जीडीपी पर बोले गहलोत- मोदी सरकार ने देश को बर्बादी की ओर ला दिया है, पूनियां ने किया पलटवार

आजादी के बाद पहली बार भारत के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है- गहलोत, अपनी नाकामियां छिपाने के लिए मुख्यमंत्री पीएम मोदी पर आरोप लगाते हैं और यह उनकी आदत भी बन चुका है- पूनियां

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Politalks.News/Rajasthan. आजादी के बाद से पहली बार देश की जीडीपी में आई सबसे भारी गिरावट के कारण हमारी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. जारी आंकड़ों के अनुसार देश की जीडीपी का सूचकांक माइनस 24 (-24) पर पहुंच गया है. जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जीडीपी का माइनस 23.9 प्रतिशत पर पहुंचना बताता है कि मोदी सरकार ने देश को बर्बादी की ओर ला दिया है. सीएम गहलोत के ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि अपनी नाकामियां छिपाने के लिए मुख्यमंत्री इन दिनों केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाते हैं और यह उनकी आदत भी बन चुका है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार गिरती जीडीपी को लेकर कोई स्टेप नहीं उठा रही है. आजादी के बाद पहली बार भारत के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. सीएम गहलोत ने कहा कि जीडीपी का माइनस 23.9 प्रतिशत पर पहुंचना बताता है कि मोदी सरकार ने देश को बर्बादी की ओर ला दिया है. देश की अर्थव्यवस्था लंबे समय से डूब रही है लेकिन एनडीए सरकार ने स्थिति में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. मोदी सरकार द्वारा सभी सुझावों, चेतावनियों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया. सरकार की अक्षमता के कारण लोग पीड़ित हैं.

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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि यह सबसे अधिक चिंताजनक है कि अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में तेजी से गिरावट आई है. निर्माण और विनिर्माण अप्रैल-जून में क्रमशः 50 और 39 प्रतिशत से अधिक सिकुड़ गया, जबकि व्यापार, होटल, परिवहन और संचार में 47 प्रतिशत का संकुचन दर्ज किया गया. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार को तत्काल सुधारात्मक उपाय करने की आवश्यकता है.

मुख्यमंत्री गहलोत के ट्वीट के बाद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि वैश्विक मन्दी के कारण देश की जीडीपी ग्रोथ में कुछ गिरावट आई है, लेकिन इसे कोरोनाकाल के सन्दर्भ में भी देखा जाना चाहिए. पूनियां ने कहा कि अपनी नाकामियां छिपाने के लिए मुख्यमंत्री इन दिनों केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हैं और यह उनकी आदत भी बन चुका है. मुख्यमंत्री फेस सेविंग की कोशिश कर रहे हैं. पूनियां ने आगे कहा कि कोरोना के दौर में भी अर्थव्यस्था को संभालने की कोशिशें लगातार केन्द्र सरकार की तरफ से हुई हैं. पूनिया ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था प्रगतिशील है. ऐसे में केन्द्र सरकार को थोड़ा और वक्त दिया जाना चाहिए.

सतीश पूनिया ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष भी भारत की अर्थव्यवस्था में काफी संभावनाएं देखता है. आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि अगर हालात सामान्य रहे तो भारत की अर्थव्यवस्था जल्द ही रिवाइव भी होगी. पूनियां ने साल 2021 में हालात अच्छे होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि देश बड़ा है और चुनौतियां भी बड़ी हैं. ऐसे में कोरोनाकाल के बीच भी सरकार ने बुनियादी विकास और उससे आगे बढ़कर भी काफी अच्छा काम किया है. पूनियां ने कहा कि केन्द्र में कई साल तक कांग्रेस की सरकार रही. उस दौर में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर हालात ज्यादा विकट थे.

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सतीश पूनियां ने कहा कि इस समय कोरोना भी देश के सामने बड़ी चुनौती बना हुआ है. ऐसे समय में सरकार की तरफ से जारी बीस लाख करोड़ का पैकेज भी नजरअन्दाज़ करना कांग्रेस की सोच को दर्शाता है. पूनियां ने केन्द्र के वित्तीय प्रबंधन को कारगर और सफल बताते हुए कहा कि अभी विश्वव्यापी आर्थिक मन्दी होने के चलते जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट दर्ज की गई है और हालात ठीक होते ही अर्थव्यवस्था पटरी पर जल्द लौटेगी.

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