरण से जुड़ी पांच अहम बातों के बारे में …

1. चौथे चरण में देशभर के करीब 12.79 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने 1.40 लाख मतदान केंद्र बनाए हैं जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

2. लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में महाराष्ट्र की 17, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 13-13, पश्चिम बंगाल की आठ, मध्य प्रदेश और ओडिशा की छह-छह, बिहार की पांच, झारखंड की तीन सीटों सहित नौ राज्यों कुल 72 सीटों पर मतदान हो रहे हैं. इनके अलावा, जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट के कुछ हिस्सों में मतदान होना है.

3. चौथे चरण के साथ ही ओडिशा और महाराष्ट्र में चुनाव पूरी तरह खत्म हो जाएंगे. आज ओडिशा और मध्य प्रदेश में कुछ विधानसभा सीटों पर भी मतदान हो रहा है.

4. इस चरण में बेगूसराय सीट पर गिरिराज सिंह, सुभाष भामरे, एसएस अहलूवालिया, कांग्रेस की उर्मिला मातोंडकर और बाबुल सुप्रियो सहित 961 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला होना है. अन्य बड़े चेहरों में पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, अधीर रंजन चौधरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कन्हैया कुमार, बीजेपी के विजयंत पांडा, समाजवादी पार्टी से डिंपल यादव, तृणमूल कांग्रेस से शताब्दी रॉय और कांग्रेस से मिलिंद देवड़ा की किस्मत भी ईवीएम मशीनों में कैद हो जाएगी.

5. चौथे चरण में सत्ताधारी बीजेपी लिए काफी कुछ दांव पर है. चौथे चरण की 72 सीटों में से पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 56 सीटें मिली थीं. वहीं, तृणमूल कांग्रेस व बीजू जनता दल (बीजद) को छह-छह सीटें हासिल हुई थी. कांग्रेस के कब्जे में दो सीटें आयी.

चौथे चरण की वोटिंग शुरू, 9 राज्यों की 71 सीटों पर डाले जा रहे हैं वोट

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लोकसभा चुनाव के रण में चौथे चरण का मतदान सुबह सात बजे से शुरू हो गया है. इसके अंतर्गत 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है. इनमें यूपी की 13, बिहार की 5, पश्चिम बंगाल की 8, झारखंड की 3, मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की 6, राजस्थान की 13 और जम्मू-कश्मीर की 1 सीट शामिल है.

बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों के लिए चुनावों का यह चरण काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों में इन 72 में से 56 सीटों पर उन्हें जीत मिली थी. बाकी बची 16 सीटों में से दो पर कांग्रेस को जीत मिली थी जबकि शेष छह पर तृणमूल कांग्रेस और छह पर बीजद फतह हासिल की थी. चौथा चरण पूरा होने के बाद लोकसभा की 374 सीटों पर मतदान हो जाएगा, 169 सीटों पर वोटिंग शेष रहेगी.

इन दस सीटों पर सबकी निगाह

बेगूसराय:
बिहार की बेगूसराय सीट पर सीपीआई के कन्हैया कुमार, बीजेपी के गिरिराज सिंह और आरजेडी के तनवीर हसन के बीच मुकाबला है.

मुंगेर:
बिहार की मुंगेर सीट पर कांग्रेस की नीलम देवी और जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच आमने—सामने का मुकाबला है.

कन्नौज:
उत्तर प्रदेश की कन्नौज सपा की ओर से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और बीजेपी के सुब्रत पाठक के बीच सीधा मुकाबला है.

उन्नाव:
उत्तर प्रदेश की उन्नाव सीट पर बीजेपी के साक्षी महाराज, गठबंधन के अरुण शंकर शुक्ला और कांग्रेस के अन्नू टंडन के बीच टक्कर है.

मुंबई साउथ:
महाराष्ट्र की मुंबई साउथ सीट पर कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा और शिवसेना अनंत गणपत सावंत के बीच आमने—सामने की लड़ाई है.

मुंबई नॉर्थ:
महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ सीट पर कांग्रेस की उर्मिला मातोंडकर का सीधा मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार और मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी से है.

छिंदवाड़ा:
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस के नकुलनाथ और बीजेपी के नत्थन शाह के बीच सीधी टक्कर है. नकुल कमलनाथ के बेटे हैं.

जोधपुर:
राजस्थान की जोधपुर सीट पर कांग्रेस के वैभव गहलोत और बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है.

बाड़मेर:
राजस्थान की बाड़मेर सीट पर कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह और बीजेपी के कैलाश चौधरी के बीच आमने—सामने की टक्कर है.

आसनसोल:
पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर बीजेपी के बाबुल सुप्रियो और टीएमसी की मुनमुन सेन के बीच मुकाबला है.

इन दस सीटों के अलावा चौथे चरण में प्रिया दत्त, पूनम महाजन, सलमान खुर्शीद, सुभाष भामरे, एसएस आहलूवालिया, अधीर रंजन चौधरी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, उपेंद्र कुशवाहा, नित्यानंद राय और रामचंद्र पासवान सहित 961 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी.

राजस्थान में वसुंधरा ही बीजेपी है और बीजेपी ही वसुंधरा है

राजस्थान में लोकसभा चुनाव प्रचार में लगी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रदेश की दो सीटों पर न जाने की बात पॉलिटॉक्स के बहाने बाहर क्या आई, सियासी गलियारों से होती हुई बीजेपी नेतृत्व तक भी पहुंच गई. खबर का असर हुआ और बीजेपी आलाकमान के दखल के बाद राजे जोधपुर में गजेंद्र सिंह के चुनाव प्रचार में आ खड़ी हुई. हाल ही में राजे ने यहां एक रोड शो कर गजेंद्र सिंह शेखावत के लिए वोट अपील की. अब राजनीतिक गलियारों से यह खबर भी आ रही है कि जोधपुर के बाद वसुंधरा राजे बीकानेर में अर्जुन मेघवाल के लिए भी वोट अपील करते हुए नजर आने वाली हैं.

सूत्रों की माने तो राजे 4 मई को श्रीडूंगरगढ़ का दौरा कर सकती हैं. यहां उनका एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है. हालांकि उनके दौरे की तिथि अभी तय नहीं हुई है लेकिन 3 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीकानेर में सभा है. ऐसे में चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले यानि 4 मई को उनके बीकानेर आने की पूरी-पूरी संभावना है.

दरअसल, वसुंधरा राजे का जोधपुर और बीकानेर में चुनावी प्रचार न करना चर्चा में बना हुआ था. राजे के साथ गजेंद्र सिंह और अर्जुन मेघवाल की अदावत को भले ही पार्टी के नेता खुले तौर पर स्वीकार न करते हों लेकिन इस बात को गलत ठहराने के प्रयास भी कभी नहीं हुए. मतलब साफ है कि दिल्ली दरबार के इन दोनों खास मंत्रियों ने न केवल राजस्थान की राजनीति में राजे का विकल्प बनने की कोशिश की, बल्कि बीजेपी का एक गुट इनकी चर्चा भी करने लग गया था.

यही कारण है कि मौके की तलाश में चुप रही राजे ने विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद लोकसभा चुनाव का इंतज़ार करना बेहतर समझा. राजे ने जिस तरह से दिल्ली दरबार को प्रदेश के चुनावी प्रचार में अपनी हैसियत और राजनीतिक कद का अहसास कराया है, उसके बाद कहीं ना कहीं यह साफ हो गया है कि राजस्थान में आज भी वसुंधरा ही बीजेपी है और बीजेपी ही वसुंधरा है.

शशि थरूर कोर्ट में तलब, पीएम मोदी पर दिया था ये बयान

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लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच विवादित बयान देकर कई नेता चुनाव आयोग व कोर्ट की कार्रवाई झेल चुके हैं. अब कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी पर ‘बिच्छू’ संबंधी दिये गए एक बयान को लेकर चर्चा में हैं. बीते साल अक्टूबर में दिये गए इस बयान पर थरूर को दिल्ली की एक अदालत ने तलब किया है. कोर्ट ने कांग्रेस नेता थरूर को 7 जून को पेश होने के लिए कहा है. मालूम हो कि कोर्ट ने इसी 22 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ शशि थरूर के कथित बिच्छू वाले बयान पर उन्हें समन भेजने के मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा था.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीते साल बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में दावा किया था कि एक आरएसएस नेता ने मोदी को ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ बताया था. जिस पर शिकायत के बाद 22 अप्रैल को मामले सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने आदेश दिया कि शशि थरूर को आरोपी के तौर पर तलब किया जाए या नहीं इस पर अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाएगी.

बता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ दिल्ली के बीजेपी नेता राजीव बब्बर आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी जिसपर अदालत ने सुनवाई करते हुए थरूर को तलब किया है. आदेश के अनुसार 7 जून को शशि थरूर को कोर्ट में पेश होना है. शिकायत में राजीव बब्बर ने कहा है कि कांग्रेस नेता थरूर के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. राजीव बब्बर ने यह भी कहा कि, ‘मैं भगवान शिव का भक्त हूं… आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिवभक्तों की भावनाओं का अपमान किया है और इसने भारत और देश के बाहर के सभी शिवभक्तों की भावनाओं को आहत किया है.’

शिकायत के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की मानहानि से संबंधित धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता बब्बर ने यह भी आरोप लगाया है कि थरूर ने गलत मंशा से यह बयान दिया जिससे न केवल हिंदू देवता का अपमान होता है बल्कि यह मानहानि का भी मामला बनता है. जिसके बाद बब्बर ने अदालत से थरूर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया था. उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि वह मोदी को प्रेरणास्रोत मानते हैं और प्रधानमंत्री के लिए सबसे ज्यादा सम्मान रखते हैं.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में 28 अक्टूबर, 2018 को कहा था कि, ‘मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. आप उसे अपने हाथ से नहीं हटा सकते और न ही आप उसे चप्पल से मार सकते हैं. हालांकि थरूर ने यह बात एक आरएसएस नेता का हवाला देते हुए कही थी. जिस पर नाराज राजीव बब्बर ने कहा कि वह इस टिप्पणी से आहत हैं क्योंकि यह न केवल निराधार है बल्कि गुमराह और मानहानि करने वाली भी है.

चौथे चरण का चुनाव प्रचार बंद, 71 सीटों पर मतदाता चुनेंगे सांसद

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लोकसभा चुनाव में तीन चरण का मतदान हो चुका है. चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को होने जा रहा है जिसमें 9 राज्यों की 71 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. यह चरण बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण है. क्योकिं 2014 में इन सीटों पर बीजेपी को जबरदस्त कामयाबी मिली थी. वही कांग्रेस के हाथ निराशा लगी थी. इस चरण में बीजेपी के सामने अपने किले को बचाने की चुनौती है जबकि कांग्रेस यहां 2009 की तरह अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है.

यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में दोबारा वापसी के लिए दिन रात एक कर रहे हैं. वही राहुल गांधी अपनी खोई हुई जमीन पाने की कोशिश में लगे हैं. दोनों पार्टियों के लिए अहम इस चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी. इनमें बिहार की 5, झारखंड की 3, जम्मू कश्मीर की एक, महाराष्ट्र की 17, मध्य प्रदेश की 6, ओडिशा की 6, उत्तर प्रदेश की 13, राजस्थान की 13 और पश्चिम बंगाल की 8 सीटें शामिल हैं.

गौरतलब है कि चौथे चरण में जिन 71 सीटों पर वोटिंग होनी है. वहां बीजेपी ने साल 2014 में पूरी तरह से विपक्ष का सफाया कर दिया था. इन 71 सीटों में से बीजेपी ने 45 सीटें जीती थी और उसके सहयोगियों के हाथ 11 सीटें लगी थी. सहयोगी दलों में शिवसेना को 9 और एलजेपी को 2 सीटें मिली थीं.

वहीं कांग्रेस को इस चरण की 71 सीटों में से सिर्फ 2 सीट पर ही जीत हासिल हुई थी. जिन दो सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी उनमें मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और पश्चिम बंगाल की बेहरामपुर सीट थी. छिंदवाड़ा से कमलनाथ जीते थे, वहीं बेहरामपुर से अधीर रंजन चौधरी चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे. अब मतदाता इस बार किसको कितनी सीटें दिलाते हैं ये तो 23 मई को ही साफ हो पाएगा.

प्रज्ञा ठाकुर नहीं लड़ेंगी चुनाव, भोपाल से नामांकन लिया वापस

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सबसे हॉट सीटों में शूमार मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से प्रज्ञा ठाकुर ने अपना नामांकन वापस ले लिया है, लेकिन चौंकिए मत, ये बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नहीं है बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर है. इसी सीट पर उनकी हमनाम प्रज्ञा ठाकुर ने भी नामांकन भरा था. एक जैसे नाम की वजह से बीजेपी को इस बात की आशंका थी कि किसी गलतफहमी में मतदाता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बजाय प्रज्ञा ठाकुर के नाम के आगे वाला बटन ना दबा दें. जिसे लेकर बातचीत के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल लोकसभा सीट से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया है.

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भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के साथ-साथ बीजेपी को भी यहां उनकी हमनाम प्रज्ञा ठाकुर को लेकर टेंशन थी. एक जैसे ही नाम होने के चक्कर में बीजेपी को इस बात की आशंका थी कि मतदाता कहीं किसी गलतफहमी में आकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बजाय प्रज्ञा ठाकुर के नाम के आगे वाला बटन ना दबा दें. इसी आशंका के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने खुद प्रज्ञा ठाकुर को मनाने के लिए अपने घर बुलाया था.

प्रज्ञा ठाकुर के साध्वी प्रज्ञा के घर पहुंचने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उनसे चुनाव ना लड़ने की अपील की. जिसे मानते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव ना लड़ने का फैसला कर लिया. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर के घर पहुंचकर उनका सम्मान करते हुए उन्हें भगवा शॉल भेंट किया. प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव ना लड़ने के फैसले के बाद अब बीजेपी और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने राहत की सांस ली है.

फिर भी चुनौती बरकरार
भले ही निर्दलीय प्रज्ञा ठाकुर ने अपना नामांकन वापस लेते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विरूद्ध चुनाव लड़ने का फैसला टाल दिया हो, लेकिन मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर दिए बयान से नाराज़ उनके जूनियर रहे रियाजुद्दीन भोपाल से साध्वी के सामने मैदान में हैं. रियाजुद्दीन मूल रूप से महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं. रियाजुद्दीन शहीद हेमंत करकरे को अपना गुरू मानते हैं और अकोला में उनके एसपी रहने के दौरान बतौर सब-इंस्पेक्टर उनके साथ काम कर चुके हैं. रियाजुद्दीन यहां साध्वी प्रज्ञा को चुनौती देने के लिए चुनावी दंगल में उतरे हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि भोपाल की जनता किसके सर ताज पहना कर दिल्ली भेजती है.

गौतम गंभीर पर मुकदमा दर्ज, बिना अनुमति चुनावी सभा करने का आरोप

क्रिेकेट की क्रीज पर रिकॉर्ड पारी खेलने के बाद हाल ही में राजनीति के दंगल में कदम रखने वाले क्रिकेटर गौतम गंभीर बीजेपी की टिकट पर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं और जमकर चुनाव प्रचार में भी लगे हैं. गंभीर पर आरोप है कि प्रचार के दौरान बीती 25 अप्रैल को वे पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के जंगपुरा में चुनावी करने पहुंचे लेकिन इसके लिए अनुमति नहीं ली गई. जिसके बाद गौतम गंभीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

बता दें कि क्रिकेट की पारी के बाद बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे गौतम गंभीर के खिलाफ यह पहली शिकायत नहीं है बल्कि गंभीर के नामांकन से लेकर अब तक उनके खिलाफ कई शिकायतें की जा चुकी हैं. वहीं अब गंभीर के खिलाफ बिना अनुमति चुनावी रैली करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. गंभीर पूर्वी दिल्ली से अपना नामांकन भर कर दिन-रात चुनाव प्रचार में जुटे हैं. इसी क्रम में 25 अप्रैल को वो पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जंगपुरा इलाके में पहुंचे थे. यहां गंभीर ने सुबह करीब 11 बजे एक जनसभा की थी.

हालांकि, इस जनसभा की इजाजत नहीं ली गई थी. बिना परमिशन जनसभा करने की शिकायत चुनाव आयोग तक पहुंची, जिस पर आयोग ने संज्ञान लिया है. जिसके बाद पूर्वी दिल्ली के निर्वाचन अधिकारी के. महेश ने गंभीर की जनसभा को चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना और दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. चुनाव आयोग के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने लाजपत नगर थाने में गौतम गंभीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

पूरे मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी गौतम गंभीर के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसमें जॉइंट सीपी साउथ देवेश श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में डीपी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है, जिसमें सजा के तौर पर जुर्माने का प्रावधान है. जुर्माना न भरने की स्थिति में न्यायालय द्वारा सजा का भी प्रावधान है.

गौरतलब है कि गौतम गंभीर को लेकर यह विवाद नया नहीं है. इससे पहले गौतम गंभीर नामांकन में दी गई जानकारी को लेकर भी विवादों में रहे थे. इसके अलावा गंभीर पर दो वोटर आईडी कार्ड रखने के भी आरोप लगाए जा चुके हैं. गंभीर के सामने चुनाव लड़ रहीं आम आदमी पार्टी प्रत्याशी अतिशि ने तीस हजारी कोर्ट में गौतम गंभीर पर दो वोटर आईडी कार्ड रखने की शिकायत दर्ज कराई है. इन तमाम शिकायतों के बाद अब बिना अनुमति के जनसभा करने के आरोप में गंभीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है.

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