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वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से पीएम मोदी के सामने सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन चुनाव आयोग ने खारिज किया है. यानी वो अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. बता दें कि तेज बहादुर की तरफ से दाखिल नामांकन में गड़बडी पाई गई थी. जिसे लेकर निर्वाचन अधिकारी ने उन्हें उचित प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था, लेकिन वो प्रमाण पत्र दाखिल नहीं कर पाए जिससे उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी है. यहां कांग्रेस ने अजय राय को फिर से मैदान में उतारा है.

निर्वाचन आयोग द्वारा उनके नामांकन को रद्द करने से नाराज तेज बहादुर यादव ने कहा कि वे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. बता दें कि तेज बहादुर बीएसएफ से बर्खास्त जवान हैं. उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. साथ ही पर्चा भी दाखिल किया था लेकिन बाद में उन्हें सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के हिस्से सपा की टिकट पर प्रत्याशी बनाया गया.

तेज बहादुर यादव के नामांकन पर पहले से ही संकट के बादल मंडरा रहे थे. क्योंकि उनकी तरफ से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दाखिल नामांकन में उन्होंने बताया था कि उन्हें बीएसएफ से भ्रष्टाचार के कारण बर्खास्त किया गया था. लेकिन दूसरे नामांकन में उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी. इसे लेकर आयोग ने उनसे उचित प्रमाण पत्र दाखिल करने को कहा था.

गौरतलब है कि साल 2017 में तेज बहादुर यादव एक वीडियो को लेकर चर्चा में आए थे. जिसमें बताया गया था कि विषम हालात में देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी कितनी घटिया है. इस वीडियो के कारण सेना ने तेज बहादुर को अनुशासनहीनता का दोषी मानते हुए बर्खास्त किया था. जिसके बाद से ही वो सरकार के प्रति आक्रामक रूख अख्तियार किए हुए हैं.

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