वहीं महाराष्ट्र (Maharastra) में अगले महीने होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेेस ने रविवार को अपनी पहली सूची जारी कर दी. कांग्रेस चुनाव समिति के प्रमुख मुकुल वासनिक द्वारा जारी की गई पहली सूची में 51 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. जारी लिस्ट में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बेटे अमित विलासराव देशमुख और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणिती के नाम भी हैं. अमित देशमुख महाराष्ट्र की लातूर शहर सीट और शोलापुर सिटी सेंट्रल से प्रणिती चुनाव लड़ेगी. अशोक चव्हाण (Ashok Shankarrao Chavan) भोकर सीट से किस्मत आजमाएंगे.
वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस, रांकपा और अन्य पार्टी के 6 विधायक सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गए. कांग्रेस छोड़ने वालों में मुम्बई मालाड से विधायक असलम शेख, शिरपुर से विधायक काशीराम पावरा, साकरी सीट से डी.एस. अहिरे, पंढरपूर से भारत भालके, अक्कलकोट से सिद्धराम म्हेत्रे और बुलढाणा चिखली से विधायक राहुल बोन्द्रे शामिल हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक अपना नाम कांग्रेस द्वारा जारी लिस्ट में नहीं पाने के कारण नाराज थे. सूत्रों के अनुसार, सभी विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. इन सभी को बीजेपी की तरफ से टिकट मिलने की पूरी संभवना है.
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दरअसल महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी यानि एनसीपी ने विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया है. दोनों पार्टियों ने 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है. शेष 38 सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी है जिनपर उम्मीदवारों की घोषणा शेष है. इस भागीदारी को एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वीकृति दे दी है. बता दें, महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं. 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को परिणाम आने हैं.
The Congress Central Election Committee announces the first list of candidates for the ensuing elections to the Legislative Assembly of Maharashtra pic.twitter.com/LUruU7UNWB
— Congress (@INCIndia) September 29, 2019
2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 और एनसीपी ने 41 सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं प्रदेश की नंबर दो पार्टी शिवसेना 62 सीटों पर विजयी रही. भाजपा को 122 सीटों पर जीत हासिल हुई. 31 सीटों पर अन्य पार्टियों और निर्दलीयों का कब्जा रहा. इस बार गठबंधन में बीजेपी विरोधी राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है.
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वहीं भाजपा-शिवसेना के गठबंधन में सीटों और सत्ता के बंटवारे का पेंच फंसा हुआ है. हालांकि यहां चल रही हवा में मोदी झलक विराजमान है लेकिन हाल में महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में ईडी की शरद पवार से पूछताछ को लेकर उठे बवाल ने प्रदेश में एनसीपी को फिर से खड़ा होने का मौका दे दिया. बदली हवा को देखते हुए शिवसेना के एनसीपी से गठजोड़ की खबरें भी गर्म हैं. अगर ऐसा होता है तो एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की तिगड़ी को मात देना भाजपा के लिए मुश्किल साबित होने वाला है. इस तरह की स्थिति में एनसीपी को अपने हिस्से की कुछ सीटें शिवसेना के लिए छोड़नी होंगी. सोनिया गांधी से भी एकआत सीटें शिवसेना के लिए देने की गुजारिश की जा सकती है.