राजस्थान में लोकसभा चुनाव प्रचार में लगी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रदेश की दो सीटों पर न जाने की बात पॉलिटॉक्स के बहाने बाहर क्या आई, सियासी गलियारों से होती हुई बीजेपी नेतृत्व तक भी पहुंच गई. खबर का असर हुआ और बीजेपी आलाकमान के दखल के बाद राजे जोधपुर में गजेंद्र सिंह के चुनाव प्रचार में आ खड़ी हुई. हाल ही में राजे ने यहां एक रोड शो कर गजेंद्र सिंह शेखावत के लिए वोट अपील की. अब राजनीतिक गलियारों से यह खबर भी आ रही है कि जोधपुर के बाद वसुंधरा राजे बीकानेर में अर्जुन मेघवाल के लिए भी वोट अपील करते हुए नजर आने वाली हैं.

सूत्रों की माने तो राजे 4 मई को श्रीडूंगरगढ़ का दौरा कर सकती हैं. यहां उनका एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है. हालांकि उनके दौरे की तिथि अभी तय नहीं हुई है लेकिन 3 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीकानेर में सभा है. ऐसे में चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले यानि 4 मई को उनके बीकानेर आने की पूरी-पूरी संभावना है.

दरअसल, वसुंधरा राजे का जोधपुर और बीकानेर में चुनावी प्रचार न करना चर्चा में बना हुआ था. राजे के साथ गजेंद्र सिंह और अर्जुन मेघवाल की अदावत को भले ही पार्टी के नेता खुले तौर पर स्वीकार न करते हों लेकिन इस बात को गलत ठहराने के प्रयास भी कभी नहीं हुए. मतलब साफ है कि दिल्ली दरबार के इन दोनों खास मंत्रियों ने न केवल राजस्थान की राजनीति में राजे का विकल्प बनने की कोशिश की, बल्कि बीजेपी का एक गुट इनकी चर्चा भी करने लग गया था.

यही कारण है कि मौके की तलाश में चुप रही राजे ने विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद लोकसभा चुनाव का इंतज़ार करना बेहतर समझा. राजे ने जिस तरह से दिल्ली दरबार को प्रदेश के चुनावी प्रचार में अपनी हैसियत और राजनीतिक कद का अहसास कराया है, उसके बाद कहीं ना कहीं यह साफ हो गया है कि राजस्थान में आज भी वसुंधरा ही बीजेपी है और बीजेपी ही वसुंधरा है.

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