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‘गोड नहीं, गोडसे प्रेमी हैं बीजेपी और आरएसएस’

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सोशल मीडिया पर साध्वी प्रज्ञा का ‘नाथूराम देशभक्त’ बयान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. यह आंधी की तरह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पहले बाहर के लोग इस बात को हवा दे रहे थे लेकिन अब बड़े नाम भी इस दौड़ में कूद पड़े हैं. इस रैस में बाजी मारी है राहुल गांधी ने, जो इस सेग्मेंट में टॉप पर रहे हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी साध्वी प्रज्ञा और बीजेपी पर इसी बात को लेकर जमकर निशाना साधा है. एक्टर पायल रोहित्गी ने भी इस बारे में ट्वीट कर अपने जज्बात बताए हैं.

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मैंने पीएम से बहस करने की कई बार मांग की, उन्होंने हर बार मना कर दिया: राहुल गांधी

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देश में 7वें और अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे समाप्त हो गया. प्रचार समाप्त होने के कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने प्रेस कॉन्फेंस की. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को उनके सवालों के जवाब दिए. एक ओर जहां पीएम मोदी ने पिछले पांच साल के कार्यकाल के दौरान पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हालांकि उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. वहीं राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों के सामने मोदी और बीजेपी पर जमकर जवाबी हमले किए.

प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूआत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी पांच साल में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं, वेरी गुड. मैंने प्रधानमंत्री मोदी को कई बार उनसे डिबेट करने की मांग की लेकिन उन्होंने कभी इसे स्वीकार नहीं किया. जब बालाकोट एयरस्ट्राइक के मुद्दे पर उनसे सवाल हुआ तो वह बादलों की बात कर रहे थे. इस बात पर राहुल ने टेबल ठोकते हुए उनकी खिल्ली उड़ाई.

आगे बढ़ते हुए राहुल ने बीजेपी पर निशाना दागते हुए कहा कि मैं वहां मोदीजी से सवाल पूछने के लिए दो-तीन पत्रकारों को भेजने वाला था. पर मुझे पता चला है कि वहां तो दरवाजे ही बंद कर लिए गए हैं. वहीं बैठे-बैठे राहुल गांधी ने मोदी से कहा, ‘मोदीजी, मैं आपसे राफेल के मुद्दे पर बहस करना चाहता था लेकिन आप मेरे से बहस करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए.’

इस मौके पर राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब दिए. राहुल गांधी ने आचार संहिता का पालन करते हुए अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शाम पांच बजे से पहले ही खत्म कर दी. इसके विपरित बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीसी सवा पांच के बाद तक चलती रही.

पांच साल में पीएम मोदी की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकिन नहीं दिए सवालों के जवाब

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लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए प्रचार-प्रचार शुक्रवार को थम चुका है. इससे पहले बीजेपी ने दिल्ली कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ पीएम मोदी भी मौजूद रहे. पांच साल में पीएम मोदी पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. बीजेपी अध्यक्ष शाह ने ही मीडिया के सभी सवालों का जवाब दिया. इस दौरान पीेएम मोदी व अमित शाह ने केंद्र में फिर से एनडीए की सरकार बनने का दावा किया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव में पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने का दावा किया और 300 से अधिक सीटें जीतने की बात कही. वहीं पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल के जवाब में कहा कि बंगाल में हमारे 80 कार्यकर्ता मारे गए हैं और सवाल भी हमसे पूछा जा रहा है. ममता दीदी से पूछा जाना चाहिए कि बीजेपी के इतने कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार कौन है.

पीएम मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि देश में फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है. हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में अच्छा काम किया है. पीएम ने इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा करवाए गए कार्यों को भी गिनाया. इस दौरान मीडिया द्वारा जब पीएम मोदी से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे पर बयान को लेकर सवाल किया तो पीएम मोदी टाल गए और बोले कि मैं पार्टी का एक अनुशासित कार्यकर्ता हूं. अध्यक्ष की मौजूदगी में मैं जवाब नहीं दे सकता.

इस पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने जवाब दिया कि पार्टी की अनुशासनात्मक कमेटी इस पर फैसला लेगी और साध्वी प्रज्ञा को पार्टी की ओर से नोटिस दिया जा चुका है. अमित शाह ने यह भी कहा कि साध्वी समेत पार्टी के जिन तीन नेताओं ने गांधी के हत्यारे गोडसे को लेकर बयान दिया है. बीजेपी उससे कोई संबध नहीं रखती है और उन पर पार्टी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

इसके अलावा बीजेपी अध्यक्ष शाह ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पिछले पांच सालों में करवाए गए कार्यों का बखान किया और कहा कि मोदी सरकार देश की जनता के विश्वास पर हर तरह से खरा उतरी है. उनकी पार्टी ने यह चुनाव पूरी मेहनत से लड़ा है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम किया है और पार्टी को पूर्ण विश्वास है कि एनडीए एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है.

लोकसभा चुनाव: अंतिम चरण की 59 सीटों पर थम गया प्रचार का शोर

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देश में आज शाम पांच बजते ही लोकसभा चुनाव के प्रचार का शोर पूरी तरह से बंद हो गया है. सातवें और आखिरी चरण में देश की 59 लोकसभा सीटों पर 19 मई को वोट डाले जाएंगे. इससे पहले पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने हिंसा के कारण कल रात 10 बजे चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी थी. इस वजह से वहां तय समय से एक दिन पूर्व ही चुनाव प्रचार बंद हो गया था. बता दें, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा भड़क गई थी. असके बाद चुनाव आयोग ने अनुच्छेद-324 का इस्तेमाल करते हुए चुनाव प्रचार के समय में एक दिन की कटौती की थी.

  • अंतिम चरण में बिहार की नालन्दा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद और हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर, शिमला, कांगड़ा, मंडी लोकसभा सीटों पर मतदान होगा.
  • पंजाब की गुरदासपुर, बंठिडा, होशियारपुर, फरीदकोट, पठानकोट, संगरुर, पटियाला, खदूर साहिब, जालांधर, आनंदपुर साहिब, फिरोजपुर, फरीदकोट के मतदाता भी रविवार को ही मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
  • उत्तर प्रदेश की महाराजगंज, गोरखपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, बलिया, सलेमपुर, घोसी, चंदौली, बासगांव, देवरिया, कुशीनगर, रॉबर्टसगंज और झारखंड़ की राजमहल, दुमका, गोड्डा सीटों पर भी इसी दिन वोट डाले जाएंगे.
  • मध्य प्रदेश की देवास, उज्जैन, रतलाम, धार, इन्दौर, मंदसौर, खरगांव, खंडवा और पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर, जाधवपुर, दमदम, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर पर मतदान होगा. चंड़ीगढ़ में भी 19 मई को वोट पड़ेंगे.

अंतिम चरण में इन दिग्ग्जों की प्रतिष्ठा दांव पर

मतदान के अंतिम चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. इसी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी क्षेत्र वाराणसी में मतदान होगा. नीचे कई ऐसी सीटों की चर्चा कर रहे है जहां दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है.

वाराणसीः प्रधानमंत्री मोदी इस बार सिर्फ वाराणसी से ही चुनाव लड़ रहे है. 2014 के चुनाव में वे वाराणसी के साथ गुजरात की वड़ोदरा सीट से चुनाव लड़े थे. नतीजों के बाद उन्होंने वड़ोदरा सीट खाली कर दी थी. वाराणसी में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की तरफ से शालिनी यादव को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने 2014 मे पार्टी की तरफ से उम्मीदवार रहे अजय राय पर भरोसा जताते हुए पुन: चुनावी समर में उतारा है.

गोरखपुरः गोरखपुर में इस बार मुकाबला दिलचस्प दिखाई दे रहा है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सीट से 6 बार लगातार सांसद चुने गए. उन्होंने गोरखपुर को बीजेपी के अभेद्द दुर्ग बना दिया था लेकिन उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए उपचुनाव में यहां बीजेपी को सपा से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार बीजेपी ने यहां से भोजपुरी अभिनेता रविकिशन को प्रत्याशी बनाया है. वही वर्तमान सांसद प्रवीण निषाद के बीजेपी में शामिल होने के बाद सपा ने रामभूआल निषाद पर दांव खेला है.

पटना साहिबः यहां मुकाबला दो पुराने साथियों के मध्य है. बीजेपी की तऱफ से केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मैदान में है. वही वर्तमान सांसद अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के हाथ के साथ अपना भाग्य आजमा रहे है. बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए थे. लेकिन मोदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान उनकी सरकार और पार्टी से नाराजगी वक्त-वक्त पर सामने आयी. पार्टी ने उनका टिकट काट रविशंकर को प्रत्याशी बनाया तो शत्रुघ्न ने कांग्रेस का दामन थाम लिया.

गुरदासपुरः गुरदासपुर में बीजेपी ने फिल्म अभिनेता सनी देओल को प्रत्याशी बनाया है. उनका मुकाबला वर्तमान सांसद सुनील जाखड़ से है. सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है. गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र से फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना 4 बार सांसद चुने गए. 2017 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने बीजेपी के सवर्ण सिंह सलारिया को हराकर जीत हासिल की थी.

डायमंड हार्बरः पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट बंगाल की वीआईपी सीट है. यहां से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी चुनाव लड़ रहे है. वो इस सीट से सांसद है. बीजेपी ने इस बार यहां से निलांजन रॉय को मैदान में उतारा है. बीजेपी को इस बार बंगाल से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.

पूरे कैबिनेट को ताले में बंद कर पीएम मोदी ने की नोटबंदी: राहुल गांधी

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के लिए आखिरी दिन हिमाचल पहुंचे. यहां सोलन में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित किया और कांग्रेस के पक्ष में वोट व समर्थन की अपील की. इस दौरान पार्टी प्रत्याशी व स्थानीय पार्टी नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे. चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी व बीजेपी पर जमकर प्रहार किए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने नोटबंदी से पहले अपने कैबिनेट को ताले में बंद कर दिया था और जनता को कतारों में खड़ा कर दिया. इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार को हर मुद्दे पर विफल बताया.

राहुल गांधी में हिमाचल के सोलन में चुनावी सभा में अपने भाषण में पीएम मोदी को जमकर निशाने पर लिया. उन्होंने कहा एसपीजी ने मुझे बताया कि नोटबंदी से पहले मोदी ने पूरे कैबिनेट को ताले लगाकर बंद किया था. मोदी सरकार ने नोटबंदी जैसा बड़ा निर्णय लेने के लिए आरबीआई तक से राय लेना जरूरी नहीं समझा. देश का आम जनता को मोदी सरकार ने कतारों में खड़ा कर बिना वजह परेशान किया और सिर्फ अपने मंत्रियों का ख्याल रखा.

साथ ही राहुल गांधी ने सवाल पूछते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी जब ऐसे बादल आते हैं तो एयर इंडिया के हवाई जहाज गायब हो जाते हैं, क्या इंडिगो के हवाई जहाज गायब हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि देश के पीएम को समझ ही नहीं है. मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के जजों को काम करने नहीं दिया. राहुल ने कहा कि मोदी जी प्रेस कांफ्रेस में व्यस्त रहे और आतंकी गोलियां बरसा रहे थे. इसके अलावा राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी ने 15 लोगों का 5 लाख 55 हजार करोड़ माफ किया.

राहुल ने पीएम द्वारा बीजेपी दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के अनादर की भी बात कही. उन्होंने कहा कि आज मोदी आडवाणी को देखते भी नहीं है लेकिन मैं उनसे गले मिलता हूं. मैंने पीएम मोदी को कहा कि आडवाणी आपके गुरू हैं मोदी जी, उन्होंने आपको सिखाया है. साथ ही हिमाचल के क्षेत्रीय मुद्दों के बारे में भी राहुल ने बात करने के अलावा मोदी सरकार को घेरा. राहुल ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कहते हैं हिमाचल में पकोड़े तलो और चाइना का सेब खाओ.

साथ ही उन्होंने कहा कि हम न्याय योजना के तहत देश के 25 करोड़ लोगों के खाते में पैसे डालना चाहते हैं लेकिन पीएम मोदी ने अपने चहेतों के खाते में पैसा डाला है. मेरा सवाल है कि अनिल अंबानी के खाते में क्या जापान सरकार ने पैसा डाला है. आगे राहुल गांधी ने कहा कि सोलन में फूड प्रोसेसिंग प्लांट की जरूरत है. हम यहां 22 लाख सरकारी नौकरियां देंगे. साथ ही 10 लाख युवाओं को पंचायतों में रोजगार देंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे किसानों के बारे में बोलते हुए कहा कि हमारी सरकार आने पर किसानों के लिए पहला काम रहेगा कि 2019 में दो बजट पेश किए जाएगें. देश के किसानों के लिए एक अलग बजट बनेगा और लोकसभा में पेश होगा. वहीं हमारी सरकार का दूसरा काम रहेगा की कर्ज नहीं चुकाने पर उन्हें जेल में नहीं डाला जाएगा. ये हमनें अपने घोषणा पत्र में लिखा है.

मारफिंग वीडियो शेयर कर बुरे फंसे शिवराज, कांग्रेस ने दी पुलिस में शिकायत

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लोकसभा चुनाव आखिरी पड़ाव पर है और आज 19 मई को होने वाले 7वें चरण के लिए प्रचार थम जाएगा. चुनाव प्रचार में कोई भी राजनीतिक पार्टी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में पीछे नहीं रही. लेकिन मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सोशल मीडिया पर उनके द्वारा शेयर किया गया वीडियो भारी पड़ गया.

शिवराज राहुल गांधी के भाषण का एक वीडियो शेयर कर फंस गए हैं. इस डॉक्टराइन वीडियो को शेयर करने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है और पुलिस की साइबर क्राइम सेल में उनके खिलाफ शिकायत करके कार्रवाई की मांग की है.

कांग्रेस अध्यक्ष का एक डॉक्टर्ड वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर शिवराज सिंह चौहान फंस गए हैं. शिवराज ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए ये वीडियो शेयर किया था. वीडियो में राहुल गांधी एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ की जगह किसी दूसरे का नाम लेते सुनाई दे रहे हैं.

दरअसल, इस वीडियो में एडिटिंग के जरिए छेड़छाड़ की गई थी लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो के सही या मारफिंग होने की पड़ताल किए बिना ही अपने टविटर हैंडल पर शेयर कर राहुल गांधी पर तंज कस दिया. वीडियो की हकीकत पता चलते ही कांग्रेस हमलावर हो गई. उसने साइबर क्राइम सेल में शिकायत कर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. हालांकि माज़रा समझ आते ही शिवराज ने फौरन सफाई भी दे दी थी.

अपने ट्विटर हैंडल पर ये वीडियो शेयर करते हुए शिवराज ने लिखा कि अरे, ये क्या राहुल जी, आपने अपने भाषण में मुख्यमंत्री को ही बदल दिया. लेकिन हक़ीक़त ये है कि राहुल गांधी ने इस तरह के किसी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था. बस शिवराज की ये चूक कांग्रेस ने पकड़ ली. कांग्रेस ने शिवराज के इस टवीट की साइबर क्राइम सेल में शिकायत कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

कांग्रेस के एक्शन में आने के बाद शिवराज सिंह ने फौरन सफाई भी दी लेकिन साथ ही राहुल गांधी पर फिर तंज कस दिया और कहा कि राहुल गांधी इतना झूठ बोलते हैं कि पता नहीं चलता कि वो कब क्या बोल रहे हैं.

प्रज्ञा को मैं कभी माफ नहीं करूंगा: मोदी

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के ‘नाथूराम गोड़से देशभक्त’ बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा बयान दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं प्रज्ञा को कभी माफ नहीं करूंगा. मोदी का यह बयान उस वक्त है जब साध्वी अपने इस विवादित बयान पर माफी मांग चुकी है.

पीएम मोदी ने कहा है कि भले ही उन्होंने इस मुद्दे पर माफी मांग ली हो, लेकिन वह उन्हें अपने मन से कभी माफ नहीं कर पाएंगे. महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर जो भी बातें की गईं हैं, वो भयंकर खराब हैं. उन्होंने कहा कि उनकी ये बातें पूरी तरह से घृणा के लायक हैं. सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं.

असल में कल मीडिया के सामने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि नाथूराम गोड़से देशभक्त थे और रहेंगे. इस बयान के बाद कांग्रेस के हाथ एक बड़ा मुद्दा आ गया. सोशल मीडिया पर भी उनका यह बयान जमकर वायरल हुआ और गुस्से का माहौल सब जगह फैल गया.

बाद में बीजेपी नेताओं ने आनन-फानन में बयान जारी कर दिया कि यह उनका निजी बयान है. अमित शाह ने भी इस बयान को साध्वी प्रज्ञा का निजी बयान करार दिया. हंगामा होते देख साध्वी प्रज्ञा ने कह कहकर माफी मांग ली कि उनका किसी का दिल दुखाने का कोई इरादा नहीं था.

इस मामले में बीजेपी सरकार में मंत्री अनंत हेगड़े का सोशल मीडिया पर दिया गया बयान भी काफी चर्चा में रहा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि खुश हूं कि सात दशक बाद नई पीढी बदलाव के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर कर रही है. इस चर्चा को सुन नाथुराम गोडसे अच्छा महसूस कर रहे होंगे. सीधे तौर पर कहें तो हेगड़े ने साध्वी का बचाव किया है. हालांकि बाद में अपने ट्वीटर हैंडल से छेड़छाड़ करने की बात कहकर उन्होंने भी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया.

हाईकोर्ट की गहलोत सरकार को फटकार, महिला अत्याचारों पर 27 तक मांगा जवाब

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राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश में बढ़ते महिला अत्याचारों के मामलों पर गंभीरता दिखाई है. हाल ही में सामने आई गैंगरेप सहित कई घटनाओं को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. साथ ही कोर्ट ने मामले पर प्रसंज्ञान लेते हुए तल्ख टिप्पणी भी की है. कोर्ट ने सूबे के प्रशासन और पुलिस को नाकारा बताते हुए गहलोत सरकार को नोटिस भेजते हुए इन घटनाओं पर 27 मई तक जवाब तलब किया है.

हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने गुरूवार को भरतपुर और झालावाड़ में हुई दो घटनाओं पर सरकार को फटकारा है.

बीजेपी ने हाल ही में प्रदेश में महिला अत्याचारों की बढ़ती घटनाओं की एक सूची बनाकर राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंपी थी. शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने भी गैंगरेप सहित महिला अत्याचारों की इन घटनाओं पर गंभीरता दिखाई. हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने भरतपुर और झालावाड़ में गुरुवार को हुई दो घटनाओं पर प्रसंज्ञान लते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है.

खंडपीठ ने प्रदेश की पुलिस और प्रशासन पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस-प्रशासन इन मामलों में एकदम नकारा साबित हुए हैं. गहलोत सरकार को हाईकोर्ट के इस नोटिस का 27 मई तक जवाब देना है.

बता दें कि अलवर के थानागाजी गैंगरेप मामले के बाद से ही प्रदेश में महिला अत्याचारों के कई केस सामने आए हैं. साथ ही इनमें पुलिस-प्रशासन की लापरवाही की बात भी देखने को मिली है. इसी के चलते बीजेपी ने हाल ही में प्रदेश में अशोक गहलोत सरकार के दौरान महिलाओं पर हुए अत्याचारों की एक विस्तृत सूची राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंपी थी. सूची में 10 मई तक प्रदेश में ऐसे 46 अपराधों की जानकारी दी गई है जिनमें 12 गैंगरेप और 20 बलात्कार की घटनाएं हैं.

कोर्ट ने बंगाल के IPS राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाई

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सुप्रीम कोर्ट ने आज पश्चिम बंगाल के आईपीएस राजीव कुमार प्रचार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गिरफ्तारी से रोक तो हटा दी लेकिन अगले एक हफ्ते तक राजीव प्रचार को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है. इस दौरान वह अपने लिए उपलब्ध कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं. अगर राजीव कुमार सात दिन के अंदर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख नहीं करते हैं और उनको वहां से अग्रिम जमानत नहीं मिलती है तो सीबीआई सात दिन बाद राजीव कुमार को गिरफ्तार कर सकती है.

आईपीएस प्रचार पर शारदा चिटफंड घोटाले के सबूत मिटाने के आरोप हैं. सीबीआई इसी मामले में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाह रही है. राजीव कुमार वही अफसर है जिनका चुनाव आयोग ने बंगाल से तबादला कर गृह मंत्रालय में रिपोर्ट करने के आदेश दिए हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर कहा कि राजीव कुमार जांच में सहयोग करें हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाए. इसके बाद उनसे शिलॉन्ग में पूछताछ का आदेश दिया गया था. यहां राजीव कुमार से कई दौर की पूछताछ हो चुकी है.

बता दें, फरवरी में सीबीआई की 40 सदस्यों की टीम तत्कालीन कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव प्रचार से पूछताछ के लिए आई थी. लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने सीबीआई की टीम को ही हिरासत में ले लिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए सीबीआई के खिलाफ तीन दिन तक धरने पर बैठ गईं थी.

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