लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता की कड़ाई से पालना को लेकर निर्वाचन विभाग ने बड़े कदम उठाये हैं, सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा अपने चुनावी सभाओं के भाषणों में आचार संहिता का उल्लंघन करने की बात कही है और इस संबध में निर्वाचन आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 6 मई तक फैसला लेने का आदेश दिया है.
वकील सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि निर्वाचन आयोग में कुल 40 शिकायतें की थी, जिसमें से 20 के ऑर्डर पास हुए जो दूसरे लोगों के खिलाफ थे. लेकिन पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं सिंघवी ने कहा कि 6 मई को तो 462 सीटों के लिए मतदान हो चुके होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने मंगलवार और बुधवार को आदेश दिया था, लेकिन हमें आदेश नहीं मिला. हमे मीडिया से ऑर्डर मिला. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि आपको मीडिया से ऑर्डर मिला या मीडिया के लिए ऑर्डर मिला.
सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई में कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग 6 मई तक पीएम मोदी और अमित शाह के मामलों का निपटारा करे. याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता सुष्मिता देव की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि 31 दिनों में केवल दो मामलों पर निपटारा किया है. इस रफ्तार से 250 दिनों से ज्यादा का समय लगने वाला है. इसके अलावा जिन शिकायतों का निपटारा किया है उनकी वजह भी सही नहीं बताई गई है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मंगलवार को सुष्मिता देव की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने नोटिस में कहा था कि निर्वाचन आयोग आचार संहिता उल्लंघन मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर सकता है. जिस पर साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर पहले चुनाव आयोग का फैसला सामने आने दें. इसके बाद चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि इस मसले पर अभी उनकी बैठक चल रही है, वह जल्द ही कोई एक्शन लेंगे.
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कथित आचार संहिता उल्लंघन मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वो 24 घंटे के भीतर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ शिकायतों पर फैसला करे. याचिका में दोनों के खिलाफ हेट स्पीच इस्मेमाल करने व मनाही के बावजूद सशस्त्र बलों का प्रचार में नाम लेने का आरोप लगाया था.
जिसके बाद याचिका स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करते हुए उचित कार्रवाई को कहा था. याचिकाकर्ता ने बताया था कि शिकायत के बावजूद निर्वाचन आयोग पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. बता दें कि इससे पहले भी अपने भाषण में सेना के इस्तेमाल करने को लेकर चुनाव आयोग से पीएम मोदी की शिकायत की गई थी. हालांकि चुनाव आयोग से पीएम मोदी को क्लीन चीट मिल गई थी.