Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपना जातीय समीकरण और सियासी गठजोड़ बनाने में जुट गई है. ऐसे में बीजेपी ने 2022 के चुनाव के लिए अपना दल (एस) के अलावा संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यूपी के चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया है. प्रधान ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि, ‘भाजपा का निषाद पार्टी से गठबंधन हो चुका है. यूपी चुनाव में भाजपा और निषाद पार्टी मिलकर लड़ेंगी. अपना दल पहले से इस गठबंधन का हिस्सा है’. हालांकि.निषाद पार्टी सूबे में कितनी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इस पर मुहर नहीं लगी. सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा ने चुनावी समीकरण साधा है. साथ ही राजभर की कमी को निषाद को पूरा करना है.
प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के साथ निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी मौजूद रहे. इसके अलावा यूपी सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की मौजूदगी भी रही. इस दौरान धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि, ‘चुनाव प्रभारी बनने के बाद तीन दिन से उत्तर प्रदेश में हूं. यहां 2022 में एक बार फिर भाजपा की जीत सुनिश्चित है’, प्रधान ने निषाद पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन की अधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि, ‘इससे एनडीए के अभियान को मजबूती मिलेगी. अपना दल और कई अन्य सामाजिक संगठन भी हमारे साथ जुड़े हैं’.
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सियासी बिसात बिछने लगी है. हर राजनीतिक दल अपने समीकरण दुरुस्त करने में लगा है. भाजपा ने भी चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान की अगुवाई में रणनीतिकारों की पूरी टीम मैदान में उतार दी है. पिछले कई दिनों से यह टीम अलग-अलग स्तरों पर बैठकें कर माहौल को भांपने और पार्टी कार्यकर्ताओं-नेताओं को जीत के गुर सिखाने में जुटी है. इसी क्रम में शुक्रवार को बीजेपी के चुनावी गठबंधन का ऐलान करते हुए प्रधान ने कहा कि, ‘सबका साथ और सबका विश्वास जरूरी है.’
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पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ पर जनता का अटूट भरोसा- प्रधान
प्रधान ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ पर जनता का अटूट भरोसा है. प्रजातंत्र में विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी होती है. 2022 में यूपी की जीत महत्वपूर्ण है. सरकार व संगठन के काम व समन्वय के कारण हम जीतेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव होगा. हम सभी समाज और समुदाय को साथ लेकर चुनाव लड़ेंगे. निषाद पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे पर सही समय पर निर्णय होगा. अन्य कई दलों से बात चल रही हैं’.
2022 में मिलकर दिखाएंगे ताकत- स्वतंत्र देव सिंह
प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि, ‘यूपी चुनाव को लेकर पिछले तीन दिन से बैठकें चल रही हैं. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी हमारे साथ हैं. 2022 के लिए दोनों दल मिलकर ताकत से लड़ेंगे. देव ने कहा कि, ‘सीएम योगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में हम आगे बढ़ेंगे. दोनों मिलकर राज्य में कमल खिलाएंगे’.
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अटकलों पर लगा विराम, सीट बंटवारे पर फाइनल हुई बात
बीजेपी और निषाद पार्टी के बीच गठबंधन पर पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म था. शुक्रवार को इन सभी अटकलों पर विराम लग गया. निषाद पार्टी का पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ था. संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते थे लेकिन अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले निषाद पार्टी द्वारा लगाई गई कई शर्तों की वजह से सियासी गलियारों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटों के बंटवारे का ऐलान नहीं
हालांकि धर्मेंद्र प्रधान ने सीट बंटवारे को लेकर कोई ऐलान नहीं किया. कहा जा रहा है कि सीटों को लेकर बातचीत भी लगभग तय हो चुकी है, पर इसका ऐलान केंद्रीय नेतृत्व के साथ मंथन के बाद किया जाएगा. माना जा रहा है कि भाजपा पूर्वांचल में निषाद पार्टी को 3-4 सीटें दे सकती है. कहा जा रहा है कि डॉ. संजय निषाद को नामित एमएलसी बनाए जाने और मंत्रिमंडल विस्तार होने पर मंत्री बनाए जाने पर भी मंथन हुआ है.
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निषाद के आने से भाजपा को मिलेगा फायदा
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय निषाद को साथ लेकर ओम प्रकाश राजभर की ‘मोनोपोली’ (एकाधिकार) को तोड़ने में सफल रही थी. बीजेपी ने संजय निषाद के बेटे को संतकबीरनगर से संसद का चुनाव अपने सिंबल पर लड़ाया था, जिसके चलते पूर्वांचल में निषाद समुदाय का एकमुश्त वोट उसे मिला था. 2022 के चुनाव में बीजेपी फिर से इसी समीकरण को जमीन पर उतारने का दांव चला है, जिसके लिए निषाद पार्टी से गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी है. बीजेपी ने संजय निषाद के जरिए अति पिछड़ों में सर्वाधिक जनसंख्या वाले निषाद जाति संबंधित करीब 6-7 उपजातियों को साधने की कोशिश की है. राजभर समुदाय की तरह निषाद समुदाय का भी पूर्वांचल में अच्छा खासा वोट बैंक हैं. निषाद समुदाय के तहत निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, मांझी, गोंड आदि उप जातियां आती हैं. सूबे में 20 लोकसभा सीटें और तकरीबन 60 के करीब विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां निषाद वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया, संतकबीर नगर, मऊ, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, इलाहाबाद ,फतेहपुर, सहारनपुर और हमीरपुर जिले में निषाद वोटरों की संख्या अधिक है. ऐसे में बीजेपी ने संजय निषाद को साथ मिलाकर राजभर समजा की नाराजगी से संभावित नुकसान से बचने के लिए की कवायद की है, लेकिन सूबे में निषाद समाज अलग-अलग खेमों में बंटे हैं और सभी खेमों के अलग-अलग नेता हैं. बिहार में निषाद समुदाय के मंत्री और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी भी यूपी में चुनाव लड़ने का दम भर रहे हैं.
राजभर के कमी की भरपाई करेंगे निषाद
ओमप्रकाश राजभर की सियासी कमी की भरपाई के लिए बीजेपी ने संजय निषाद की निषाद पार्टी के साथ मिलकर 2022 के चुनाव लड़ने का फैसला किया है ताकि पूर्वांचल में सियासी समीकरण को मजबूत बनाया जा सके. ओम प्रकाश राजभर बलिया से हैं तो संजय निषाद गोरखपुर से हैं. इस तरह से दोनों ही पूर्वांचल और अतिपिछड़ी जाति से आते हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने संजय निषाद को साथ लाकर अपना सियासी समीकरण को दुरुस्त करने की कवायद की है.