जम्मु-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का विरोध, कांग्रेस ने किया हंगामा

politalks.news

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में जम्मु कश्मीर से संबधित आरक्षण विधेयक पेश किया. शाह ने आरक्षण विधेयक पेश करने से पूर्व सदन में जम्मू.कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाए जाने का प्रस्ताव रखा. शाह ने कहा कि दिसंबर, 2018 में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. अब इसकी मियाद दो जुलाई को खत्म हो रही है. शाह ने सदन से आग्रह किया कि जम्मु-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह माह के लिए और बढ़ाया जाए.

अमित शाह ने सदन को बताया कि रमजान और अमरनाथ यात्रा के कारण चुनाव आयोग अभी चुनाव कराने में असमर्थ है. आयोग ने जम्मु-कश्मीर में साल के अंत में चुनाव करवाने का फैसला किया है. शाह ने बताया कि चुनाव आयोग की तरफ से इन महीनों में पिछले कई दशकों से चुनाव नहीं कराए गए हैं.

अमित शाह के जम्मु-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने के अमित शाह के प्रस्ताव का कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया. कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पीडीपी और बीजेपी की मिलीभगत के कारण ही हर 6 महीने में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को बढ़ाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद के खिलाफ आपकी कड़ी नीति है तो हम इसका विरोध नहीं करेंगे. हालांकि यह ध्यान रखने की भी जरूरत है कि आतंकवाद के खिलाफ तभी लड़ाई जीती जा सकती है जब उस जगह की आवाम आप के साथ हो.

Google search engine

Leave a Reply