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राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश में बढ़ते महिला अत्याचारों के मामलों पर गंभीरता दिखाई है. हाल ही में सामने आई गैंगरेप सहित कई घटनाओं को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. साथ ही कोर्ट ने मामले पर प्रसंज्ञान लेते हुए तल्ख टिप्पणी भी की है. कोर्ट ने सूबे के प्रशासन और पुलिस को नाकारा बताते हुए गहलोत सरकार को नोटिस भेजते हुए इन घटनाओं पर 27 मई तक जवाब तलब किया है.

हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने गुरूवार को भरतपुर और झालावाड़ में हुई दो घटनाओं पर सरकार को फटकारा है.

बीजेपी ने हाल ही में प्रदेश में महिला अत्याचारों की बढ़ती घटनाओं की एक सूची बनाकर राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंपी थी. शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने भी गैंगरेप सहित महिला अत्याचारों की इन घटनाओं पर गंभीरता दिखाई. हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने भरतपुर और झालावाड़ में गुरुवार को हुई दो घटनाओं पर प्रसंज्ञान लते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है.

खंडपीठ ने प्रदेश की पुलिस और प्रशासन पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस-प्रशासन इन मामलों में एकदम नकारा साबित हुए हैं. गहलोत सरकार को हाईकोर्ट के इस नोटिस का 27 मई तक जवाब देना है.

बता दें कि अलवर के थानागाजी गैंगरेप मामले के बाद से ही प्रदेश में महिला अत्याचारों के कई केस सामने आए हैं. साथ ही इनमें पुलिस-प्रशासन की लापरवाही की बात भी देखने को मिली है. इसी के चलते बीजेपी ने हाल ही में प्रदेश में अशोक गहलोत सरकार के दौरान महिलाओं पर हुए अत्याचारों की एक विस्तृत सूची राज्यपाल कल्याण सिंह को सौंपी थी. सूची में 10 मई तक प्रदेश में ऐसे 46 अपराधों की जानकारी दी गई है जिनमें 12 गैंगरेप और 20 बलात्कार की घटनाएं हैं.

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