अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मध्यस्थता के काम न करने पर की गई यह सुनवाई आज टल गई है. अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल से 18 जुलाई को स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. पैनल को ये रिपोर्ट अगले गुरुवार तक सुप्रीम कोर्ट में जमा करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पहले मध्यस्थता पैनल अपनी रिपोर्ट पेश करे. अगर पैनल कहता है कि मध्यस्थता कारगर साबित नहीं होती है तो 25 जुलाई के बाद ओपन कोर्ट में रोजाना इसकी सुनवाई होगी.

हिंदू पक्ष की तरफ से वकील रंजीत कुमार ने कहा है कि 1950 से ये मामला चल रहा है लेकिन अभी तक सुलझ नहीं पाया है. मध्यस्थता कारगर नहीं रही है इसलिए अदालत को तुरंत फैसला सुना देना चाहिए. पक्षकार ने कहा कि जब ये मामला शुरू हुआ था तब वह जवान थे, लेकिन अब उम्र 80 के पार हो गई है. लेकिन मामले का हल नहीं निकल रहा है.

इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की बेंच कर रही है. अदालत ने कहा है कि अनुवाद में समय लग रहा था. इसी वजह से मध्यस्थता पैनल ने अधिक समय मांगा था. अब हमने पैनल से रिपोर्ट मांगी है.

बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की इजाजत दी थी. मध्यस्थों की कमेटी में जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को शामिल किया गया था. इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला हैं. मध्यस्थता कमेटी को 8 हफ्तों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था. कोर्ट ने मामले में 15 अगस्त तक का समय मांग था.

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