राजधानी में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध हुआ हिंसात्मक , कपिल मिश्रा और समर्थकों पर भीड़ का पथराव

शाहीन बाग के बाद चांद बाग, जाफराबाद और मौजपुर में भी शुरु हुआ प्रदर्शन, कई मेट्रो स्टेशन और रास्ते बंद, पथराव में कई घायल

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पॉलिटॉक्स न्यूज़. सीएए और एनआरसी के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में धरना बदस्तूर जारी है. उसी तर्ज पर रविवार को चांद बाग और जाफराबाद में भी प्रदर्शन शुरु हो गया. इसके जवाब में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा और उनके समर्थक सड़क पर उतर आए और जाफराबाद और चांद बाग में सड़कें खुलवाने की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया और धरने पर बैठ गए. इस दौरान एक गली से कुछ लोग आए और कपिल मिश्रा और उनके समर्थकों पर पथराव कर दिया. इसके जवाब में कपिल मिश्रा के समर्थकों ने पथराव करने वालों का पीछा किया और पथराव की जवाबी कार्रवाई की. मौजपुर चौराहे के पास पथराव का यह सिलसिला करीब आधे घंटे तक चलता रहा. इस पथराव में कई लोग घायल हो गए.

जब हालात काबू से बाहर होने लगे तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. मौजपुर में तनाव बढ़ने और पथराव के बाद मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है. जाफराबाद मेट्रो स्टेशन को भी बंद किया गया है. सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के चलते शाहीन बाग-कालिंदी कुंज-सरिता विहार रोड, वजीराबाद-चांद बाग रोड और मौजपुर-जाफराबाद रोड भी बंद हो गए हैं.

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इधर, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ में भी प्रदर्शन चल रहा है. रविवार को मामला तब बिगड़ गया जब कुछ लोगों ने ऊपरकोट कोतवाली पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने हमलावरों को वहां से हटाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले दागे. फिलहाल अलीगढ़ में अगले 24 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा बाधित कर दी गई है.

इस बारे में अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया था. पुलिस प्रशासन सड़क को खुलवाने की कोशिश कर रहा था, तभी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुछ छात्राओं ने भीड़ को आक्रोशित कर दिया. जिसके बाद लोगों ने पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस ने उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. फिलहाल माहौल शांत है.

बता दें, दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में 18 दिसम्बर से प्रदर्शन लगातार जारी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सरकार ने मामले में दखल देते हुए प्रदर्शकारियों से मिलने की बात कही थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्यस्थता करने के लिए एक पैनल भी शाहीन बाग भेजा था लेकिन बात कुछ बनी नहीं. कुछ देर के लिए एक तरफा रास्ता खोलने के बाद एक अन्य दल ने उसे फिर से बंद कर दिया.

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