लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच विवादित बयान देकर कई नेता चुनाव आयोग व कोर्ट की कार्रवाई झेल चुके हैं. अब कांग्रेस नेता शशि थरूर द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी पर ‘बिच्छू’ संबंधी दिये गए एक बयान को लेकर चर्चा में हैं. बीते साल अक्टूबर में दिये गए इस बयान पर थरूर को दिल्ली की एक अदालत ने तलब किया है. कोर्ट ने कांग्रेस नेता थरूर को 7 जून को पेश होने के लिए कहा है. मालूम हो कि कोर्ट ने इसी 22 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ शशि थरूर के कथित बिच्छू वाले बयान पर उन्हें समन भेजने के मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा था.
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीते साल बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में दावा किया था कि एक आरएसएस नेता ने मोदी को ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ बताया था. जिस पर शिकायत के बाद 22 अप्रैल को मामले सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने आदेश दिया कि शशि थरूर को आरोपी के तौर पर तलब किया जाए या नहीं इस पर अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाएगी.
बता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ दिल्ली के बीजेपी नेता राजीव बब्बर आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी जिसपर अदालत ने सुनवाई करते हुए थरूर को तलब किया है. आदेश के अनुसार 7 जून को शशि थरूर को कोर्ट में पेश होना है. शिकायत में राजीव बब्बर ने कहा है कि कांग्रेस नेता थरूर के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. राजीव बब्बर ने यह भी कहा कि, ‘मैं भगवान शिव का भक्त हूं… आरोपी (थरूर) ने करोड़ों शिवभक्तों की भावनाओं का अपमान किया है और इसने भारत और देश के बाहर के सभी शिवभक्तों की भावनाओं को आहत किया है.’
शिकायत के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की मानहानि से संबंधित धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता बब्बर ने यह भी आरोप लगाया है कि थरूर ने गलत मंशा से यह बयान दिया जिससे न केवल हिंदू देवता का अपमान होता है बल्कि यह मानहानि का भी मामला बनता है. जिसके बाद बब्बर ने अदालत से थरूर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया था. उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि वह मोदी को प्रेरणास्रोत मानते हैं और प्रधानमंत्री के लिए सबसे ज्यादा सम्मान रखते हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल में 28 अक्टूबर, 2018 को कहा था कि, ‘मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. आप उसे अपने हाथ से नहीं हटा सकते और न ही आप उसे चप्पल से मार सकते हैं. हालांकि थरूर ने यह बात एक आरएसएस नेता का हवाला देते हुए कही थी. जिस पर नाराज राजीव बब्बर ने कहा कि वह इस टिप्पणी से आहत हैं क्योंकि यह न केवल निराधार है बल्कि गुमराह और मानहानि करने वाली भी है.