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दिल्ली AIIMS में भीषण आग, कई किलोमीटर दूर से भी दिखा धुंआ

देश की राजधानी दिल्ली स्थित जाने-माने अस्पताल एम्स में आग लगी है. बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी. शुरुआती जानकारी के मुताबिक आग पहले और दूसरे फ्लोर पर लगी है. एम्स में आग लगने की खबर मिलते ही चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. बताया जा रहा है कि आग टीचिंग ब्लॉक में लगी है जो कि इमरजेंसी के पास है.

फायर डिपार्टमेंट की 34 गाड़ियां आग पर काबू पाने में लगी है. एहतियात के तौर पर एम्स का इमरजेंसी विभाग बंद कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार, इस ब्लॉक के वार्ड एबी1 और एबी2 में भर्ती करीब 80 मरीजों को दूसरी वार्ड में शिफ्ट किया गया है. इसके साथ ऑर्थो वार्ड से भी 40 मरीज शिफ्ट किए गए हैं. डॉक्टरों के अनुसार, ऊपर के दो फ्लोर पर 100 से ज्यादा मरीज थे. वहीं एक घंटे से ज्यादा समय से लगी इस आग पर खबर लिखे जाने तक काबू नहीं पाया जा सका है. आग इतनी भीषण हो गई है कि कई किलोमीटर दूर से भी धुंआ देखा जा सकता है. आग लगने के बाद वेंटिलेटर के साथ ही मरीजों को शिफ्ट किया गया है.

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार शाम एम्स में टीचिंग ब्लॉक के फर्स्ट और सेंकेंड फ्लोर पर आग लगी है. एम्स में आग की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच कर आग बुझाने के काम में जुट गईं है. फिलहाल इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. आग बुझाने का काम अब भी जारी है. आग लगते ही बिल्डिंग को खाली करा लिया गया था. इस हादसे में नुकसान का आकलन आग बुझ पाने के बाद ही लग सकेगा. गौरतलब है कि एम्स दिल्ली ही नहीं, देश का प्रमुख चिकित्सा संस्थान है.

कर्नाटक में फोन टेपिंग के मुद्दे ने तूल पकड़ा

कर्नाटक में फोन टेपिंग का नया मुद्दा जोर पकड़ रहा है. बेंगलुरु के मौजूदा पुलिस आयुक्त भास्कर राव की फोन पर की गई बातचीत टेप की गई थी. मीडिया के एक हिस्से में इस बातचीत को प्रसारित किया जा रहा है. इससे एक बार फिर कर्नाटक में राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. गौरतलब है कि लंबे राजनीतिक नाटक के बाद हाल ही जदएस-कांग्रेस सरकार का पतन हुआ है और येदियुरप्पा ने भाजपा की सरकार बना ली है. मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मुख्य सचिव से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है.

पुलिस की जांच में पता चला है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान कई नेताओं, अफसरों और पत्रकारों के फोन टेप किए गए थे. उस समय एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे. कुमारस्वामी ने फोन टेप करने में अपनी भूमिका से इनकार किया है. यह मामला उस समय सामने आया था, जब कर्नाटक पुलिस के अफसरों के आपसी मतभेद सतह पर आने लगे थे. उस समय बेंगलुरु के नए पुलिस आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी. तब फोन पर होने वाली बातचीत मीडिया में उजागर होने लगी थी.

फोन पर होने वाली बातचीत मीडिया में आने के बाद कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, पूर्व गृहमंत्री एमबी पाटिल, मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व गृहमंत्री भाजपा के आर अशोक ने इस मामले की जांच कराने की मांग की थी. फोन पर होने वाली यह बातचीत नवंबर 2018 के आसपास टेप की गई थी. उस समय तत्कालीन जदएस-कांग्रेस सरकार के खिलाफ कुछ विधायक बगावत कर रहे थे और भाजपा भी सरकार गिराने का प्रयास कर रही थी.

फोन टेप करने के आरोप पिछले हफ्ते से लग रहे हैं, जब कर्नाटक के एक स्थानीय टीवी चैनल ने भास्कर राव की कांग्रेस हाईकमान से जुड़े एक नेता के साथ हुई बातचीत प्रसारित की थी. येदियुरप्पा ने भास्कर राव को दो अगस्त को बेंगलुरु पुलिस आयुक्त नियुक्त किया था. इससे पहले 26 जुलाई को येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मीडिया में वायरल हो रही टेप की गई कथित बातचीत में एडीजी स्तर के 1980 बैच के आईपीएस भास्कर राव फराज नामक बिचौलिए से बातचीत करते हुए बेंगलुरु पुलिस आयुक्त पद के लिए अपने पक्ष में लॉबिंग करने का अनुरोध करते हुए दिखाई देते हैं. हालांकि इस टेप की अभी तक अधिकृत तौर पर पुष्टि नहीं हुई है.

कुमारस्वामी ने 17 जून को 1994 बैच के हाल ही एडीजीपी पदोन्नत हुए आलोक कुमार को बेंगलुरु पुलिस आयुक्त नियुक्त किया था. इस नियुक्ति में आलोक कुमार से वरिष्ठ 21 आईपीएस अफसरों की वरिष्ठता को दरकिनार कर दिया गया था. इससे न सिर्फ पुलिस महकमें में, बल्कि जदएस-कांग्रेस गठबंधन में भी उथल-पुथल होने लगी थी. पुलिस आयुक्त पद पर नियुक्ति से पहले आलोक कुमार शहर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पद पर थे और उनके पास फोन टेप करवाने के अधिकार थे. हालांकि आलोक कुमार पुलिस आयुक्त पद नहीं संभाल सके. आयुक्त बनने के लिए कतार में खड़े भास्कर राव को सरकार बदलने के बाद मौका मिल गया और येदियुरप्पा ने उन्हें बेंगलुरु पुलिस आयुक्त नियुक्त कर दिया.

भास्कर राव के पद संभालते ही फोन पर की गई बातचीत के टेप मीडिया में वायरल होने लगे, जिनमें वह कांग्रेस से जुड़े किसी मध्यस्थ से बातचीत करते प्रतीत होते हैं. गौरतलब कि आलोक कुमार बेंगलुरु पुलिस आयुक्त पद पर नियुक्ति और पदभार संभालने से पहले ही तबादले का मुद्दा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में ले गए हैं. इसी बीच फोन बर बातचीत के टेप मीडिया में आने लगे.

भास्कर राव ने पूरे मामले की जांच संयुक्त आयुक्त (अपराध) संदीप पाटिल को सौंपी है, जो यह पता लगाएंगे कि फोन पर हुई बातचीत टेप होने के बाद मीडिया में लीक कैसे हुई. आलोक कुमार ने कहा किय यह बातचीत उस समय टेप की गई थी, जब पुलिस फराज की संदिग्ध गतिविधियों की जांच कर रही थी. फराज पर पोंजी स्कीम घोटाले के आरोपों की जांच चल रही थी. उस समय भास्कर राव के फोन टेप नहीं किए जा रहे थे.

भास्कर राव ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है. उन्होंने कर्नाटक के डीजीपी नीलमणि राजू से शिकायत करते हुए बातचीत लीक होने के समय पर सवाल उठाए हैं. बेंगलुरु के संयुक्त पुलिस आयुक्त की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि जो बातचीत टेप हुई थी, उसके बाद भी करीब छह महीने तक संदिग्ध अपराधियों के ही नहीं, बल्कि राजनीतिज्ञों और अफसरों के फोन भी टेप किए जाते रहे हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि विधायकों और अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप किए गए थे. मुख्यमंत्री के निकट सहयोगियों और अन्य नेताओं की भी निगरानी की जा रही थी.

बहरहाल पुलिस फोन टेप मुद्दे की जांच करने में जुट गई है. इस बिदु पर भी जांच की जाएगी कि यह बातचीत उसी समय कैसे लीक हुई, जब दो अगस्त को नए पुलिस आयुक्त पद संभाल रहे थे. पुलिस सूत्रों का कहना है कि फोन पर बातचीत के टेप मीडिया तक पहुंचाने में किसी आईपीएस अधिकारी की भूमिका हो सकती है. प्राथमिक जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद डीजीपी इस मामले की जांच सीआईडी से करवा सकते हैं.

इस बीच शुक्रवार को आलोक कुमार ने भास्कर राव की बेंगलुरु पुलिस आयुक्त पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली है. पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने खुद को इस पूरे मामले से यह कहते हुए अलग कर लिया है कि मैं मुख्यमंत्री था और मुझे मालूम था कि कोई भी पद स्थायी नहीं होता है. मुझे सत्ता में रहने के लिए किसी के फोन टेप करवाने की जरूरत नहीं थी. उन्होंने अपने पर लग रहे आरोपों से साफ इनकार कर दिया है.

कश्मीर मुद्दे पर बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कश्मीर के मुद्दे पर बंद कमरे में बैठक होने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार को कठघरे में लाने की कोशिश की है. कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो कुछ हो रहा है, उससे हम बहुत हैरान हैं. यह पूरे भारत के लिए चिंता का विषय है. इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और यहां कानून में कोई भी बदलाव भारत का आंतरिक मामला है. लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि 55-60 साल के बाद पहली बार इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिशें हो रही हैं.

बैठक से पहले सिंघवी ने कहा था, हम प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर आग्रह करते हैं कि वे हमारे मित्र देशों के यहां फोन करें और इस बैठक को निरस्त कराएं. इस मुद्दे पर सभी सरकार के साथ हैं, लेकिन यह बैठक सरकार की बहुत बड़ी कूटनीतिक नाकामी है, रणनीतिक नाकामी है.

गौरतलब है कि चीन के अनुरोध पर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मुद्दे पर शुक्रवार शाम न्यूयार्क में बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बैठक हुई थी. पाकिस्तान यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में ले गया और चीन के कहने से सयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार हुई. हालांकि बातचीत के नतीजे अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. बताया जाता है कि यूएनएससी के अधिकांश सदस्यों ने चीन और पाकिस्तान की यएनएससी की पूर्ण बैठक बुलाने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. बैठक में कोई प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ और ज्यादातर सदस्य इस संबंध में संयुक्त बयान जारी करने पर भी तैयार नहीं हुए. बैठक शुरू होने से पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने इसे अपनी जीत बताया था.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्ष जोआना रोनाका ने बुधवार को बताया था कि बैठक का औपचारिक आवेदन चीन की तरफ से मिला था. चीन संयुक्त राष्ट्र परिषद का स्थायी सदस्य है. चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए इस मुद्दे पर बंद कमरे में बातचीत करने का अनुरोध किया था. भारतीय समयानुसार शुक्रवार शाम 7.30 बजे शुरू हुई बैठक में सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी और 10 अस्थायी सदस्यों ने भाग लिया. भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

रूस ने बैठक में भाग लेने से पहले ही स्पष्ट किया कि यह भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है. संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक सुरक्षा परिषद ने पिछली बार 1965 में जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की थी. 16 जनवरी 1965 को पाकिस्तानी प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा था, जिसमें कश्मीर के मुद्दे पर तत्काल बैठक बुलाने का अनुरोध किया था. इसमें कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर शिकायत की गई थी.

गौरतलब है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की लगातार कोशिश करता रहा है. पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत के धारा 370 हटाने के फैसले से न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति को खतरा पैदा हुआ है. हालांकि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि यह आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन नहीं किया गया है.

बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि जम्मू-कश्मीर पर लिया गया सरकार का फैसला देश का आंतरिक मामला है और यह वहीं के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए लिया गया है. अनुच्छेद 370 का अंतरराष्ट्रीय मामले से कोई लेना-देना नहीं है. हम धीरे-धीरे वहां लगी पाबंदियां खत्म कर रहे हैं. पाकिस्तान जेहाद की बात कर हमारे देश में हिंसा फैला रहा है. जब तक आतंक खत्म नहीं होगा, तब तक बातचीत संभव नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र में चीन के प्रतिनिधि झांग जुन ने एक अलग प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया.

रूपा गांगुली के बेटे की कार दीवार से टकराने के बाद राजनीति शुरू

अभिनेत्री से भाजपा नेता बनीं राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली के 21 वर्षीय पुत्र आकाश गांगुली की कार गुरुवार रात रॉयल कलकत्ता गोल्फ क्लब की दीवार से टकरा गई, जिससे दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. इसके बाद पुलिस ने शुक्रवार को आकाश गांगुली को दिन भर हिरासत में रखा. आकाश गांगुली तेज गति से कार चलाते हुए नियंत्रण खो बैठे थे, जिससे कार चारदीवारी से टकरा गई. इससे चारदीवारी टूट गई और कार को भी अच्छा खासा नुकसान हुआ. इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है.

पुलिस ने बताया कि आकाश को बेकाबू होकर तेज गति से कार चलाने और संपत्ति का नुकसान करने के आरोप में हिरासत में लिया गया. शुक्रवार सुबह उन्हें अदालत में पेश किया गया. प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि कार की गति इतनी तेज थी कि कुछ लोग बाल-बाल बचे. पुलिस ने आकाश के खून के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे हैं. ये नमूने यह पुष्टि करने के लिए भेजे गए हैं कि आकाश शराब के नशे में तो नहीं था.

हादसे के बाद रूपा गांगुली ने ट्वीट किया कि उनके बेटे के साथ घर के पास दुर्घटना हो गई है. मुझे अपने बेटे से प्यार है, लेकिन पुलिस को कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि कोई इस मामले में राजनीति नहीं करेगा. लेकिन इस हादसे के बाद राजनीति शुरू हो ही गई है. तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के नेता इस हादसे पर बयानबाजी करने लगे हैं.

गोल्फ ग्रीन इलाके की पार्षद तृणमूल नेता अर्चना दासगुप्ता ने कहा कि इस तरह अंधाधुंध गाड़ी चलाने से बड़ा हादसा हो सकता था. सड़क पर बच्चे भी खेलते रहते हैं. जब उसे कार से बाहर निकाला गया तो वह शराब के नशे में था. मनमानी रफ्तार से गाड़ी चलाना उसकी आदत है.

पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने चेतावनी दी कि तृणमूल कांग्रेस को इस हादसे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. स्थानीय पुलिस प्रशासन गांगुली के खिलाफ शराब पीकर गाड़ी चलाने का फर्जी मामला बनाने का प्रयास कर रहा है. ऐसा हुआ तो भाजपा भी चुप रहने वाली नहीं है.

राजीव गांधी की जयंती धूमधाम से मनाने की तैयारी

राजस्थान कांग्रेस 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही है. सभी प्रदेश इकाइयों इस संबंध में निर्देश भेज दिए गए हैं. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी धूमधाम से राजीव गांधी जयंती मनाएगी. इस मौके पर सोनिया गांधी को निमंत्रण भेजा गया है, जो उन्होंने अभी स्वीकार नहीं किया है, लेकिन पूरी उम्मीद है कि 20 अगस्त को उनका जयपुर दौरा हो सकता है.

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने से राजीव गांधी जन्मोत्सव समारोह बड़े पैमाने पर धूमधाम से मनाने की तैयारी है. सोनिया गांधी एक-दो दिन में फैसला करेंगी कि वह जयपुर पहुंचेंगी या नहीं. 22 अगस्त को तालकटोरा स्टेडियम में महिला कांग्रेस की ओर से बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस में सोनिया गांधी अपने पति राजीव गांधी की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बड़ा भाषण दे सकती हैं. इसके अलावा वह मोदी सरकार के बारे में भी अपना पक्ष रखेंगी.

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद मई के आखिरी हफ्ते में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका इस्तीफा दो महीने बाद मंजूर हुआ. इसके बाद सोनिया गांधी ने फिर से कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल ली है. अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार राजीव गांधी जयंती कार्यक्रम जैसे सार्वजनिक समारोह में सोनिया गांधी की मौजूदगी होगी.

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, दोनों ही राजीव गांधी के 75वें जन्मोत्सव पर विशाल आयोजन करना चाहते हैं और इस समारोह में सोनिया गांधी की उपस्थिति को दोनों ही शुभ मानते हैं. सोनिया गांधी के जयपुर दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा और विभिन्न गुटों के बीच आपसी मतभेद दूर करने में भी मदद मिलेगी.

कश्मीरी मुसलमानों को भारतीयता के ढांचे में ढालने का लक्ष्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इन्द्रेश कुमार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद अब कश्मीरी मुसलमानों को भारतीयता के सांचे में ढालना अगला लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से में मुसलमान भारतीयता को स्वीकार कर चुके हैं. कश्मीरी मुसलमानों को भी ऐसा करना चाहिए. उन्हें भी भारतीयता के रास्ते पर चलना चाहिए.

इन्द्रेश कुमार के मुताबिक एक अलग तरह का इस्लाम भी चल रहा है, जो न रमजान का सम्मान करता है और नही ईद का. उसका काम सिर्फ हिंसा फैलाना है. पुलवामा की घटना इसका स्पष्ट उदाहरण है. कश्मीरी मुसलमानों को इस तरह के इस्लाम से बचना चाहिए. जब सारे मुसलमान यह मान चुके हैं कि देश का एक ही झंडा रहेगा और एक ही संविधान और एक ही नागरिकता तो कश्मीरी मुसलमानों को यह मानने में क्या दिक्कत है. अलगाव और भेदभाव की नीति से कश्मीर घाटी का विकास नहीं किया जा सकता.

इन्द्रेश कुमार आरएसएस के प्रतिनिधि के रूप में 13 वर्षों से कश्मीर में काम कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में आरएसएस से जुड़े करीब 30 संगठन सक्रिय हैं, जिनमें तालमेल बनाए रखने का काम इन्द्रेश कुमार संभालते हैं. इन संगठनों का लक्ष्य कश्मीरी मुसलमानों को भारतीयता की तरफ प्रेरित करना पाकिस्तान परस्ती से बचाना है. इन मुसलमानों के बीच स्वास्थ्य सेवाएं चलाई जा रही हैं और उन्हें शिक्षित करने कार्य भी चल रहा है.

इन्द्रेश कुमार ने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू, लद्दाख और कश्मीर घाटी के कई हिस्सों के लोग खुश हैं. राज्य की दो तिहाई जनता धारा 370 हटने के समर्थन में है. इससे कश्मीर घाटी में पंडितों, डोगराओं, सिखों, शिया मुसलमानों, गुर्जरों और दलितों को न्याय मिलेगा. सिर्फ कुछ लोग इस फैसले के विरोध में हैं, जिन्हें कुछ स्थानीय नेता भड़का रहे हैं. वे कश्मीर में खतरनाक तरीके का इस्लाम फैलाना चाहते हैं, जो हिंसा की नीति पर चलता है.

संघ के नेता ने कहा कि कश्मीर घाटी को पूरी तरह भारत का अविभाज्य अंग बनाना है. यहां के लोगों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना के प्रचार-प्रसार की जरूरत है. कश्मीर घाटी के विकास के लिए यह जरूरी है. कश्मीर के एक बड़े हिस्से के मुसलमान मानते हैं कि वे भारत के साथ ही शांति और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं.

इन्द्रेश कुमार पिछले कुछ दिनों से कश्मीर घाटी का सघन दौरा कर रहे हैं और सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद के मुद्दे पर पूर्व सेना अधिकारियों के साथ चार बैठकें कर चुके हैं. इन बैठकों में पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद, पाकिस्तान में भारतीयों की स्थिति, कश्मीर घाटी के इस्लामीकरण के प्रयास सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. आरएसएस से जुड़े दो संगठन कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ रोकने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रचार को रोकने के अभियान में जुट गए हैं.

इन्द्रेश कुमार ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से आरएसएस धारा 370 के खिलाफ जनमत तैयार करने में जुटा हुआ था. कश्मीर से बाहर रहने वाले मुसलमानों के बीच इस धारा से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जा रही थी. कश्मीर घाटी के कुछ मुसलमानों को गलतफहमी है कि इस धारा के बने रहने में उनकी भलाई है. लेकिन उनकी यह धारणा घाटी में अलगाववाद फैलाने वाली है. कुछ लोग कश्मीर में और कश्मीर से बाहर अपनी राजनीति के लिए इस धारा का हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे थे.

बीजेपी के हुए AAP के बागी कपिल मिश्रा

दिल्ली विधानसभा की सदस्यता रद्द किए जाने और अयोग्य ठहराए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. शनिवार सुबह करीब सुबह 11 बजे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली के प्रभारी श्याम जाजू, प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और विजय गोयल की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कपिल मिश्रा ने भाजपा का खुल कर समर्थन किया था और जब से उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ी थी उसके बाद से ही उन्होंने संकेत देने शुरू कर दिए थे की आने वाले समय में वह भाजपा में शामिल हो सकते है. आप पार्टी से बगावत के बाद से ही कपिल मिश्रा अक्सर बीजेपी के उठाए गए मुद्दों का भी खुल कर समर्थन करते नजर आते रहे हैं.

बीजेपी में शामिल होने के बाद कपिल मिश्रा ने कहा कि लगभग दो साल तक पार्टी में न रहते हुए भ्रष्‍ट सरकार का विरोध करना आसान नहीं था. अन्ना के साथ जिन भृष्टाचारियों का विरोध किया उसके साथ केजरीवाल जा मिले, ऐसे में विरोध ही एकमात्र रास्ता है.

आगे मिश्रा ने कहा की विधायकी से ज्यादा गर्व मुझे भाजपा का कार्यकर्ता बनने में है. केजरीवाल कह रहे हैं कि इसबार उन्हें 70 सीटें मिलेगी, उन्हें किसी टेंट हॉउस से 70 सीटें मिल सकती है, विधानसभा चुनाव में तो आप को एक भी सीट नहीं मिलेगी. उन्होंने बताया की मैं भाजपा में इसलिए शामिल हो रहा हूं कि “खुलकर भारत माता की जय बोल सकूं”.

कपिल मिश्रा ने जब भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, उस समय ऋचा पांडेय और विजेंद्र गुप्ता भी मौजूद थे. कपिल मिश्रा ने एक दिन पहले ही ट्वीट कर भाजपा में शामिल होने की जानकारी दे दी थी. मिश्रा ने ट्वीट कर कहा था कि वह शनिवार को 11 बजे भाजपा में शामिल होंगे. कपिल मिश्रा ने ‘दिल्ली चले मोदी के साथ’ नारा भी लिखा था.

370 हटने के 12 दिन बाद पांच जिलों में 2जी इंटरनेट सेवा बहाल, लोगों को आवाजाही में छूट

जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने लगे हैं. कश्मीर में पिछले 12 दिनों से यानी 4 अगस्त से बंद पड़ी इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है. हालांकि, फिलहाल जम्मू में उपभोक्ता सिर्फ 2जी सेवा का फायदा ही उठा पाएंगे. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई है. केंद्र सरकार ने जिन इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई है उनमें जम्मू, रियासी, सांबा, कठुआ और उधमपुर जैसे इलाके शामिल हैं. घाटी में भी लैंडलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं. साथ ही कश्मीर घाटी के 50 हजार लैंडलाइन कनेक्शन भी शुरू किया गया है.

शुक्रवार को ही जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से टेलीकॉम सेवाएं बहाल की जाएंगी. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में हिंसा की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला किया था. जिन 17 इलाकों एक्सचेंज में लैंडलाइन सेवाएं शुरू की गई हैं उनमें सिविल लाइन्स क्षेत्र, छावनी क्षेत्र, श्रीनगर जिले के हवाई अड्डे के पास के हैं. मध्य कश्मीर में बडगाम, सोनमर्ग और मनिगम में लैंडलाइन सेवाएं बहाल की गई हैं. वहीं, उत्तर कश्मीर में गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाकों में सेवाएं बहाल हुई हैं.

अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य हो जाएंगे. जम्मू में इंटरनेट सेवा बहाल करने के बाद अब आज ही प्रशासन घाटी में लैंडलाइन फोन सेवा को फिर से शुरू करने जा रहा है.

पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले की फिर से होगी जांच – गहलोत सरकार

बाढ़ग्रस्त हिंडौली में राहत कार्यों में हाथ बंटाने पानी में उतरे चांदना

राजस्थान सरकार में युवा मामले एवं खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कौशल, रोजगार, परिवहन राज्यमंत्री अशोक चांदना शुक्रवार को अपने विधानसभा क्षेत्र बूंदी के हिंडौली पहुंचे. यहां भारी बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात है. ​भीषण बाढ़ग्रस्त हालातों को देखते हुए खेल मंत्री खुद कमर तक के पानी में उतर गए और राहत कार्यों में हाथ बटाने लगे.

गौरतलब है कि भारी बारिश के कारण बूंदी के हिंडौली तहसील में बाढ़ के से हालात हैं. गहलोत सरकार में खेल एवं युवा मामले मंत्री अशोक चांदना बाढ़ राहत कार्यों का निरीक्षण करने शुक्रवार को हिंडौली पहुंचे. वहां के हालात देख चांदना रूक न पाए और कमर तक के पानी में खुद उतरकर लोगों की मदद की.

 

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